झारखंड में माओवादी रवि मरांडी तो बिहार से राकेश सहनी को सुरक्षाबलों ने किया गिरफ्तार

जानकारों की माने तो गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों में चलाए जा रहे इन अभियानों से राज्य में ना केवल माओवादियों के संगठनात्मक ढांचा बिखर गया है अपितु उनके शरण लेने के स्थान भी तेजी से सिकुड़ते जा रहे हैं।

The Narrative World    12-Nov-2022   
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झारखंड के अति माओवाद प्रभावित जिले गिरिडीह में पुलिस को गुरुवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है जानकारी के अनुसार जवानों की संयुक्त टीम ने गुरुवार देर रात छापेमारी अभियान चलाकर वांछित माओवादी रवि मरांडी को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस रवि को डुमरी के उप मुखिया प्रकरण में ढूंढ रही थी।
 
जानकारी के अनुसार गिरिडीह पुलिस को सूचना मिली थी कि माओवादी रवि मरांडी मंझलाडीह बाजार में खरीददारी के लिए आ सकता है जिसके उपरांत केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल सीआरपीएफ एवं गिरिडीह पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में उसे धर दबोचा गया है।
 
इस संदर्भ में अभियान में शामिल सीआरपीएफ सहायक कमांडेंट संतोष मिश्रा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कई माओवादी घटनाओं में संलिप्त माओवादी को छापेमारी अभियान में गिरफ्तार किया गया है, गिरफ्तार माओवादी रवि मरांडी गिरिडीह जिले के डुमरी थाना के कर्माबहियार गांव का निवासी है।
 
बता दें कि मरांडी पर डुमरी के पूर्व उप मुखिया रहे गुड्डू अंसारी की हत्या का आरोप है जिसे उसने पीरटांड़ में सक्रिय कृष्णा समूह के साथ मिलकर अंजाम दिया था, मरांडी माओवादियों के कृष्णा दस्ते का सक्रिय सदस्य रहा है जिसके विरुद्ध डुमरी, तीसरी एवं पीरटांड़ थानों में सीएलए एक्ट के तहत नामजद मुकदमे पंजीकृत हैं।
 
रवि पीरटांड़ में जिलेबिया मोड़ के समीप एक पुलिया को उड़ाए जाने की घटना में संलिप्त रहा है और उसके विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों अंतर्गत कुल 17 प्रकरण लंबित हैं, जानकारी है कि रवि की पत्नी भी माओवादी दस्ते की सदस्य है जो वर्तमान में फरार बताई जा रही है, सूचना के अनुसार पुलिस मरांडी से पूछताछ कर रही है जिसके उपरांत कृष्णा समूह के सदस्यों को लेकर छापेमारी अभियान तेज किया जा सकता है।
 
बता दें कि झारखंड में सुरक्षाबलों द्वारा माओवादियों के संमूल उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा अभियान निरंतर जारी है जिसके अंतर्गत पिछले कुछ वर्षो में माओवादी मोर्चे पर सुरक्षाबलों को वांछित सफलता मिली है, जानकारों की माने तो गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों में चलाए जा रहे इन अभियानों से राज्य में ना केवल माओवादियों के संगठनात्मक ढांचा बिखर गया है अपितु उनके शरण लेने के स्थान भी तेजी से सिकुड़ते जा रहे हैं।
 
इस क्रम में अभी हाल ही में तीन दशकों से माओवादियों के गढ़ रहे बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त क्षेत्र घोषित किये जाने के उपरांत अब माओवादियों के विरुद्ध चल रहा अभियान अपने अंतिम दौर में जा पहुंचा है, जहां सुरक्षाबलों के सामने कुछेक कुख्यात माओवादियों एवं लेवि वसूलने के कृत्य में संलिप्त उनके सहयोगियों का सफाया करना ही शेष है
 
बिहार से माओवादी राकेश सहनी भी हुआ गिरफ्तार
 
वहीं माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में समस्तीपुर जिला पुलिस ने माओवादी राकेश साहनी को गिरफ्तार कर लिया है, राकेश को समस्तीपुर जिला अंतर्गत निकसपुर के समीप ताजपुर-हलइ से गिरफ्तार किया गया है।
 
जानकारी के अनुसार यह गिरफ्तारी संयोगवश हुई है, दरअसल माओवादी राकेश साहनी गुरुवार रात्रि अपने कुछ सहयोगियों के साथ ताजपुर हलइ मार्ग से सोनपुर की ओर जा रहा था जब ददनपुर गांव के समीप उसकी गाड़ी पलट गई, इसी दौरान गश्त पर निकले जवानों की टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो उन्होंने राकेश को धर दबोचा।
 
विदित हो कि कभी उत्तर बिहार में मजबूत पकड़ रखने वाले माओवादी संगठन के पावँ अब इस क्षेत्र से उखड़ चुके हैं और जो कुछेक मुट्ठी भर नक्सली क्षेत्र में अब भी सक्रिय हैं वो या तो पकड़े जा रहे हैं अथवा फरारी काटने को बाध्य हैं, बता दें कि इसी क्रम में अभी एक महीने पूर्व ही सुरक्षाबलों की टीम ने मुजफ्फरपुर के सरैया थाने क्षेते अंतर्गत माओवादियों के बीच 'दीदी' नाम से लोकप्रिय महिला माओवादी को भी गिरफ्तार किया था।