दुनिया भर में चीनी जासूसों का मायाजाल

The Narrative World    17-Dec-2022   
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chinease spy
 
कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों में एक खबर चर्चा का विषय बनी हुई है कि चीनी कम्युनिस्ट सरकार के द्वारा दुनियाभर में अवैध 'खुफिया पुलिस थाने' खोले गए हैं। इन पुलिस थानों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी की जा चुकी हैं और चीन से विभिन्न देशों ने जवाब भी मांगा है। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत तमाम देशों ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है।
 
हालांकि अभी भी यह जानकारी है कि दुनिया के लगभग 53 देशों के 100 से अधिक शहरों में चीन ने अपने इन अवैध खुफिया पुलिस थाने स्थापित किए हैं। दरअसल यह सबकुछ चीन के द्वारा अपनाई जाने वाली उन नीतियों का हिस्सा है जिसके माध्यम से वह विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपनी 'जासूसी' गतिविधियों को अंजाम देता है।
 
इन्हीं गतिविधियों को लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया समूह एसबीएस ने एक खबर प्रकाशित किया है, जिसमें चीन के द्वारा किए जा रहे इन जासूसी गतिविधयों को लेकर अनुमान लगाया गया है।
 
इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि चीन के वेंझाऊ पुलिस स्टेशन द्वारा ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पुलिस थाना स्थापित किया गया है, जो चीनी कम्युनिस्ट सरकार के निर्देश पर कार्य कर रहा है।
 
चीनी जासूसी पर 'Spies and Lies: How China's Greatest Covert Operations Fooled the World' नामक पुस्तक लिखने वाले एलेक्स जोसके ने भी चीन के इस मायाजाल को लेकर कई खुलासे किए हैं।
 
ऑस्ट्रेलियाई रणनीति नीति संस्थान के पूर्व वरिष्ठ विश्लेषक एलेक्स जोसके ने अपनी पुस्तक में चीन की स्टेट सिक्योरिटी मंत्रालय द्वारा किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी है।
 
इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्षस्थ नेता स्वयं विदेशी नेताओं को प्रभावित करने में शामिल होते हैं, जिससे दूसरे देशों की नीतियों को चीन के पक्ष में किया जा सके।
 
कलाकारों से लेकर पत्रकारों, साहित्यकारों, गीतकारों एवं मनोरंजन से जुड़े लोगों को भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से प्रभावित कर उनके लिए चीन में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की जाती हैं, जिसके बाद वे लोग अपने देश में जाकर 'चीनी एजेंट' के रूप में कार्य करते हैं।
 
एलेक्स जोसके ने चीन के थिंक टैंक 'चाइना रिफॉर्म फोरम' पर यह आरोप भी लगाया है कि इस संस्था के माध्यम से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी विदेशी मूल के लोगों को अपने साथ जोड़ रही है, जो उसके लिए 'जासूसी' कर सकते हैं।
 
इसके अलावा यह जानकारी भी सामने आई है कि चाइना रिफॉर्म फोरम का संबंध चीन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से भी है, जो चीन में रक्षा नीतियों से संबंधित विषयों पर निगरानी रखते हैं।
 
जोसके कहते हैं कि चीन के इस स्टेट सिक्योरिटी सम्बंधित मंत्रालय ने अपने अनुसार लोगों को लक्षित कर उनसे संपर्क साधना शुरू कर दिया है और यह प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है।
 
दरअसल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपने से छोटे एवं कम शक्तिशाली राष्ट्र को डराने के लिए सैन्य बल का उपयोग करती है, लेकिन जब कोई राष्ट्र सीमाई क्षेत्र से दूर हो और वहां चीन को हस्तक्षेप करना हो तो उसके द्वारा इन्ही अवैध जासूसी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
 
चीन की इन 'गुप्त गतिविधियों' पर एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई बुद्धिजीवी ने अपनी किताब में विस्तार से जानकारी दी है। प्रोफेसर क्लाइव हैमिल्टन ने अपनी पुस्तक 'सीक्रेट इंवेज़न' में इस बात पर मुख्य रूप से जोर दिया है कि आखिर किस प्रकार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ऑस्ट्रेलिया में अपनी पकड़ को मजबूत कर रही है।
 
इस पुस्तक के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक दलों को भारी मात्रा में अनुदान दिया है, इसके साथ ही स्थानीय चीनी भाषी मीडिया समूहों के अधिग्रहण हेतु पत्रकारों एवं मीडिया टायकून को आकर्षक उपहार एवं 'विलासी जीवनशैली' मुहैया कराई है।
 
प्रोफेसर हैमिल्टन की किताब में इस बात का भी जिक्र है कि ऑस्ट्रेलिया के इन प्रभावी बुद्धिजीवियों को समय-दर-समय चीन की यात्राएं भी कराई गईं हैं, जिसका पूरा खर्च चीनी कम्युनिस्ट पार्टी या उससे जुड़ी संस्थाओं/कंपनियों ने उठाया है।
 
ऑस्ट्रेलिया के अलावा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी भारत, अमेरिका और यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी जासूसी गतिविधियों को बढ़ाती हुई नजर आ रही है। भारत में बीते 2 वर्षों में कई चीनी जासूस पुलिस की गिरफ्त में आए हैं।
 
इसके अलावा अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जिस प्रकार से अपने पुलिस थाने स्थापित किए हैं, उनके माध्यम से जासूसी की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।
 
साथ ही यह बात भी सामने आई है कि यूरोप में लंडन से लेकर पेरिस और डबलिन से लेकर एम्स्टर्डम में भी चीनी जासूसी के केंद्र रूपी 'पुलिस थाने' पाए गए हैं जिसके बाद संबंधित देशों की जांच एजेंसियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
 
यूरोप, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अलावा नेपाल एवं भूटान में चीनी जासूसी गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ी हैं। नेपाल में राजनीतिक दलों के बीच चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 'एजेंट' मौजूद हैं, ऐसी कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं।
 
दरअसल यह चीन की वो गतिविधियां हैं जिससे सम्पूर्ण विश्व मे खतरा उत्पन्न हो रहा है, एवं इसके माध्यम से लोकतांत्रिक देशों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अस्थिरता पैदा करने का प्रयास कर रही है। अब समय आ चुका है कि चीन के इन षड्यंत्रों पर वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक देशों के द्वारा कड़े कदम उठाए जाएं और उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।