उत्तरप्रदेश में ईसाई मिशनरियां सक्रिय, एक ही दिन में दो-दो स्थानों पर चल रहा था मतांतरण का 'अवैध' खेल

The Narrative World    22-Dec-2022   
Total Views |
missionaries menance in UP 
उत्तरप्रदेश के सीतापुर क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर उस षड्यंत्र को उजागर कर दिया है भारत विरोधी शक्तियों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में रचा जा रहा है।
 
सीतापुर में ईसाई मिशनरियों के द्वारा 200 हिंदुओं के सामूहिक मतांतरण की तैयारी की जा रही थी जिसमें विदेशी ईसाई पादरी समेत कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
 
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने जब मौके पर छापेमारी की, तो उनके भी होश उड़ चुके थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीतापुर के अंतर्गत आने वाले शाहबाजपुर गांव में बीते 18 दिसंबर को एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदुओं की मौजूदगी थी।
 
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान सभा में मौजूद लगभग 200 हिंदुओं को ईसाई बनाने की तैयारी थी, जिसे अब रोक लिया गया है। इस मामले में छापेमारी के बाद पुलिस ने 4 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
 
पुलिस ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि शहबाजपुर गांव में ईसाई मिशनरी समूह के द्वारा कथित रूप से एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें ब्राज़ील से आए 4 नागरिक भी शामिल थे।
 
इस सभा का आयोजन जौनपुर के डेविड अस्थाना ने किया था जो स्वयं ईसाई पादरी है। उसकी पत्नी रोहिणी अस्थाना भी उसके साथ मौजूद थी। इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी एक स्थानीय निवासी ने पुलिस को शिकायत करने के दौरान दी है।
 
शिकायतकर्ता के अनुसार सभा में डेविड अपनी पत्नी और विदेशी ईसाई मिशनरी सदस्यों के साथ मिलकर मतांतरण की गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार ईसाई मिशनरी सदस्यों के द्वारा सभा में मौजूद हिंदुओं को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया।
 
ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र का स्तर इस बात से ही लगाया जा सकता है कि मतांतरण की गतिविधियों में शामिल ब्राज़ील से आए ये 4 लोग असल में 'टूरिस्ट वीज़ा' पर भारत में मौजूद हैं। इसके अलावा इन चारों में एक ईसाई पादरी भी है।
 
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहबाजपुर में ही जमीन खरीदकर डेविड अस्थाना ने 3 वर्ष पूर्व चर्च का निर्माण भी करवाया है, जिसमें इस सभा का आयोजन किया जा रहा था।
 
ईसाइयत का प्रसार-प्रचार करने के उद्देश्य से ईसाई मिशनरियों ने इस सभा से जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया में भी फैलाया है। एक वीडियो को लेकर सामने आई जानकारी के अनुसार सभा में ब्राज़ीलियाई नागरिक अंग्रेजी में ईसाइयत अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिसका अनुवाद मंच में मौजूद कुछ लोगों के द्वारा कर सभा में मौजूद लोगों को उसकी बात बबताई जा रही है।
 
सीतापुर की इस घटना ने इस बात की ओर भी संकेत दिए हैं कि बड़ी संख्या में विदेशी चर्चों से ईसाई पादरी एवं उनके सहयोगियों को 'टूरिस्ट' बनाकर भारत में भेजा जा रहा है, जो अवैध रूप से मतांतरण जैसी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
 
दरअसल हाल ही में उत्तरप्रदेश से सामने आया मतांतरण का यह एकमात्र मामला नहीं है। जिस दिन सीतापुर के एक क्षेत्र में मतांतरण की एक घटना को डेविड ने विदेशी नागरिकों के साथ मिलकर अंजाम देने का प्रयास किया, उसी दिन सीतापुर के एक
 
 
अन्य क्षेत्र में भी हिंदुओं को ईसाई बनाने का प्रयास चल रहा था।
 
 
सीतापुर के ही सकरन थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैदापुर गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन कराए जाने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। मतांतरण की इस गतिविधि को गांव के ही एक ईसाई मिशनरी सदस्य श्रवण कुमार गौतम के घर पर किया जा रहा था।
 
स्थानीय शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इस ईसाई आयोजन में शामिल मिशनरी सदस्यों के द्वारा हिंदुओं और हिंदु धर्म के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थी, और मौके में उपस्थित हिंदुओं को मतांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
 
क्षेत्र के ही अभिषेक वर्मा ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि जब हिंदु संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे तब उन्होंने पाया कि ईसाई समुहबके कुछ लोगों के द्वारा हिंदुओं के सर पर कथित तौर पर कोई 'पवित्र द्रव' छिड़का जा रहा है और उन्हें ईसाइयत एवं 'क्रॉस चिन्ह' के बारे में जानकारी दी जा रही है।
 
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस ने ईसाई मिशनरी सदस्य श्रवण कुमार गौतम की गाड़ी से आपत्तिजनक धर्म प्रचार सामग्री बरामद की। स्थानीय लोगों की मांग के बाद पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली है, जिसके बाद पूरे मामले की जांच की जा रही है।
 
सीतापुर के अलावा हाल ही मेरठ से भी मतांतरण का मामला सामने आया था जहां ईसाई मिशनरियां सक्रिय रूप से हिंदुओं को ईसाई बनाने में जुटी हुईं थीं। दरअसल क्षेत्र के दलित हिंदुओं को ईसाई मिशनरियों द्वारा लक्षित कर शिकार बनाया जा रहा था, जिसके बाद ऐसी खबर आई थी कि मेरठ के एक गांव में 400 हिंदुओं को इन मिशनरियों ने ईसाई बना लिया था।
 
दलित समूह के जागरूक लोगों ने इस मामले को लेकर पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत कार्यवाई करते हुए 9 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी।
 
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में तहलका मचा दिया था, जिसके बाद हिंदु संगठनों ने आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई की मांग की थी। ऐसी जानकारी सामने आई थी कि हिंदुओं की गरीबी और विवशता का फायदा उठाकर स्थानीय क्षेत्र में बीते ढाई वर्षों से मतांतरण की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।