छत्तीसगढ़ से लेकर बिहार तक : माओवादियों के विरुद्ध अभियानों को मिल रही सफलता

21 दिसंबर से शुरू हुआ यह सर्च अभियान टेकमेटा, बड़े काकलेर और छोटे काकलेर गांव के अंदरूनी वन्य क्षेत्रों में चलाया जा रहा था, जिसके बाद शुक्रवार की सुबह माओवादियों का सुरक्षाबलों से टेकमेटा के जंगलों में सामना हुआ

The Narrative World    24-Dec-2022   
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security forces in Chhattisgarh 
 
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे के धुर माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और माओवादियों की मुठभेड़ हुई है, जिसमें सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
 
शुक्रवार (23 दिसंबर) को सीमावर्ती क्षेत्र में हुए इस मुठभेड़ में एक महिला माओवादी समेत दो माओवादी ढेर हुए हैं। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार एक माओवादी को गिरफ्तार किया गया है, जो मुठभेड़ के दौरान घायल पाया गया है।
 
मुठभेड़ की घटना को लेकर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला के फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले टेकमेटा के अंदरूनी जंगलों में यह मुठभेड़ की घटना हुई है, जिसमें दो माओवादी मारे गए हैं। खबर लिखे जाने तक दोनों माओवादियों की शिनाख्त नहीं हुई है, हालांकि यह कहा जा रहा है कि दोनों माओवादी लाखों रुपये के इनामी थे।
 
सुरक्षा अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 21 दिसंबर को महाराष्ट्र की सी-60 फोर्स के साथ मिलकर बीजापुर जिले की डीआरजी फोर्स ने संयुक्त रूप से माओवाद विरोधी अभियान शुरू किया था।
 
दरअसल सुरक्षाबलों को यह गुप्त सूचना प्राप्त थी कि दोनों राज्यों की सीमा में माओवादी गतिविधियां तेजी से बढ़ सकती है, साथ ही इस क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति भी मौजूद है।
 
इस जानकारी के आधार पर महाराष्ट्र में सी-60 कमांडोज़ की टीम और बीजापुर में डीआरजी की टीम तैयार की गई, और फिर उन्हें गश्ती के लिए रवाना किया गया।
 
21 दिसंबर से शुरू हुआ यह सर्च अभियान टेकमेटा, बड़े काकलेर और छोटे काकलेर गांव के अंदरूनी वन्य क्षेत्रों में चलाया जा रहा था, जिसके बाद शुक्रवार की सुबह माओवादियों का सुरक्षाबलों से टेकमेटा के जंगलों में सामना हुआ।
 
मुठभेड़ की घटना का विवरण देते हुए पुलिस ने बताया कि सुबह तकरीबन 7:30 बजे के आसपास सुरक्षाबल के जवान टेकमेटा के वन्य क्षेत्र में मौजूद थे, तभी क्षेत्र में पहले से उपस्थित माओवादियों ने उनपर हमला करने का प्रयास किया।
 
इस दौरान माओवादी आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी भी की। माओवादियों के इस हमले का जवाब देते हुए सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्यवाई करते हुए फायरिंग की, जिसके बाद दोनों ओर से लगभग 3 घंटे तक गोलीबारी चलती रही।
 
सुरक्षाकर्मियों को भारी पड़ता देख माओवादी मुठभेड़ स्थल से जंगल और पहाड़ियों की आड़ लेकर भाग निकले। हालांकि माओवादियों के भागने से पहले ही, सुरक्षाबलों की आक्रामक जवाबी कार्यवाई के चलते दो माओवादी मारे जा चुके थे।
 
मुठभेड़ थमने के बाद जब जवानों ने घटना स्थल की तलाशी ली तब उन्हें एक महिला माओवादी समेत दो माओवादियों का शव बरामद हुआ। इसके अलावा घटनास्थल से दो आधुनिक राइफल हथियार और एक 3 नॉट 3 बंदूक भी बरामद किए गए हैं।मुठभेड़ में एक माओवादी भी घायल हुआ था, जिसे जंगल से ही सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है। एक महीने में बस्तर में ढेर हुए 8 माओवादी, साल भर में हुए 62 मुठभेड़
 
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जिस सीमावर्ती क्षेत्र में माओवादियों को ढेर किया गया है, वह भी बस्तर संभाग का हिस्सा है। बस्तर में सुरक्षाबलों के द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों के बाद अब तक दिसंबर महीने में 8 माओवादियों को जवानों ने मार गिराया है। इस दौरान मारे गए माओवादियों में 5 पुरूष और 3 महिला माओवादी थे।
 
बस्तर पुलिस रेंज के पुलिस महानिरीक्षक का कहना है कि पूरे रेंज में सुरक्षाबलों के द्वारा आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है, जिससे माओवादी अब बैकफुट पर हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर पुलिस तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा पुलिस के साथ मिलकर भी माओवादियों के विरुद्ध अभियान चला रही है, जिसके कारण माओवादियों के मूवमेंट की छोटी-छोटी जानकारी भी बाहर निकल कर आ रही है।
 
दरअसल हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी बताया था कि केंद्र सरकार की पहल पर माओवादी अभियान के लिए राज्यों के बीच आपसी समन्वय की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है, ताकि माओवादियों पर शिकंजा कसा जा सके, जिसका फायदा अब माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।
 
वहीं अगर बस्तर क्षेत्र में वर्ष 2022 में माओवाद विरोधी अभियान की बात करें तो पुलिस और माओवादियों के बीच 62 मुठभेड़ की घटना हुई है, जिसके बाद 32 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। जारी किए गए आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान 279 माओवादी भी गिरफ्तार हुए हैं और 408 माओवादियों ने सरेंडर किया है।
 
 
सुकमा में सुरक्षाकर्मियों ने माओवादियों की साजिश को किया नाकाम
 
 
वहीं दूसरी ओर सुकमा जिले में माओवादियों द्वारा सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगाए गए स्पाइक होल और विस्फिटकों को बरामद किया है।
 
मिली जानकारी के अनुसार चिंतलनार में तैनात सीआरपीएफ की 223वीं बटालियन और कोबरा की 201वीं बटालियन ने अपने सर्च अभियान के दौरान सैकड़ों की संख्या में स्पाइक्स (नुकीले जहरीले लोहे या लकड़ी के छोटे छड़) बरामद किए हैं, जो कुल 73 गड्ढों में प्लांट किए गए थे।
 
दरअसल इन स्पाइक्स की जाल में फंसकर पूर्व में कई जवान गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, यही कारण है कि माओवादियों के द्वारा जंगल के भीतरी क्षेत्रों में स्पाइक्स का जाल बिछाया जाता है।
बिहार में कुख्यात माओवादी हुआ गिरफ्तार
लखीसराय में सुरक्षाबलों ने कुख्यात माओवादी श्री कोड़ा को गिरफ्तार किया है, जिसे इस क्षेत्र में माओवादियों के विरुद्ध बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस गिरफ्तारी से बौखलाए माओवादियों ने हनुमानथान के समीप गोलीबारी भी की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब भी दिया।
हालांकि इस दौरान कोई माओवादी मारा नहीं गया, लेकिन सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से तलाशी में इंसास रायफल, जिंदा कारतूस और अन्य हथियार भी बरामद किए हैं।
दरअसल कुख्यात माओवादी श्री कोड़ा अपने सहयोगी सुरेश कोड़ा और अन्य साथियों के साथ मिलकर हनुमानथान में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने वाला था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
उसकी गिरफ्तारी के बाद माओवादियों ने गुरुवार की रात पुलिस बल पर हमला करने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाबलों की जवाबी कार्यवाई से माओवादी भाग खड़े हुए।