चीन में 90 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित, अभी भी आंकड़ें छिपाने में लगी कम्युनिस्ट सरकार

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में अब कोरोना महामारी का कहर केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, अब इसका विस्तार टियर 2 और 3 शहरों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में फैल चुका है

The Narrative World    14-Jan-2023   
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चीन में कोरोना से संक्रमित लोगों से जुड़े आंकड़ों को लेकर पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर विश्व के तमाम शोधकर्ताओं एवं वायरस विशेषज्ञों ने चीन के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर संदेह जताया है। दरअसल चीन में जहां एक दिन में लाखों की तादाद में केस सामने आ रहे हैं, वहीं चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा इससे जुड़े आंकड़ों को पूरी तरह सेंसर कर दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, चीन में कोरोना के किसी नये वेरिएंट को लेकर भी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ रही है।
 
इन सब के बीच चीन के ही प्रतिष्ठित पेकिंग विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने सभी के सामने चीनी कम्युनिस्ट सरकार की पोल खोल रख दी है। पेकिंग विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में सामने आए आंकड़ों के अनुसार चीन में 11 जनवरी 2023 तक 90 करोड़ से अधिक जनता वायरस से संक्रमित हो चुकी है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की लगभग 64 प्रतिशत आबादी कोरोना महामारी की चपेट में है। एक तरफ जहां चीनी विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में चीन की 90 करोड़ जनता महामारी का शिकार हो चुकी है, वहीं चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने आधिकारिक दस्तावेजों में यह आंकड़ा केवल 20 लाख बताया है।
 
इन आंकड़ों के सामने आने के बाद वैश्विक मीडिया में भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। इतनी विशाल जनसंख्या महामारी की चपेट में होने के बाद भी चीन में कोरोना के इस नई लहर का पीक (उच्चतम स्तर) नहीं आया है, ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा इस बात की आशंका जताई जा रही है कि चीन में आने वाले समय में कोरोना के संक्रमितों और उससे मरने वाले लोगों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल सकती है।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में अब कोरोना महामारी का कहर केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, अब इसका विस्तार टियर 2 और 3 शहरों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में फैल चुका है। साथ ही विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि कोरोना के इस लहर को जाने में 3 महीने से अधिक का समय लग सकता है।
 
बीते वर्ष दिसंबर माह में स्थानीय जनता के विरोध के चलते चीनी कम्युनिस्ट सरकार को अपनी शून्य कोविड नीति वापस लेनी पड़ी थी, जिसके बाद पूरे देश में कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों पर ढील दी गई थी।
 
इस ढील के बाद देखा गया कि चीन में एकाएक कोरोना ने रफ्तार पकड़ी और लाखों लोग एक ही दिन में संक्रमित होने लगे। इसी का परिणाम है कि 11 जनवरी तक चीन में 90 करोड़ से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। हालांकि चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने इन आंकड़ों को छिपाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन अब चीन के द्वारा सेंसर किए हुए आंकड़ें भी सामने आ रहे हैं।पेकिंग विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार चीन के 3 प्रांत कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित हैं, जिसमें गांसु (91% संक्रमित), युन्नान (84% संक्रमित) और चिंगहई (80% से अधिक संक्रमित) प्रान्त शामिल है।
 चीन में स्थितियां दिसंबर माह से ही खराब होने शुरू हो चुकी थी, ऐसे में अनुमान लगाया गया था कि 20 दिसंबर तक कोरोना का पीक आ चुका है, लेकिन फिर उसके बाद तेजी से बढ़ते मामलों ने चीनी कम्युनिस्ट सरकार की भी हालत पस्त कर दी।
हालांकि वैश्विक मीडिया में केवल बीजिंग, शंघाई और ग्वांझू की चर्चाएं हैं, लेकिन जिन स्थानों में महामारी ने अपना सर्वाधिक विस्तार किया है, उसे लेकर मीडिया में भी कोई खास रिपोर्ट मौजूद नहीं है
 
हालांकि जानकारों का कहना है कि अब चीन में स्थिति ऐसी हो चुकी है कि किसी प्रान्त को कम और किसी को अधिक प्रभावित नहीं कहा जा सकता, क्योंकि लगभग पूरे चीन में विकराल स्थिति बन चुकी है।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ समय पूर्व तक दुनिया की निगाहें केवल बीजिंग तक सीमित थी, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों से सोशल मीडिया में आ रही तस्वीरों, वीडियो और जानकारियों ने दुनिया का ध्यान उस ओर भी खींचा है।
 
दरअसल जब चीन मेम कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही थी तब, वैश्विक मीडिया समेत कई स्वतंत्र पत्रकारों ने इस पर रिपोर्ट की थी, लेकिन चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने इन सभी रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया था।
 
हाल ही में अमेरिकी कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें साझा करते हुए यह बताया था कि चीन में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या भी बेहिसाब है, जिसे चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा छिपाया जा रहा है।
 
सैटेलाइट चित्रों से यह खुलासा हुआ था कि बीजिंग से सटे हुए क्षेत्र में नये श्मशान घाट का निर्माण किया गया है, जहां शवदाह के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।
 
विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि चीन में रोजाना 5000 से अधिक लोग कोरोना से मर रहे हैं, लेकिन चीनी कम्युनिस्ट सरकार का कहना है कि चीन में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या ही केवल 5200 है।