कथित हवाई हमले को लेकर माओवादियों की बर्बरता, 12वीं के छात्र की मुखबिर बताकर निर्ममता से की हत्या

गंगी ने कहा कि सूचनाएं पहुंचाने में ताती के साथ माओवादी संगठन से अलग हुआ सक्कु भी शामिल था

The Narrative World    26-Jan-2023   
Total Views |
Representative Image 
 
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र पामेड़, बासागुड़ा, रासपल्ली आदि क्षेत्रों में इसी महीने 11 जनवरी को चलाए गए अभियान को लेकर माओवादियों (नक्सलियों/कम्युनिस्ट आतंकियों) की बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है, इस क्रम में विज्ञप्तियों की श्रृंखला के माध्यम से सुरक्षाबलों पर हवाई हमले करने का आरोप मढ़ने के उपरांत माओवादी अब एक बार फिर निर्दोष लोगों के खून-खराबे पर उतर आए हैं।
 
जानकारी के अनुसार माओवादियों ने 11 जनवरी को हुए हमले को लेकर बोत्तेतोंग ग्राम निवासी एक छात्र की निर्ममता से हत्या कर दी है, माओवादियों ने छात्र पर सुरक्षाबलों के लिए मुखबिरी करने का आरोप मढ़ा है, इस क्रम में जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) की दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी ने कहा है कि बोत्तेतोंग निवासी ताती हिड़मा ने सुरक्षाबलों को अभियान से पूर्व अहम सूचना मुहैया कराई थी जिसके उपरांत ही सुरक्षाबलों ने माओवादी ठिकानों पर हमला किया है।
 
विज्ञप्ति में माओवादियों की प्रवक्ता गंगी ने आरोप लगाया कि दंतेवाड़ा में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र ताती सुरक्षाबलों के साथ मिला हुआ था और जंगलो में शिकार करने अथवा शल्फ़ी बटोरने के नाम पर नक्सली ठिकानों की सूचनाएं सेलफोन के माध्यम से सुरक्षाबलों तक पहुंचता था। गंगी ने कहा कि सूचनाएं पहुंचाने में ताती के साथ माओवादी संगठन से अलग हुआ सक्कु भी शामिल था।
 
“विज्ञप्ति के अनुसार सुरक्षाबलों के अभियान के उपरांत माओवादियों की सैन्य इकाई पीएलजीए ने ताती को ढूंढकर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी है जिसकी जिम्मेदारी लेते हुए गंगी ने कहा कि पूछताछ में ताती ने स्वीकार किया कि उसने सुरक्षाबलों को नक्सली ठिकानों की सूचना पहुंचाई थी, माओवादियों ने ताती पर अप्रैल 2021 में चलाए गए अभियान के पूर्व भी खुफिया  जानकारी साझा करने का आरोप लगाया है जिसके बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर दी गई। ”
 
 
बता दें कि सुरक्षाबलों द्वारा 11 जनवरी को माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले बीजापुर, सुकमा एवं तेलंगाना के ट्राई जंक्शन क्षेत्र में पीएलजीए बटालियन संख्या एक को लक्षित करते हुए वृहद अभियान चलाया था जिसमें माओवादियों को बड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई गई थी।
 
इस अभियान के उपरांत माओवादियों ने विज्ञप्तियों के माध्यम से सुरक्षाबलों द्वारा हवाई एवं ड्रोन हमले करने का आरोप मढ़ते हुए एक महिला नक्सली के मारे जाने की बात स्वीकारी थी, हालांकि माओवादियों के इन आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए बस्तर रेंज के आई जी सुंदरराज पी ने इन आरोपों को अतिवादी संगठन का कोरा दुष्प्रचार बताया था, बावजूद इसके इन कथित हवाई हमलों को आधार बनाकर माओवादियों ने 12 वीं कक्षा के छात्र की बर्बरता से हत्या कर दी है।
 
ज्ञात हो कि पिछले कुछ वर्षो में सुरक्षाबलों के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ते प्रभाव को लेकर माओवादी संगठन बुरी तरह बौखलाया दिखाई पड़ रहा है यही कारण है कि प्रत्यक्ष युद्ध मे कमजोर पड़ते संगठन गाहे बगाहे अपनी खीज उन निर्दोष युवकों पर निकाल रहा है जो माओवाद के दंश से इतर शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य संवारने का प्रयास कर रहे हैं।
 
दंतेवाड़ा में इनामी सहित 10 माओवादियों ने छोड़ी हिंसा की राह
 
वहीं माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर चलाए जा रहे लोन वराटू (गोंडी भाषा में घर वापसी) अभियान से प्रभावित होकर कुल 10 माओवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा की राह चुनी है।
 
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से छह महिला सदस्य भी शामिल हैं, यह सभी माओवादी प्रतिबंधित सीपीआई माओइस्ट के जनताना सरकार, जनमिलिशिया, चेतना नाट्य मंडली, किसान एवं मजदूर संगठनों से जुड़े रहे हैं, जिनमें दो पर इनाम भी घोषित था।
 

maoists surrender 
 
इन सदस्यों के आत्मसमर्पण के विषय में जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि यह सभी माओवादियों के फ्रंटल समुहों में जुड़कर सड़क बाधित करने, पोस्टर चस्पा करने, बैनर टांगने जैसे गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।
 
ज्ञात हो कि लोन वरातू अभियान के तहत अब तक 149 इनामी माओवादियों सहित कुल 591 माओवादियों ने हिंसा की राह छोड़ मुख्यधारा को अपनाया है।