बंजारा कुंभ: संस्कृति, परंपरा और धर्म बचाने के लिए संतों ने किया आह्वान, विधर्मियों के षड्यंत्रों को लेकर किया सतर्क

गोर बंजारा समाज हिंदू धर्म का अविभाज्य हिस्सा है और हम सब सनातन धर्मी हैं। भारत में कई प्रांतों में पैसों का लालच दिखाकर व झूठे प्रलोभन के बहकावे में लाकर ईसाई मिशनरियों द्वारा आक्रमण किया जा रहा है।

The Narrative World    27-Jan-2023   
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banjara kumbh

गोर बंजारा समाज हिंदू धर्म का अविभाज्य हिस्सा है और हम सब सनातन धर्मी हैं। भारत में कई प्रांतों में पैसों का लालच दिखाकर व झूठे प्रलोभन के बहकावे में लाकर ईसाई मिशनरियों द्वारा आक्रमण किया जा रहा है। महाराष्ट्र व तेलंगाना में बड़ी संख्या में धर्मांतरण हो रहा है। गोर बंजारा संस्कृति विशाल है। अपनी तीज के गीत, होली के गीत और दिवाली के गीत हम सबने जतन कर रखे हैं। इतनी विशाल संस्कृति होने के बावजूद कुछ लोग हमें लालच दिखाकर धर्मांतरण कर रहे हैं, यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है। बामसेफ जैसे संगठन जानबूझकर समाज में संभ्रम पैदा कर रही हैं, उनसे दूर रहिये, यह आह्वान अखिल भारतीय हिंदू गोर बंजारा कुंभ के दूसरे दिन धर्मसभा में पोहरागढ़ के महंत जीतेंद्र महाराज ने किया।


महाराष्ट्र के गोद्री (जि. जलगांव) में जारी अखिल भारतीय हिंदू गोर बंजारा व लबाना नायकड़ा समाज कुंभ के दूसरे दिन धर्मसभा में वे बोल रहे थे।


इस अवसर पर मंच पर अ.भा. सह धर्मजागरण प्रमुख चेन्नई से श्यामजी हरकरे, संत गोपाल चैतन्य महाराज, पू. संत बाबूसिंगजी महाराज, पू. संत जीतेंद्र महाराज, डॉ. मोहनसिंग चव्हाण, पू. संत गुरुप्रसाद नायक (बेंगलोर), पू. संत सुरेश महाराज, मा. विनायकराव देशपांडे, पू. संत महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंदजी महाराज, पू. स्वामी गोविंददेवगिरीजी महाराज, शाम चैतन्य महाराज, दिव्य चैतन्य महाराज आदि उपस्थित थे।


इससे पूर्व गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सुबह 10 बजे मान्यवर संतों के हाथों कुंभस्थल पर ध्वजवंदन किया गया।


इस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए श्यामजी हरकरे ने कहा, भारत पर हूण, शक और ग्रीकों ने आक्रमण किया। हिंदूओं ने उनका प्रतिकार किया। उन्हें पराजित कर उन्हें धर्म और देश के बारे में बताया जो उन्होंने समझकर आत्मसात किया। वे वैष्णव व शैव बने।


मुस्लिम और ईसाईयों ने आक्रमण किया जिन्होेंने केवल अपना ही धर्म सत्य मानकर मंदिरों को नष्ट किया। हिंदूंओं को गुलाम कर अपने देश लेकर गए। इस तरह उन्होंने हिंदुओं की संख्या कम करने का प्रयास किया। हिंदूओं का धर्मांतरण किया। संतों ने समाज को जागृत किया। उसी समय ईसाईयों ने जबरदस्ती और छल द्वारा लोगों को ईसाई बनाया। निरक्षर और मेहनतकश लोगों को धर्मांतरित बनाया।


मुस्लिमों ने 1300 वर्षों से भारत को इस्लामी देश बनाने का प्रयास किया जबकि ईसाई मिशनरी 500 वर्षों से भारत को ईसाई राष्ट्र बनाना चाह रहे हैं।


हिंदू धर्मांतरित हुआ तो एक हिंदू घटता है और देश का दुश्मन बढ़ता है। "जहां धर्मांतरित लोग बढ़ते हैं वह भूमि देश से अलग होती है। धर्मांतरित होने वालों की घरवापसी करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है।"


पू. संतगोपाल चैतन्य महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह कुंभ धर्म का कार्यक्रम है। धर्म जिंदा रहा तो हम जिंदा रहेंगे। राष्ट्र जीवंत रहेगा। धर्म की रक्षा का दायित्व हमारा है। कुंभ के चलते धर्मांतरण का सत्य सामने आया है। समाज को धर्महीन बनाया जा रहा है। लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है। ईसाई विद्यालयों में छात्रों को तिलक न लगाने, माला न पहनने के संस्कार किए जाते हैं। अपने बच्चों को ऐसे विद्यालयों में भेजें। हिंदू संस्कारों वाले विद्यालयों में ही बच्चों कोे भेजें। उन्होंने कहा कि गुरु में निष्ठा होनी चाहिए। धर्म परिवर्तन न करें। धर्म ही हमारा है प्राण और गुरु का हाथ पक़ड़कर हमें धर्म की रक्षा करनी है।


पू. संत बाबूसिंग महाराज ने कहा कि इस कुंभ में पूरे देश से संत और भक्त आए हैं। संतों ने 4 महीनों तक गांव-गांव जाकर कुंभ के बारे में जागरण किया है। कुंभ को कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन जब-जब विरोध होता है तब-तब कार्यक्रम सफल होता है।


डॉ. मोहनसिंग चव्हाण ने बंजारा समुदाय के लिए धर्मसभा में प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया कि बालाजी, जगदंबा, भगवान श्रीकृष्ण के मंदीर हर तांडे पर रहेंगे। हर परिवार सुबह-शाम मंदीर में आरती के लिए जाने की परंपरा बनाएगा। घर-घर में महापुरुष संत सेवालाल, रामराव बापू व गुरु नानकदेवजी के फोटो रखे जाएंगे।


उन्होंने आगे कहा कि पूज्य सेवालाल नित्य पाठ किया जाएगा। बंजारा "गोरमाटी" भाषा का रक्षण व संवर्धन करेंगे। यह प्रस्ताव एकमत से मंजूर किया गया। डॉ. चव्हाण ने लव जिहाद पर बोलते हुए लड़कियों को हिंदू संस्कार देने का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि हमने हिंदू धर्म में जन्म लिया है और धर्म का ऋण चुकाने का समय आ गया है।


विश्व हिंदू परिषद संगठन मंत्री विनायकराव देशपांडे ने जनगणना व ओआरपी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेवालाल महाराज गोसेवक थे। उन्होंने आजीवन गोसेवा की, हर जीव की सेवा की। आपका धर्मांतरण करने हेतु आने वाले ईसाई मिशनरी व मुल्ला मौलवी गोहत्या करने वाले हैं। उनसे सावधान रहना होगा। हम श्रीकृणाष्टमी, रामनवमी, होली, दिवाली साथ में मनाते हैं। हमारे भगवानों ने पराक्रम किया है। दुष्टों का संहार किया है। इसलिए हमारे भगवान शक्तिमान और हमारा हिंदू धर्म श्रेष्ठ है।


“आगे उन्होंने कहा कि हिंदुओं का धर्मांतरण कर ईसाई मिशनरियों को ईसाई जनसंख्या बढ़ानी है जबकि मुस्लिमों को अपनी जनसंख्या बढ़ानी है। इसलिए जनगणना के माध्यम से देशविरोधी बड़ा षडयंत्र जारी है और हिंदुओं में फूट डालने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए ओआरपी व आरएनएस का उपयोग किया जा रहा है। हिंदुओं की जाति-जाति में संघर्ष पैदा करने के प्रयास हो रहे हैं। इसलिए आगामी जनगणना में अपना धर्म ‘हिंदू’ लिखवाने का आह्वान उन्होंने सबको किया।”

 


संत जीतेंद्र महाराज ने कहा कि धर्मांतरण के कारण गोरबंजारा समुदाय की हानि हो रही है। हम हिंदू धर्म का ही हिस्सा है। लोग भ्रांतियां फैलाने का प्रयास करते हैं। पार्वती को हम भवानी मानते हैं और पार्वतीपुत्र गणेश का विरोध करते हैं। गोरमाटी संस्कृति हिंदू संस्कृति का ही हिस्सा है। लव जिहाद देश में दूसरा आतंकवाद है।


पू. संत महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि यह कुंभ हिंदू परंपरा की कार्यशाला है। मुघल और अंग्रेजों के साथ कुछ विकृतियां भी देश में आईं। देश का विभाजन अगर धर्म के आधार पर हुआ तो भारत हिंदू राष्ट्र होना चाहिए था। भारतीय संविधान लोकतंत्र की गीता है। हमारे पूर्वजों ने घुटने नहीं टेके बल्कि संघर्ष किया। संतों ने भारत जोडने का काम किया। गोहत्या रोकने के लिए कठोर कानून होने चाहिए।


अगले वर्षी वसंत पंचमी के दिन राम मंदिर पूर्ण होगा - पू. गोविंद देवगिरीजी महाराज


इस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए पू. संत. गोविंददेवगिरीजी महाराज ने कहा कि संतों ने देश में धर्म को जीवंत रखा। मिशनरियों के चंगुल में मत फंसना। जो लोग हमें हिंदुओं से दूर करने का प्रयास करेंगे उनसे सावधान रहिए। श्रीराम ने वनवासियों को गले लगाया। हम हिंदू रहेंगे और औरों को भी हिंदू रखेंगे। अगले वर्ष वसंत पंचमी के दिन राम मंदिर पूर्ण होगा। मैं अयोध्या का निमंत्रण देने हेतु आया हूं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर खुलने से पहले एक करोड़ हनुमान चालीसा अभियान शुरु किया है। राममंदिर राष्ट्रमंदिर है। आगामी चार शतक भारत के रहेंगे।