मध्यप्रदेश : जनजाति परिवार को जबरन ईसाई बनाने की कोशिश, घर से निकलवाई देवी-देवताओं की प्रतिमा और आराध्यों का किया अपमान

देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाई मिशनरियों के द्वारा प्रलोभन एवं अन्य षड्यंत्रों के माध्यम से मतांतरण कराने की गतिविधियां जारी हैं। उत्तर पूर्व से शुरू हुआ यह षड्यंत्रकारी खेल अब मध्य भारत में खेला जा रहा रहा है।

The Narrative World    27-Jan-2023   
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देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाई मिशनरियों के द्वारा प्रलोभन एवं अन्य षड्यंत्रों के माध्यम से मतांतरण कराने की गतिविधियां जारी हैं।


उत्तर पूर्व से शुरू हुआ यह षड्यंत्रकारी खेल अब मध्य भारत में खेला जा रहा रहा है। ईसाई मिशनरियों के निशाने में मुख्य रूप से मध्य भारत क्षेत्र के जनजातीय समाज के नागरिक हैं, जिन्हें विभिन्न तरीकों से ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है।


इसी क्रम में एक बड़ी खबर मध्यप्रदेश के इंदौर से आई है, जहां जनजातीय परिवार को ईसाई बनाने का मामला सामने आया है।


सामने आई जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के जनजाति परिवार को इलाज के बहाने धर्मान्तरित किया गया, जिसे लेकर अब क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई है।


दरअसल यह पूरा मामला इंदौर के शिप्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत हतुनिया फाटा गांव में एक जनजाति व्यक्ति की मजबूरी का फायदा उठाकर उसके पूरे परिवार को ईसाई बना दिया गया है।


पीड़ित जनजाति व्यक्ति मान सिंह ने बताया कि दो वर्ष पूर्व उसके स्वास्थ्य में काफी समस्याएं आ रही थी, जिस दौरान काफी स्थानों में उपचार कराने के बाद उसे लाभ नहीं मिल पाया।


इस दौरान ईसाई मिशनरी से जुड़े एक व्यक्ति ने उसे झाबुआ के छपरी क्षेत्र के चर्च में जाने के लिए प्रेरित किया।


मान सिंह को बताया गया कि उस चर्च में जाने से उसका इलाज भी हो जाएगा और उसकी पूरी बीमारी दूर हो जाएगी।


मान सिंह ने बताया कि जब वह अपने परिवार के साथ चर्च गया तब वहां मौजूद पादरी ने उसे कोई जल पिलाया और यीशु का नाम लेकर प्रार्थना करने को कहा।


इस दौरान चर्च से कुछ दवाएं भी दिलाई गई, जिसके बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार आने लगा।


मान सिंह ने बताया कि पादरी ने उसे अपने जाल में ऐसा फंसा लिया था कि वह पूरी तरह से चर्च के प्रति कृतज्ञ हो गया।


“इस बीच एक वर्ष के बाद पादरी ने उसके घर पर दस्तक दी और उसे यह कहने लगा कि 'तुम्हारा ईश्वर कम शक्तिशाली है, तुम्हे तो ईसाई धर्म के भगवान ने ठीक किया है।' उक्त ईसाई पादरी ने ना सिर्फ हिंदुओं के आराध्यों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया, बल्कि मान सिंह के घर में स्थापित देवी-देवताओं को बाहर निकलवा दिया। इसके बाद पादरी ने ईसाइयत से जुड़ी पुस्तके और प्रलोभन में कुछ रुपये भी दिए।”


इन सभी षड्यंत्रों के माध्यम से पादरी मान सिंह पर चर्च में आने और ईसाई बनने का दबाव डालता रहा। पादरी ने मान सिंह को उसके बच्चों के लिए उचित शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करने का प्रलोभन भी दिया।


इस पूरे घटनाक्रम के बाद ईसाई पादरी ने पीड़ित जनजातीय व्यक्ति मान सिंह के घर बीते 23 जनवरी को धावा बोला।


इस दौरान उसकी पत्नी समेत कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे। पादरी ने जनजाति परिवार के ऊपर ईसाइयत से जुड़े कुछ शब्द पढ़ते हुए पानी छींटा और फिर उनसे कहा कि अब तुम ईसाई बन गए हो।


इस बात पर आपत्ति जताते हुए जनजातीय व्यक्ति मान सिंह ने विरोध किया और अपने एक परिचित को इसकी जानकारी दी। तत्पश्चात हिंदु संगठनों को इस मामले की जानकारी मिली और फिर जमकर हंगामा देखने को मिली।


पीड़ित जनजातीय नागरिक मान सिंह की शिकायत पर पुलिस ने ईसाई पादरी राय सिंह, उसकी पत्नी उर्मिला, उसके बेटा खेमराज समेत 7 लोगों पर केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।


देश के विभिन्न हिस्सों में वैमनस्यता फैलाता मिशनरी समूह


सिर्फ इंदौर या मध्यप्रदेश ही नहीं, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, पंजाब समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाई मिशनरियों की अनैतिक गतिविधियों के कारण समाज में वैमनस्यता फैल रही है।


हाल ही में बस्तर के नारायणपुर क्षेत्र में ईसाइयों के द्वारा किए जा रहे मतांतरण का विरोध करने वाले जनजातियों पर ईसाई समूह ने जानलेवा हमले किए थे, जिसके बाद क्षेत्र में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।


इसके अलावा झारखंड के जनजाति क्षेत्रों में आए दिन मनमुटाव खबरे सामने आती है, जिसके कारण क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ रहा है।


मिशनरियां अपने इस अवैध 'धंधे' के चक्कर में देश का माहौल खराब करने में लगी हुईं हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश एक भीषण संकट से घिर रहा है, जो आने वाले समय में पूरे राष्ट्र के लिए खतरा बन सकता है।