झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़ तक माओवाद की टूटती कमर, पिछले 48 घंटो में ही दर्जन भर नक्सलियों ने छोड़ी हिंसा की राह

सरेंडर करने वाले माओवादियों की पहचान वेट्टी जोगा, मड़ावी बुधरा एवं मड़ावी जोगा के रूप में की गई है।

The Narrative World    05-Jan-2023   
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maoists surrender 
 
छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक सुरक्षा बलों का माओवादियों (नक्सली/कम्युनिस्ट आतंकी) के विरुद्ध नक्सल अभियान जोरों पर है इस क्रम में पिछले 2 दिनों के भीतर ही हैं सुरक्षाबलों द्वारा निरंतर बनाये जा रहे दबाव के कारण इन दोनों राज्यों में दर्जन भर कम्युनिस्ट आतंकियों ने आतंक की राह को छोड़कर मुख्यधारा को अपना लिया है।
 
जानकारी है कि पिछले 48 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़ एवं झारखंड में कुल 11 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव में आत्मसमर्पण कर दिया है। इस क्रम में केवल झारखंड से ही 8 नक्सलियों के आत्मसमर्पण की सूचना है। जानकारी के अनुसार झारखंड में प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) यानी सीपीआई (एम) के 8 नक्सलियों ने गुरुवार को आतंक की राह छोड़कर मुख्यधारा को अपना लिया है।
 
यह सभी माओवादी, सीपीआई (एम) के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मिसिर बेसरा एवं एक करोड़ के इनामी माओवादी अनल दा दस्ते से जुड़े थे और केंद्रीय कमेटी के मारक दस्ते के सदस्य थे। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में तीन महिला कैडर एवं पांच पुरुष कैडर शामिल है जिनकी आयु 18 से 22 वर्ष के बीच बताई गई है। जानकारी है कि यह सभी माओवादी लंबे समय से कोल्हान एवं पोड़ाहाट के जंगलो में सक्रिय है और इन्हें इस क्षेत्र के चप्पे चप्पे की जानकारी है।
 
आत्मसमर्पण करने वाले पुरुष कैडरों की पहचान जयराम बोदरा, पातर कोड़ा, मारतम अंगारिया, तुंगरी पूर्ति, एवं कुसनू सिरका के रूप में की गई है जबकि वहीं महिला कैडरों की पहचान सरिता उर्फ सनिता सरदार, संजू पूर्ति एवं सोमवारी कुमारी के रूप में की गई है। जानकारी के अनुसार इनमें से जयराम बोदरा के विरुद्ध 11 एवं उसकी पत्नी सरिता के विरुद्ध 6 प्रकरण लंबित हैं जबकि मारतम के विरुद्ध पांच तो सोमवारी एवं पातर के विरुद्ध क्रमशः दो-दो प्रकरण लंबित है, वहीं जानकारी है कि तुंगरी के विरुद्ध एक नामजद प्रकरण लंबित है।
 
छत्तीसगढ़ में भी तीन इनामी माओवादियों का आत्मसमर्पण
 
वहीं माओवाद प्रभावित छत्तीसगढ़ राज्य में भी तीन माओवादियों द्वारा सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण की सूचना है, जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के अति माओवाद प्रभावित सुकमा जिले अंतर्गत सीपीआई (एम) के तीन इनामी माओवादियों ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया है।
 
सरेंडर करने वाले माओवादियों की पहचान वेट्टी जोगा, मड़ावी बुधरा एवं मड़ावी जोगा के रूप में की गई है। जानकारी है कि इनमें बुधरा पर सरकार की ओर से पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था जो वर्ष 2017 में बुर्कापाल में सुरक्षाबलों पर हुए घातक हमले समेत भेज्जी हमले में भी शामिल था। ज्ञात हो कि इन दोनों हमलों में क्रमशः 25 एवं 12 जवान बलिदान हो गए थे। वह वर्ष 2020 के मीनपा हमले में भी शामिल था।
 
वहीं दूसरे माओवादी वेट्टी के विषय में जानकारी देते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि वेट्टी पर मीनपा हमले में शामिल रहने का आरोप है जिस पर सरकार की ओर से तीन लाख का इनाम घोषित था। बता दें कि मीनपा हमले में सुरक्षाबलों के 17 जवान बलिदान हो गए थे। जानकारी है कि सरेंडर करने वाला तीसरा माओवादी मड़ावी जोगा भी मीनपा एवं बुर्कापाल हमले में शामिल रहा है, जोगा पर कासलपाड़ हमले में भी शामिल रहने का आरोप है।
 
जानकारी के अनुसार मड़ावी बुधरा, माओवादियों के फ्रंटल समूह दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन (डीएकेएमएस) के अध्यक्ष एवं माओवादियों की किस्टाराम एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य के रुप मे कार्य कर रहा था, जबकि वेट्टी किस्टाराम एरिया कमेटी के लोकल गुरिल्ला स्क्वाड में डिप्युटी कमांडर के रूप में सक्रिय था। वहीं जोगा डीएकेएमएस में उपाध्यक्ष के रूप में सक्रिय था एवं माओवादियों के प्लाटून संख्या 8 का सक्रिय सदस्य था।
 
बता दें कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा युद्ध स्तर पर नक्सल रोधी अभियानों को चलाया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप जहां एक ओर विभिन्न क्षेत्रों से माओवादियों को गिरफ्तार अथवा मार गिराया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं, इसी क्रम में झारखंड में अभी हाल ही में कुख्यात माओवादी अमन गंझू ने आत्मसमर्पण कर दिया था, उस पर राज्य सरकार द्वारा 15 लाख का इनाम घोषित था।