छत्तीसगढ़ : चुनाव से पहले मुठभेड़ में एक माओवादी ढेर, एके-47 भी बरामद, बढ़ रही माओवादी गतिविधियां

“मारे गए माओवादी की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है, लेकिन यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मारा गया माओवादी नक्सली संगठन में कोई बड़ा कमांडर था। दरअसल मुठभेड़ स्थल से माओवादी के शव के अलावा एके-47 रायफल भी बरामद की गई है, जो सामान्यतः माओवादी संगठन में शीर्ष कमांडर नेतृत्व के पास मौजूद होता है।”

The Narrative World    17-Oct-2023   
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छत्तीसगढ़ भी एक ऐसा राज्य है
, जहां इस वर्ष विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। चूंकि छत्तीसगढ़ माओवादी आतंकवाद से प्रभावित है, इसीलिए अन्य 4 राज्यों से अलग यहां 2 चरणों में चुनाव होने वाले हैं। पहले चरण में माओवादी आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र हैं, जहां 7 नवंबर को एवं उसके बाद अन्य क्षेत्र जहां 17 नवंबर को चुनाव होना है।


इन सब के बीच इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि माओवादी आतंकी इस चुनाव से पहले किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। चूंकि माओवादियों ने इससे पूर्व लोकसभा एवं विधानसभा के चुनावों में अपनी विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया है, इसीलिए इस बार भी सुरक्षाबल के जवान सतर्क होकर ऑपरेशन चला रहे हैं।


इस बीच माओवादियों ने सुरक्षाबलों को बस्तर संभाग के घोर माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने ना सिर्फ नाकाम किया, बल्कि एक माओवादी को भी मार गिराया है।


सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम के द्वारा किए गए इस ऑपरेशन को चुनाव से पूर्व एक बड़ी सफलता एवं माओवादी आतंकी संगठन के लिए एक झटका माना जा रहा है।


दरअसल बीजापुर जिले में आज मंगलवार, 17 अक्टूबर को सुरक्षाबलों एवं माओवादियों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक हार्डकोर माओवादी को मार गिराया है।


“मारे गए माओवादी की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है, लेकिन यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मारा गया माओवादी नक्सली संगठन में कोई बड़ा कमांडर था। दरअसल मुठभेड़ स्थल से माओवादी के शव के अलावा एके-47 रायफल भी बरामद की गई है, जो सामान्यतः माओवादी संगठन में शीर्ष कमांडर नेतृत्व के पास मौजूद होता है।”


इस पूरे मामले पर जिला पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों यह जानकारी मिली थी कि कोरंजेड-बन्देपारा के अंदरूनी जंगलों में कई शीर्ष माओवादी आतंकी मौजूद हैं। पुलिस के अनुसार माओवादियों की टोली में मद्देड़ एरिया कमेटी प्रभारी डीवीसीएम नागेश, एरिया सचिव बुचन्ना, एसीएम विश्वनाथ भी मौजूद है।


गुप्त सूत्रों से यह पता चला था कि माओवादी इस क्षेत्र में आधुनिक हथियारों के साथ हैं, और उनकी संख्या लगभग दो दर्जन के करीब है।


माओवादियों के ठिकाने की सूचना मिलने के बाद बीजापुर जिले से डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम बनाई गई, जिन्हें माओवादियों के विरूद्ध अभियान के लिए भीतर जंगलों में रवाना किया गया।


मंगलवार की सुबह जब सुरक्षाबल के जवान बन्देपारा के जंगल में पहुँचे तब माओवादी पहले से ही घात लगाकर उनका इंतजार कर रहे थे। सुरक्षाबलों को अपनी ओर आता देख माओवादियों उनपर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।


अचानक फायरिंग की स्थिति देखते हुए, पहले तो जवानों ने जंगल में अपनी टीम को संभाला और इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्यवाई की। इस बीच माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच आधे घंटे तक फायरिंग चलती रही। जवानों को भारी पड़ता देख, माओवादी जंगल एवं पहाड़ों की आड़ लेकर भाग निकले।


सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद पूरे घटना स्थल की अच्छे से तलाशी ली, जिसके बाद एक माओवादी का शव बरामद किया गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने अपनी तलाशी में एके-47 जैसा आधुनिक रायफल भी बरामद किया।


अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने जिस माओवादी को मार गिराया है, उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है, लेकिन घटनास्थल से मिले हथियार से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कोई बड़ा नक्सली आतंकी था।


जिला पुलिस ने बताया कि सुरक्षाकर्मी अभी भी (मंगलवार, दोपहर तक) क्षेत्र में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं, पूरी जानकारी उनके वापस लौटने पर ही पता चल पाएगी। यह भी संभव है कि पुलिस आज मंगलवार शाम को इस विषय पर कोई प्रेस वार्ता भी कर सकती है।


सुकमा में भी चुनाव से पहले माओवादियों ने दर्ज कराई उपस्थिति


बीजापुर में जहां माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ देखने को मिली, वहीं अब सुकमा में भी माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। सुकमा में माओवादियों ने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की अपील की है।


जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर गोलागुड़ा के समीप माओवादियों ने बैनर-पोस्टर लगाया है। हालांकि पुलिस को सूचना मिलते ही, इन्हें जब्त कर लिया गया है, लेकिन माओवादियों के इन पोस्टर्स से स्थानीय ग्रामीणों में भी भय का माहौल व्याप्त हो गया है।


एक दिन पहले ही माओवादियों की साजिश हुई थी नाकाम


छत्तीसगढ़ में चुनाव की घोषणा होने बाद से ही माओवादियों की गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है। जिस तरह से मंगलवार को बीजापुर में मुठभेड़ हुई है और सुकमा में नक्सली पर्चे मिले हैं, उससे यह बात स्पष्ट है कि माओवादी लोकतंत्र के इस पर्व पर अपना अड़ंगा डालने से बाज नहीं आएंगे।


बीजापुर और सुकमा की घटना से एक दिन पूर्व माओवादियों ने प्रदेश के एक अन्य हिस्से में भी साजिश रची थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में सुरक्षाबलों ने अपने ऑपरेशन के दौरान एक टिफिन बम बरामद किया है। सुरक्षाबलों ने यह टिफिन बम मोहगांव क्षेत्र से बरामद किया है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की गुप्त जानकारी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ऑपरेशन के लिए निकली थी। इस दौरान सुरक्षाबलों को टिफिन बम और अन्य माओवादी समान प्राप्त हुए, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया।