भारत में शत्रु देश का एजेंडा चलाकर भारत की ही छवि धूमिल करने एवं शत्रु देश के पक्ष में माहौल बनाने वाले प्रोपेगैंडा मीडिया वेबसाइट 'न्यूज़क्लिक' पर कानून का शिकंजा कसा जा चुका है।
आज 3 अक्टूबर की सुबह से ही कम्युनिस्ट प्रोपेगेंडा मीडिया वेबसाइट न्यूज़क्लिक के कार्यालय में दिल्ली पुलिस की छापेमारी चल रही है। सिर्फ इतना ही नहीं चीन से पैसे लेकर भारत विरोधी खबरें लिखने के लिए कुख्यात इस मीडिया समूह से जुड़े विभिन्न लोगों के लगभग 30 ठिकानों में भी दिल्ली पुलिस ने एक साथ दबिश दी है।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की इस विशेष टीम की छापेमारी उर्मिलेश, परंजाय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, प्रबीर पुरकायस्थ, तीस्ता सीतलवाड़ समेत कुल 9 ऐसे लोगों के ठिकानों पर हुई है, जिनके तार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा किए गए फंडिंग से जुड़े हैं।
अभी तक सूत्रों के हवालों से सामने आई जानकारी के अनुसार बीते 17 अगस्त को यूएपीए के तहत दर्ज किए गए अपराध के साथ-साथ अन्य धाराओं के तहत हुई एफआईआर के मामले में यह छापेमारी की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अब न्यूज़क्लिक के कई प्रोपेगेंडा पत्रकारों को पुलिस अपने दफ्तर लेकर गई है, जहां इनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
इन कार्यवाइयों को जहां कम्युनिस्ट एवं देश विरोधी समूह 'अभिव्यक्ति एवं पत्रकारों पर हमला' कह रहे हैं, वहीं सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि यह स्पष्ट तौर पर भारत की संप्रभुता का मामला है, ना कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह न्यूयॉर्क टाइम्स में इस मामले को लेकर कई खुलासे हुए, जिसे भारतीय मीडिया ने भी कवर किया, उससे यह स्पष्ट है कि इसके संबंध नेविल रॉय सिंघम से जुड़े हुए हैं, जो चीनी प्रोपेगेंडा के प्रसार के लिए जाना जाता है।
न्यूज़क्लिक में जिस तरह से चीनी फंडिंग हुई है, वह जांच का विषय है। यह भी जानकारी मिली है कि तथाकथित पत्रकारों को चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए भारी मात्रा में फंडिंग की गई है।
दरअसल यह पूरा मामला तब शुरू हुआ था, जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीनी कम्युनिसि पार्टी से जुड़े नेविल रॉय सिंघम के द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों की मीडिया में की जा रही फंडिंग का खुलासा किया था।
अमेरिकी मीडिया हाउस द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चीन के प्रति सकारात्मक माहौल तैयार करने एवं चीनी प्रोपेगेंडा को प्रसारित करने के साथ-साथ संबंधित देशों में विपरीत विमर्श खड़ा करने के लिए कई कंपनियों को फंडिंग कर रही है।
इस रिपोर्ट में कई एक्टिविस्ट ग्रुप, गैर-लाभकारी संगठन एवं शेल कंपनियों के नेटवर्क का भी खुलासा किया गया है।
इस ख़ुलासे के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस और कांग्रेस का प्रोपेगेंडा चलाने वाली कम्युनिस्ट मीडिया वेबसाइट के चीनी कनेक्शन पर प्रेस वार्ता किया था। अनुराग ठाकुर ने वामपंथी प्रोपेगेंडा मीडिया वेबसाइट न्यूज़क्लिक पर आरोप लगाते हुए कहा था कि न्यूज़क्लिक जब से शुरू हुआ है उसके बाद उसे करोड़ों रुपए की फंडिंग मिली है।
उन्होंने न्यूज़क्लिक पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इस मीडिया हाउस का चीन के प्रति झुकाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता था। अनुराग ठाकुर ने इस पूरे मामले में कहा था कि न्यूजक्लिक मीडिया वेबसाइट की फंडिंग का पूरा मायाजाल विदेशी ताकतों से जुड़ा हुआ है जिसके कनेक्शन चीन के साथ दिखाई देते हैं।
अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा था कि वर्ष 2021 में जब भारत में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता सबूतों के आधार पर कम्युनिस्ट प्रोपेगेंडा मीडिया वेबसाइट न्यूज़क्लिक के विरुद्ध जांच शुरू की थी तो कांग्रेस समेत तमाम वामपंथियों के पारिस्थितिकी तंत्र ने इसका बचाव किया था।
वामपंथी वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' पर 2 वर्ष पूर्व भी ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कुछ महत्वपूर्ण सबूत प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद वामपंथी वेबसाइट पर कई तरह के सवाल उठे थे।
इस न्यूज़ वेबसाइट और इसके प्रमुखों ने कारोबारी नेविल रॉय सिंघम से एक करार किया था, जो शक के घेरे में है क्योंकि उक्त वेबसाइट को जो 38 करोड़ रुपए की बड़ी फंडिंग मिली थी, उसका मुख्य स्रोत इसी कारोबारी को माना जा रहा है, जिसके चीन से क़रीबी सम्बंध हैं।
नेविल रॉय सिंघम चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगैंडा फैलाने वाले संगठन का सदस्य है जिसके माध्यम से वामपंथी वेबसाइट न्यूज़क्लिक को प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए लगातार फंडिंग की जा रही थी जो कि साल 2018 से शुरू हुई थी और 2021 में भी जारी थी।
इसके अलावा, चीन से प्राप्त हुई इस फंडिंग फंडिग के तार ‘भीमा-कोरेगाँव’ हिंसा और एलगार परिषद से भी जुड़े थे, क्योंकि जो फंडिग न्यूजक्लिक को प्राप्त हुई थी उसका एक हिस्सा शहरी माओवादी गौतम नवलखा को भी भेजा गया था जो कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी है और फ़िलहाल जेल में बंद है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यूजक्लिक के संस्थापक और मुख्य संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और जेल में बंद शहरी माओवादी गौतम नवलखा से इस मामले में पूछताछ की थी, जिसपर पुरकायस्थ ने कहा था कि कारोबारी नेविल रॉय सिंघम का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से कोई संबंध नही है और वह एक कारोबारी है। हालाँकि सामने आइ रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा हो चुका है कि सिंघम के सम्बंध खुले तौर पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वामपंथी वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' को अमेरिका के 'जस्टिस एंड एजुकेशन फंड्स इंक' और 'ट्राइकनटिनेंटल लिमिटेड इंक' से बड़ी रकम प्राप्त हुई है जिसमें दोनों ही कम्पनियों का पता एक समान है।
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने 'न्यूजक्लिक' के शेयरधारकों के ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े कुछ ईमेल प्रवर्तन निदेशालय को प्राप्त हुए थे।