बस्तर : माओवादियों ने की भाजपा नेता की हत्या, मंच पर चढ़कर कुल्हाड़ी से मारा

घटना के एक दिन पूर्व ही भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसके बाद यह कहा जा रहा था कि यह घोषणा पत्र भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।

The Narrative World    04-Nov-2023   
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छत्तीसगढ़ के घोर माओवाद से प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर में माओवादी आतंकियों ने एक बार फिर बड़ी घटना को अंजाम दिया है। माओवादी आतंकियों ने भाजपा के एक नेता रतन दुबे की भरी सभा में हत्या कर दी है।


गौरतलब है कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे की जिस दौरान माओवादी आतंकियों ने हत्या की, उस समय वो एक चुनावी सभा ले रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार माओवादियों ने मंच में भाषण देने के दौरान रतन दुबे पर धारदार कुल्हाड़ी से वार कर उनकी हत्या की है।


इस दौरान माओवादी ग्रामीण वेशभूषा में चुनावी सभा में पहुंचे थे। सामने आई जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला नारायणपुर जिले के कौशलनार क्षेत्र का है।


घटना के एक दिन पूर्व ही भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसके बाद यह कहा जा रहा था कि यह घोषणा पत्र भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।


बस्तर क्षेत्र में भी घोषणा पत्र के सकारात्मक परिणाम आने की संभावना बनी हुई है, जिसके कारण माओवादियों के साथ-साथ कुछ अन्य संगठनों में भी छटपटाहट पैदा हो चुकी है। इसी का परिणाम है कि माओवादियों ने बौखलाहट में भाजपा नेताओं पर हमला कर रहे हैं।


गौरतलब है कि माओवादी आतंकियों ने कुछ दिनों पहले मोहला-मानपुर क्षेत्र में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। माओवादियों ने भाजपा नेता बिरजूराम तारम के घर में घुसकर इस वारदात को अंजाम दिया था। बिरजूराम भाजपा के किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष थे।

बीते एक वर्ष की स्थिति देखें तो बस्तर क्षेत्र में माओवादियों ने एक के बाद एक भाजपा नेताओं को अपना निशाना बनाया है। भाजपा नेताओं की नक्सलियों ने चुन-चुन कर ऐसे स्थानों में हत्या की, जहाँ भाजपा संगठन धीरे-धीरे मजबूत हो रही थी। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, मोहला-मानपुर एवं सुकमा, बीजापुर क्षेत्र में माओवादियों ने भाजपा नेताओं की टारगेट किलिंग की है।


हालांकि अभी जिस तरह से चुनाव से दो दिन पूर्व माओवादियों ने नारायणपुर में भाजपा नेता की हत्या की है, उससे यह स्पष्ट है कि माओवादी इस क्षेत्र में भाजपा के विरुद्ध माहौल बनाने यह भय पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

इससे यह भी स्पष्ट है कि भाजपा को नुकसान होने से राजनीतिक रूप से किसका फायदा हो सकता है। आज की घटना को माओवादियों ने जितनी आसानी से अंजाम दिया है, उससे यह भी प्रतीत होता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार विपक्षी नेताओं की सुरक्षा करने में असफल साबित हुई है।