9 प्रकरणों में वांछित माओवादी लेकाम ने छत्तीसगढ़ में किया आत्मसमर्पण, वहीं झारखंड में भी जेजेएमपी कमांडर ने छोड़ा हिंसा का मार्ग

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी की पहचान 35 वर्षीय राजू लेकाम के रूप में की गई है

The Narrative World    01-Feb-2023   
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माओवाद (नक्सलवाद/कम्युनिस्ट आतंक) के मोर्चे पर मंगलवार का दिन सुरक्षाबलों के लिए सफलता लेकर आया है, जानकारी के अनुसार दो अलग अलग घटनाओं में मंगलवार को छत्तीसगढ़ एवं झारखंड में इनामी सहित दो माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
 
पहली घटना छत्तीसगढ़ के धुर माओवाद प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की है जहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) - (सीपीआई-एम) से जुड़े एक इनामी माओवादी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी की पहचान 35 वर्षीय राजू लेकाम के रूप में की गई है।
 
लेकाम दंतेवाड़ा के पड़ोसी जिले भैरमगढ़ एरिया कमेटी में माओवादियों के जनताना सरकार का अध्यक्ष बताया जा रहा है जिस पर हत्या समेत कुल 9 प्रकरण दर्ज हैं, जानकारी है कि लेकाम पर राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
 
राजू लेकाम पर दक्षिण बस्तर क्षेत्र में अलग अलग घटनाओं में पुलिस मुखबिर बताकर चार लोगों की हत्या का गंभीर आरोप है, उस पर सुरक्षाबलों पर हमला करने एवं रेलवे परिचालन को बाधित करने का भी आरोप है जिसको लेकर सुरक्षाबल लंबे समय से उसकी तलाश कर रहे थे।
 
आत्मसमर्पण के समय लेकाम ने कहा कि माओवादियों की विचारधारा खोखली है और वह अब मुख्यधारा से जुड़कर सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करना चाहता है, लेकाम ने सुरक्षाबलों एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से चलाए जा रहे 'लोन वराटू' अभियान (स्थानीय गोंडी भाषा में घर वापसी) के तहत मुख्यधारा की राह चुनी है।
 
बता दें कि वर्ष 2020 से चलाए जा रहे लोन वराटू अभियान के तहत अब तक 150 इनामी सहित कुल 592 माओवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़ कर मुख्यधारा में वापसी की है, ज्ञात हो कि लेकाम 10 वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय था।
 
झारखंड में जेजेएमपी के सब जोनल कमांडर का सरेंडर
 
वहीं माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में झारखंड के नक्सल प्रभावित पलामू जिले अंतर्गत प्रतिबंधित माओवादी संगठन 'झारखंड जन मुक्ति परिषद' के एक सब-जोनल कमांडर ने मंगलवार को सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी की पहचान डोकरा गांव निवासी अनिल भुइयां उर्फ प्रकाश उर्फ ओमप्रकाश के रूप में की गई है, भुइयां पर सुरक्षाबलों पर हमला करने, गाड़ियों में आगजनी करने समेत तीन प्रकरण दर्ज बताए जा रहे हैं।
 
जानकारी है कि भुइयां सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों से दबाव में था जिसको लेकर उसने जिला पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा के सामने अपने देशी रिवाल्वर के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है, भुइयां 6 वर्षो से माओवादी संगठन में सक्रिय था और संगठन में सब-जोनल कमांडर के रूप में तैनात था।