छत्तीसगढ़ में नहीं थम रहा भाजपा नेताओं की हत्याओं का क्रम, पूर्व भाजपा सरपंच रामाधीर की माओवादियों ने की बेरहमी से हत्या, बीते एक महीने में ऐसी चौथी हत्या

सूचना के अनुसार रामाधीर हंदवाड़ा जलप्रपात के समीप मुरुमवाड़ा गांव में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने आए तब जब नक्सलियों ने उनकी उपस्थिति की सूचना पाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया

The Narrative World    13-Feb-2023   
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छत्तीसगढ़ में माओवादियों (नक्सलियों/कम्युनिस्ट आतंकियों) का खूनी खेल जारी है, इस क्रम में माओवादियों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंध रखने वाले एक और जन प्रतिनिधि को मौत के घाट उतार दिया है, यह बीते 15 दिनों में माओवादियों द्वारा भाजपा से संबंध रखने वाले चौथे नेता की हत्या है।
 
जानकारी है कि शनिवार को माओवादियों ने 43 वर्षीय पूर्व सरपंच रामाधीर आलमी की शनिवार को कुल्हाड़ियों से काट काटकर बेरहमी से हत्या कर दी है, आलमी पर यह हमला तब किया गया जब वह मुरुमवाड़ा से अपने गांव हितामेटा की ओर लौट रहे थे तभी सादे कपड़ों में आए पांच माओवादियों ने घेर कर उन्हें कुल्हाड़ियों से काट डाला।
 
सूचना के अनुसार रामाधीर हंदवाड़ा जलप्रपात के समीप मुरुमवाड़ा गांव में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने आए तब जब नक्सलियों ने उनकी उपस्थिति की सूचना पाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया, हत्या के बाद माओवादियों ने घटनास्थल पर पर्चा भी फेंका है जिसमें हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) की पूर्वी बस्तर डिवीज़न कमेटी ने रामाधीर पर पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया है।
 
पर्चे में माओवादियों ने रामाधीर पर गोपनीय सैनिक के रूप में काम करने, माओवादियों द्वारा विरोध की गई बोधघाट परियोजना में सहभागिता दिखाने का आरोप मढ़ते हुए कहा है कि रामाधीर को नक्सलियों का विरोध ना करने को लेकर तीन बार समझाया गया था जिसके बाद उसकी हत्या की गई थी।
 
बता दें कि माओवादियों द्वारा यह हत्या तब की गई है जब शुक्रवार को ही राज्य के दौरे पर पहुंचे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य सरकार पर नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं की हो रही हत्याओं को रोकने में असमर्थ होने की बात कही थी, जिसके बाद लगातार हो रही हत्याओं पर चौतरफा आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस सरकार का बचाव करते हुए कहा था राज्य में ऐसी हत्याएं नक्सलियों के कमजोर पड़ने की निशानी है।
 
हालांकि मुख्यमंत्री के दावों के इतर राज्य में निर्दोष नागरिकों एवं एक के बाद एक हुई बीजेपी नेताओं की हत्याएं माओवाद के मोर्चे पर कांग्रेस की सरकार के कमजोर पड़ने की कहानी बखूबी बयां कर रहे हैं, दरसअल राज्य में माओवादियों द्वारा बीते एक दो वर्षो में निर्दोष नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों की हत्याओं का एक क्रम चल पड़ा है आश्चर्यजनक रूप से इनमें माओवादियों के निशाने पर रहे ज्यादार जनप्रतिनिधि कांग्रेस से विपरीत विचारधारा रखने वाले हैं।
 
इस क्रम में यह भी समझना आवश्यक है कि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों के विरुद्ध निरंतर अभियान चलाया जा रहा है जिसमें वे माओवादियों को पीछे ढ़केलने में सफल भी रहे हैं यहाँ इन हत्याओं के पीछे की असल समस्या स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता एवं इंटेलिजेंस फेलियर से जुड़ी दिखाई देती है जिससे कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार में इन धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठ रहे हैं।
 
“दरअसल बीते वर्ष में ही नक्सलियों ने जन प्रतिनिधियों समेत समेत लगभग तीन दर्जन निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मारा था, नागरिकों को निशाना बनाए जाने का यह क्रम इस वर्ष भी बखूबी जारी है इस क्रम में अब तक चार हत्याएं तो केवल भाजपा से जुड़े नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की हो चुकी है।”
 
 
 
इस क्रम में पहली घटना बीजापुर के उसूर मंडल के भाजपा अध्य्क्ष नीलकंठ केर्रेक्कम से जुड़ी हुई है, नीलकंठ को अभी हाल ही में दिनदहाड़े उनके पैतृक गांव पैक्रम में घर से खींचकर कुल्हाड़ियों से काट दिया गया था, नीलकंठ को उनके परिजनों के सामने ही बर्बरता से मारा गया था, उनकी हत्या के परियोजन से पैक्रम गांव के पास लगभग 150 नक्सलियों के जमावड़े की सूचना थी जो पुलिस के स्थानीय इंटेलिजेंस फेलियर को ही दर्शाता है।
 
इस क्रम में अगली हत्या नारायणपुर जिले के भाजपा उपाध्यक्ष सागर साहू की हुई है, सागर को उनके निवास स्थान छोटेडोंगरपुर में सीपीआई के सशस्त्र कैडरों द्वारा दो गोलियां मारी गई जिसके बाद अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, यहां हत्या करने वाले माओवादी मोटरसाइकिल से आए थे जो हत्या के बाद भागने में सफल भी रहे।
 
अगली हत्या जगदलपुर में हुई है जहां एक भाजपा कार्यकर्ता को माओवादियों द्वारा षड़यंत्र पूर्वक मार दिया गया हत्या के बाद इसे सड़क हादसा दिखाने का भी प्रयास किया गया ताकि यह नक्सलियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को लक्षित किए जाने जैसी घटना ना प्रतीत हो।
 
अब इसी क्रम में माओवादियों ने पूर्व सरपंच रामाधीर आलमी को निशाना बनाया है, रामाधीर की हत्या पर बात करते हुए जिले के भाजपा अध्यक्ष चैतराम अटामि ने कहा कि " रामाधीर भाजपा का कार्यकर्ता था", वहीं क्षेत्र में लगातार हो रही भाजपा नेताओं की हत्याओं से भाजपा के इन आरोपों को भी बल मिलता दिखाई दे रहा है कि माओवादियों द्वारा की जा रही यह हत्याएं, राज्य में होने वाले चुनावों की दृष्टि से की जा रही हैं जिसमें माओवादियों का प्रयास बीजेपी को मिलने वाले जन समर्थन को हिंसा एवं भय के जरिये रोका जा सके।