छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही भाजपा नेताओं की हत्या पर बोले राज्य भाजपा अध्यक्ष अरुण साव कहा व्यर्थ नहीं जाने देंगे बलिदान

ज्ञात हो कि बीते एक माह में माओवादियों ने राज्य में चार भाजपा नेताओं की निर्ममता से हत्या कर दी है

The Narrative World    14-Feb-2023   
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धुर माओवाद प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ एक बार फिर माओवादियों द्वारा भाजपा नेताओं की लक्षित कर के की जा रही हत्याओं को लेकर चर्चा में है, इस क्रम में बीते एक महीने के भीतर ही माओवादियों ने भाजपा के चार नेताओं की हत्या कर दी है जिसके बाद एक बार फिर से इस कांग्रेस शासित राज्य में कानून व्यवस्था एवं स्थानीय पुलिस के इंटेलिजेंस फेलियर पर सवाल उठ रहे हैं।
 
वहीं अब इस पूरे प्रकरण को लेकर विपक्षी भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमलावर हो गई है, इस क्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद अरुण साव ने इस मुद्दे पर लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कांग्रेस की जमकर आलोचना की है।
 
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए श्री साव ने कहा कि " लोकतंत्र के इस मंदिर में मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि केवल पिछले एक माह के भीतर हमारे चार पदाधिकारियों की हत्या हो गई है, यह पार्टी के विरुद्ध बड़े षड़यंत्र का हिस्सा है जिसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।"
 
अरुण साव ने आगे कहा कि " प्रदेश की कांग्रेस सरकार राज्य के लोगों को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है, यह उनकी विफलता है, इसलिए मैं भारत सरकार से आग्रह करना चाहता हूँ वह राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ के लोगों की रक्षा के लिए निर्देशित करें ताकि राज्य में लोकतंत्र की रक्षा हो सके", इस दौरान श्री साव ने दिवंगत भाजपा नेताओं की हत्या के संबंध में उल्लेख करते हुए कहा कि "हम अपने पदाधिकारियों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और छत्तीसगढ़ के माटी को रक्तरंजित करने का प्रयास निश्चित ही विफल होगा।"
 
बता दें कि इससे पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी नारायणपुर जिले में माओवादी हमले में मारे गए भाजपा जिला उपाध्यक्ष सागर साहू को श्रंद्धाजलि अर्पित करने कर बाद राज्य की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था, इस दौरान मीडियाकर्मीयों से बात करते हुए नड्डा ने यह भी कहा कि यह केवल भाजपा ही है जो राज्य को नक्सलवाद के दंश से मुक्ति दिला सकती है।
 
भाजपा नेताओं की हत्या
 
ज्ञात हो कि बीते एक माह में माओवादियों ने राज्य में चार भाजपा नेताओं की निर्ममता से हत्या कर दी है जिसको लेकर कई स्थानीय नेताओं ने इसे राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की दृष्टि से भाजपा के विरुद्ध किया जा रहा राजनीतिक षड़यंत्र बताया है।
 
इस क्रम में सबसे पहले बीते माह 16 जनवरी को जगदलपुर के भाजपा महामंत्री बुधराम का शव बरामद किया गया था, बुधराम अपने घर से सुबह की सैर पर निकले थे जिसके बाद उनका शव सड़क किनारे एक नाले से बरामद किया गया था, हालांकि जहां एक ओर राज्य पुलिस एवं सरकार बुधराम की हत्या को एक सड़क दुर्घटना से जोड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर परिजनों एवं भाजपा नेताओं का कहना है कि बुधराम को माओवादियों द्वारा निशाना बनाया गया है।
 
वहीं इसी क्रम में एक और भाजपा नेता नीलकंठ केररक्कम को सादी वर्दी में आए माओवादियों ने उनके पैतृक गांव पैक्रम में उनके घर से निकाल कर बेरहमी से हत्या कर दी थी, नीलकंठ को उनके परिजनों के सामने ही कुल्हाड़ियों से काटा गया था, वे बीजापुर जिले के उसूर के भाजपा मंडल अध्यक्ष थे, वहीं नीलकंठ की हत्या के एक सप्ताह बाद माओवादियों ने बीते शुक्रवार को नारायणपुर जिले के भाजपा उपाध्यक्ष सागर साहू को उनके आवास पर गोली मार दी थी जिसके बाद घायल अवस्था में अस्पताल ले जाने के क्रम में उन्होंने दम तोड़ दिया था, जानकारी के अनुसार सागर को गोली मारने वाले नक्सली मोटरसाइकिल से आए थे जो हत्या के बाद भागने में भी सफल रहे।
 
ताजा घटनाक्रम में बीते शनिवार को प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के पूर्वी बस्तर डिवीज़न के कैडरों ने भाजपा समर्थित पूर्व सरपंच रामधारी आलमी की भी हत्या कर दी, आलमी बारसूर थाना क्षेत्र अंतर्गत हितामेटा गांव के निवासी थे, जानकारी है कि आलमी किसी पतिवारिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने मुरुमवाड़ा आए थे जहां से गांव लौटने के दौरान ही नक्सलियों ने गला रेत कर उनकी हत्या कर दी, जानकारी है कि इस दौरान माओवादियों ने घटनास्थल पर पर्चे भी छोड़े जिसमें आलमी पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप मढ़ा गया है।
 
पहले भी मिलती रही है चेतावनी
 
बता दें कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन सीपीआई एम की ओर से इससे पूर्व भी कई अवसरों पर भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी एवं राष्ट्रवादी विचारधारा छोड़ने की चेतावनी दी जाती रही है, अनुमान लगाया जाता रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिशा निर्देश में देश भर के विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा निरंतर चलाए जा रहे अभियानों से माओवादियों के भीतर जबरदस्त बौखलाहट है जिसको लेकर वे भाजपा कार्यकर्ताओं को खुल कर निशाना बना रहे हैं।
 
हालांकि इन सब के बीच प्रदेश में नक्सलियों द्वारा वर्तमान में भाजपा नेताओं की लक्षित कर के की जा रही हत्याओं को लेकर स्थानीय पुलिस एवं उसके आसूचना तंत्र पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं, वहीं दबी जुबान में कुछेक नेताओं द्वारा इसे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की बढ़ती पकड़ को कमतर करने के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है।
 
सूत्रों की मानें तो कुछेक नेताओं के मत में इन हत्याओं के पीछे बड़े राजनीतिक षड़यंत्र की बात सामने आ रही है जिसका प्रत्यक्ष नुकसान, राज्य में कांग्रेस एवं माओवादियों के सीधे निशाने पर रही भाजपा को उठाना पड़ रहा है, हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब राज्य में माओवादियों एवं कुछेक कांग्रेसी नेताओं के बीच पर्दे के पीछे के सामंजस्य के आरोप लगे हों और इससे पूर्व भी भाजपा नेताओं समेत कांग्रेस छोड़ चुके कुछेक स्थानीय नेताओं ने भी मुख्यमंत्री बघेल के करीबी बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी पर ऐसे आरोप लगाए थे, ज्ञात हो कि बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी अग्निपथ योजना के विरोध में भी युवाओं को भड़कते पाए गए थे बाद में माओवादियों ने अपने आंतरिक वितरण के लिए जारी किए गए एक पत्र में इन विरोध प्रदर्शनों में संगठन की भूमिका को स्वीकारा था।