कम्युनिस्ट आतंकी के लिए घर बनाएगी केरल की कम्युनिस्ट सरकार वहीं झारखंड में पुलिस ने तीन माओवादियों को किया गिरफ्तार

ज्ञात हो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागेदारी रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टियों एवं उग्र कम्युनिस्ट विचार रखने वाले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के बीच विचारों की समानता को लेकर प्रश्न खड़े होते रहे हैं

The Narrative World    02-Feb-2023   
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झारखंड पुलिस ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) से पृथक होकर बने प्रतिबंधित समूह पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के तीन माओवादियों (नक्सलियों/ कम्युनिस्ट आतंकियों) को पकड़ने में सफलता पाई है, माओवादियों के पास से सुरक्षाबलों ने हथियार एवं नक्सली पर्चा भी बरामद किया है।
 
जानकारी के अनुसार पुलिस को यह सफलता झारखंड के माओवाद प्रभावित क्षेत्र पश्चिम सिंहभूम में मिली है जहां विशेष सूचना पर कार्यवाही करते हुए चाईबासा पुलिस ने तीन वांछित माओवादियों को धर दबोचा है, गिरफ्तार हुए माओवादियों की पहचान बिरसा डहंगा, लौकी एवं सुखराम सांडीपूर्ति के रूप में की गई है, यह सभी बंदगांव थाना क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं।
 
दरअसल चाईबासा पुलिस को सूचना मिली थी कि बंदगांव थाना क्षेत्र में पीएलएफआई माओवादियों का एक समूह भ्रमण कर रहा है जिसके बाद चाईबासा पुलिस अधीक्षक ने एक टीम गठित कर बंदगांव की ओर रवाना किया, जानकारी है कि बंदगांव के कीता क्षेत्र में पहुंची उक्त टीम को दो मोटरसाइकलों से कुछेक संदिग्ध भागते दिखाई दिए जिन्हें टीम द्वारा रुकने का इशारा दिया गया हालांकि इसी दौरान एक मोटरसाइकिल सवार पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा जबकि दूसरे को धर दबोचा गया।
 
पकड़े गए माओवादियों के पास से पुलिस की टीम ने एक एके-47 राइफल, देशी कट्टा, 33 कारतूस समेत नक्सली पर्चा भी बरामद किया है, पकड़े गए माओवादियों पर क्षेत्र के विभिन्न थानों में 14 अपराध पंजीकृत बताए गए हैं जिनमे से लौकी सांडीपूर्ति के विरुद्ध सबसे अधिक 7, बिरसा के विरुद्ध 4 तो वहीं सुखराम के विरुद्ध 3 अपराध पंजीकृत हैं।
 
इस संदर्भ में जानकारी साझा करते हुए चाईबासा पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि विशेष इनपुट के आधार पर अभियान चलाकर पीएलएफआई से संबंधित तीन माओवादियों को धर दबोचा गया है, पकड़े गए माओवादी अभी हाल ही में कारिका एवं हुआंगडीह में हुई मुठभेड़ में शामिल थे।
 
ज्ञात हो कि अभी बीते सप्ताह ही सुरक्षाबलों ने राजधानी रांची के समीप से पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के बेहद करीबी माने जाने वाले सब जोनल कमांडर एवं 10 लाख के इनामी तिलकेश्वर गोप को गिरफ्तात किया था, जिसकी गिरफ्तारी के उपरांत पुलिस पीएलएफआई के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
 
 
सरेंडर करने वाले माओवादी के लिए घर बनाएगी केरल की कम्युनिस्ट सरकार
 
 
वहीं माओवादियों से जुड़े एक अन्य विकास में कम्युनिस्ट शासित केरल में राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण कर चुके कम्युनिस्ट आतंकी लजेश राजू के लिए घर बनाने का आदेश दिया है।
 
इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने उग्र कम्युनिस्ट विचार रखने वाले माओवादियों में से एक को घर बनाकर देने के लिए जिला कलेक्टर को आदेशित किया है, यह निर्णय राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद लिया गया है।
 
जानकारी है कि कैबिनेट ने एर्नाकुलम कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को पूर्व माओवादी राजू के लिए घर बनाने का आदेश दिया है जिसके लिए राज्य सरकार ने एसपी एवं कलेक्टर को भूमि की पहचान करने एवं अपनी देख रेख में घर का निर्माण करने की बात कही है, राज्य सरकार ने इसके लिए 15 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत की है।
 
सरकार माओवादी नेता को यह लाभ पुनर्वास नीति के आधार पर दे रही है हालांकि भूमि का क्रय कर आवास बना कर देने के इस निर्णय को लेकर सरकार की माओवादियों के प्रति सहानभूति को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।
 
ज्ञात हो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागेदारी रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टियों एवं उग्र कम्युनिस्ट विचार रखने वाले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के बीच विचारों की समानता को लेकर प्रश्न खड़े होते रहे हैं, अब ऐसे में इस निर्णय के उपरांत एक बार फिर कम्युनिस्ट विचार को समर्पित इन दोनों संगठनों की एक दूसरे के प्रति वैचारिक सहानभूति के सामने आने की बात कही जा रही है।