उत्तरप्रदेश: जौनपुर में एक के बाद एक सामने आए कन्वर्जन के मामले, आरोपी ईसाई पादरी हुआ फरार

एक तरफ जहां फतेहपुर, गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, कानपुर, वाराणसी समेत विभिन्न शहरों में अवैध कन्वर्जन कराने वाले पकड़े जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईसाई समूह के नेता इस मामले में विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं।

The Narrative World    25-Feb-2023   
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सुदूर बस्तर का नारायणपुर क्षेत्र हो या उत्तर भारत का कोई शहर
, हर स्थान पर ईसाई मिशनरियों के के द्वारा अनैतिक गतिविधियों का उपयोग कर कन्वर्जन का गंदा खेल खेला जा रहा है।


सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही हाल ही में कई दर्जन ईसाई पादरियों समेत 100 से अधिक लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया जा चुका है।


प्रदेश के कई जिला मुख्यालयों एवं छोटे-छोटे कस्बों और गांवों से कन्वर्जन की खबरे आ रहीं हैं।


इस मामले में चर्च, प्रार्थना सभा और चंगाई सभा जैसे नाम काफी चर्चित रहते हैं। इसी क्रम में जौनपुर से एक और मामला सामने आया है, जहां प्रलोभन देकर ईसाई बनाने के आरोप में एक पादरी समेत 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पादरी समेत तीन लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार सम्बंधित कुछ सामाग्री भी मिली है।


स्थानीय शिकायकर्ताओं के अनुसार जिले के बदलापुर थानाक्षेत्र के अंतर्गत एक महिला के निवास में ईसाइयों के द्वारा सभा अयोजित कर आविध कन्वर्जन का खेल खेला जा रहा था।


इस दौरान स्थानीय निवासियों ने हिन्दु संगठनों को सूचना देकर उन्हें बुलाया जिसके बाद हिन्दु संगठनों की तहरीर पर पुलिस ने अवैध रूप से कन्वर्जन कराने के आरोप में पादरी सुजीत कुमार को गिरफ्तार किया।


पुलिस ने पादरी के अलावा उसके दो सहयोगियों शिवानी पाल और रीना विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया है।


पुलिस का कहना है कि उन्होंने आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है, अब मामले की जांच की जा रही है।


अवैध कन्वर्जन का मास्टरमाइंड फरार


दरअसल हाल ही में पुलिस ने जौनपुर में प्रलोभन देकर ईसाई बनाने के मामले में 9 नामजद समेत अन्य अज्ञात लोगों पर मुकदमा दायर किया था।


इस मामले में पुलिस ने क्षेत्र के सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक और पादरी को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया था। पुलिस द्वारा आरोप दाखिल करने के बाद से ही आरोपी ईसाई पादरी फरार चल रहा है।


हालांकि इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। बदलापुर क्षेत्र में भी चल रहे इस अवैध कन्वर्जन के रैकेट का मास्टरमाइंड जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक थॉमस जोसेफ़ को ही माना जा रहा है।


कुछ दिनों पहले जिस प्रकार से जिले के मुरादपुर कोटिला क्षेत्र में ग्रामीणों को बरगलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत के बाद पुलिस ने छापा मारकर ईसाई पादरी समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।


इस छापेमारी के बाद पुलिस ने आरोपियों समेत अन्य अज्ञात लोगों पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने घटना के बाद अन्य स्थानों में भी छापेमारी की, जिसमें अन्य 8 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।


प्रदेश में बढ़ते कन्वर्जन के मामले के बाद जिस प्रकार से स्थानीय क्षेत्र के लोगों ने मुखर होकर आवाज उठाना शुरू किया है, उससे अब कन्वर्जन करने वाली विधर्मी लॉबी को फ़्री हैंड नहीं मिल रहा है, जिसके चलते ईसाई समूह अब हिंदुओं पर ही बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।


एक तरफ जहां फतेहपुर, गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, कानपुर, वाराणसी समेत विभिन्न शहरों में अवैध कन्वर्जन कराने वाले पकड़े जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईसाई समूह के नेता इस मामले में विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं।


प्रदेश के पादरी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि बीते 6 महीनों में कई पादरियों पर कन्वर्जन के मामले दर्ज किए गए हैं। जितेंद्र सिंह कहते हैं कि लगातार हो रही घटनाओं से ईसाई समुदाय के लोग डरे हुए हैं, स्थिति यह हो गई है कि हम लोग प्रार्थना भी नहीं कर पा रहे हैं।


जितेंद्र सिंह का कहना है कि जहां पर प्रार्थना सभा होती है वहां पर कुछ स्थानीय लोग इकट्ठा होते हैं और नारे लगाने लगते हैं जिसके बाद पुलिस छापेमारी कर उनके लोगों को गिरफ्तार कर लेती है।


उनका कहना है कि कार्रवाइयों के बाद कई चर्चों में ताला लग गया है, प्रार्थनाएं बंद हो गई है और चर्च की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।


दरअसल ईसाई पादरी जितेंद्र सिंह ने जो बातें करनी है उसके पीछे की सच्चाई यह है कि ईसाई समुदाय नहीं बल्कि ईसाई मिशनरियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचने वाले लोग अब डरे-सहमे हैं, क्योंकि उन्हें अब खुलकर कन्वर्जन करने का मौका नहीं मिल रहा है।


इसके अलावा जो उन्होंने कहा कि प्रार्थना भी नहीं कर पा रहा है उसके पीछे की सच्चाई यह है कि प्रार्थना तो शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है लेकिन कन्वर्जन के लिए आयोजित की जाने वाली प्रार्थना सभाएं जरूर बंद हो गई है।


वहीं जितेंद्र सिंह ने एक और आरोप लगाया कि उनकी प्रार्थना सभाओं में 10-20 लोग इकट्ठा होकर नारे लगाते हैं और इसके बाद पुलिस कार्रवाई कर देती है। इ


सके पीछे की सच्चाई यही है कि पुलिस स्थान में कार्यवाही करती हैं जहां अवैध रूप से प्रार्थना सभा और चंगाई सभा के नाम पर कन्वर्जन किया जा रहा है।


अवैध कन्वर्जन को लेकर जिस तरह से जौनपुर में हाल ही में कार्रवाई की गई है उसे लेकर शिकायतकर्ताओं में से एक प्रमोद शर्मा का कहना है कि उन्होंने गांव में एक ईसाई पादरी दिनेश कुमार मौर्य के घर पर भारी भीड़ जमा होने पर पुलिस से शिकायत की थी।


इस दौरान पुलिस द्वारा गांव में छापेमारी करने के बाद वहां से लोग भागने लगे। प्रमोद शर्मा का कहना है कि ऐसा पहले भी हो चुका है कि इस क्षेत्र में प्रार्थना सभा की आड़ में गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है और इसके लिए उन्हें कई प्रकार के प्रलोभन दे दिए जाते हैं।


कुछ स्थानों में ईसाई धर्म छोड़कर अपने मूल धर्म में लौटने वाले लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि ईसाइयों ने उन्हें बरगलाकर और कई मामलों में प्रलोभन देकर ईसाई बनाया था लेकिन अब वह अपने मूल धर्म में लौट चुके हैं।