जासूसी गुब्बारे ने चीनी षड्यंत्र और अमेरिकी खोखलेपन, दोनों को उजागर कर दिया है

चीन के इस जासूसी गुब्बारे को गिराए जाने के बाद एक तरफ जहां बाइडेन सरकार और अमेरिकी प्रशासन समेत मीडिया का एक तबका वाहवाही कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनता समेत रिपब्लिकन सांसद यह प्रश्न उठा रहे हैं कि आखिर इस गुब्बारे को सप्ताहभर से अमेरिका के आसमान में क्यों उड़ने दिया गया।

The Narrative World    07-Feb-2023   
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व्यापारिक युद्ध
, कोरोना महामारी, हांगकांग, ताइवान, दक्षिण चीन सागर, जापान, तिब्बत, शिनजियांग, हिंद-प्रशांत, कर्ज-जाल समेत तमाम ऐसे मुद्दें हैं जिसे लेकर चीन और अमेरिका बीते वर्षों में आमने-सामने खड़े दिखाई दिए हैं।


इस दौरान अमेरिका ने चीन पर विभिन्न माध्यमों से जासूसी करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद चीन की कंपनियों पर दुनियाभर के देशों ने अलग-अलग प्रकार से कार्यवाहियां की हैं।


लेकिन बावजूद इसके, अमेरिका में जो बाइडेन की कमजोर और वामपंथी विचार की सत्ता स्थापित होने के बाद चीन ने धीरे-धीरे विभिन्न मोर्चों में अपनी पकड़ को मजबूत किया है।


इन सब के बीच चीन ने एक ऐसा काम किया है जिसने ना सिर्फ उसके षड्यंत्र को उजागर किया है, बल्कि इस धारणा को भी मजबूत किया है कि चीन और कम्युनिस्ट शक्तियों से निपटने में बाइडेन की अमेरिकी सरकार कमजोर और दिशाहीन है।


दअरसल चीन द्वारा अमेरिका की सीमा के भीतर एक जासूसी गुब्बारा दिखाई दिया, जिसे अंततः अमेरिकी वायुसेना ने मार तो गिराया, लेकिन इसके पीछे की पूरी कहानी जानने के बाद ऐसा लगता है कि चीन अपने षड्यंत्रों में सफल हो गया है।


बीते 28 जनवरी को ही चीन का यह जासूसी गुब्बार अमेरिका की सीमा में दाखिल हो चुका था, जिसकी जानकारी पेंटागन को लग चुकी थी।


बावजूद इसके अमेरिकी सरकार ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। यह गुब्बारा अमेरिका के एक बड़े क्षेत्र के ऊपर लगातार उड़ता रहा है और संभवतः जानकारियां इकट्ठा करता रहा।


इस बीच 3 फरवरी को एक बार फिर इस गुब्बारे के मोंटाना क्षेत्र के ऊपर दिखाई दिए जाने की खबर सामने आई, जो अमेरिका का ऐसा खुफिया क्षेत्र है जहां परमाणु मिसाइल संबंधी जानकारियां एवं उपकरण मौजूद हैं।


पेंटागन को यह शक था कि यह गुब्बारा अमेरिका की जासूसी कर रहा है, बावजूद इसके अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।


सेना ने यह अनुमान भी लगाया कि इस गुब्बारे के माध्यम से जानकारियां चीन तक पहुंचाई जा रही है। हालांकि सेना ने यह कहा कि उसकी नजर गुब्बारे पर बनी हुई है।


इन सब के बीच स्वयं को एवं अपनी सरकार को 'हीरो' दिखाते हुए बाइडेन ने गुब्बारे को नष्ट करने का आदेश दिया, लेकिन गुब्बारे को अमेरिका की सीमा पार करने दिया गया और इसके पीछे का कारण बताया गया कि उसके गिराए जाने से आम जनता पर खतरा हो सकता था।


अंततः कैरोलिना तट से लगभग 6 मील की दूरी पर अमेरिकी फाइटर जेट के माध्यम से गुब्बारे को नष्ट किया गया और उसके बाद नौसेना एवं तटरक्षक बल को भेजकर उसका मलबा एकत्रित किया गया।


हालांकि आधिकारिक रूप से इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि यह गुब्बारा कितना बड़ा था, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह लगभग 30 बसों के जितना विशाल था।


चीन के इस जासूसी गुब्बारे को गिराए जाने के बाद एक तरफ जहां बाइडेन सरकार और अमेरिकी प्रशासन समेत मीडिया का एक तबका वाहवाही कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनता समेत रिपब्लिकन सांसद यह प्रश्न उठा रहे हैं कि आखिर इस गुब्बारे को सप्ताहभर से अमेरिका के आसमान में क्यों उड़ने दिया गया।


“इस मामले को लेकर अमेरिकी मीडिया पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर मीडिया ने 28 जनवरी से लेकर 3 फरवरी के बीच गुब्बारे की जानकारी मुख्यधारा में क्यों नहीं लाई और इस विषय पर कोई चर्चा क्यों नहीं की गई। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह अमेरिकी प्रशासन की एक बड़ी विफलता है, साथ ही इस चीनी जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका के उस 'गुब्बारे' की भी हवा निकाल दी है जिसके तहत अमेरिका को बार-बार वैश्विक महाशक्ति और आंतरिक सुरक्षा का सर्वशक्तिमान कहा जाता था।”


इस घटना ने एक तरफ जहां चीनी षड्यंत्र को तो उजागर किया ही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के खोखलेपन को भी सामने ले आया है।


सोशल मीडिया में जिस प्रकार से बाइडेन की आलोचना हो रही है, उससे भी यह स्पष्ट है कि आम जनता के बीच चीनी कम्युनिस्ट संकट की चर्चा तो है, लेकिन अमेरिकी सरकार इन जनभावनाओं को समझने में असफल साबित हुई है।


हालांकि इस गुब्बारे के प्रकरण के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री ने अपने चीन दौरे को रद्द कर दिया है।


वहीं चीन ने इस मामले में आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा है कि अमेरिका उसे बदनाम करने के लिए एक नागरिक गुब्बारे को जासूसी गुब्बारा कह रहा है।


चीन का कहना है कि इस गुब्बारे का उपयोग मौसम की जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है, जो अपना मार्ग भटक कर अमेरिका की सीमा में गलती से घुस गया था।


हालांकि बाइडेन सरकार की गिरती छवि और उसके खोखलेपन की सच्चाई उजागर होने के बाद सीआईए ने मामले की गंभीरता को कम करते हुए कहा है कि यह गुब्बारा ऐसा कुछ भी करने में सक्षम नहीं है, जो पहले से ही मौजूद सैटेलाइट नहीं कर रहे।


यदि सीआईए की बात में इतनी ही सच्चाई है तो यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी चीनी यात्रा को क्यों रद्द किया है।