बिहार के औरंगाबाद में माओवादियों की सांसद एवं पूर्व विधायक को धमकी, वहीं गया में 15 लाख के इनामी माओवादी ने डाले हथियार

माओवादियों ने पूर्व में बर्बरता से की गई हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि रणविजय का वही हाल किया जाएगा

The Narrative World    09-Feb-2023   
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माओवादियों ने बिहार के औरंगाबाद में स्थानीय विधायक एवं सांसद के नाम धमकी भरा पर्चा जारी किया है, यह पर्चा औरंगाबाद के माओवाद प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले बंदेया एवं गोह थाना क्षेत्र अंतर्गत चिपकाया गया था जिसमें क्षेत्र के सांसद सुशील सिंह एवं गोह विधायक पूर्व एमएलए रणविजय कुमार को धमकी दी गई है।
 
अब इस हस्तलिखित पर्चों से जहां एक ओर लोगों में भय देखा जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने भी क्षेत्र में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है, दरअसल क्षेत्र में नक्सल संबंधित घटनाओं का लंबा इतिहास रहा है जिससे किसी भी संभावित हमले को लेकर सुरक्षाबल मुस्तैदी बरत रहे हैं।
 
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के हवाले से लिखे गए इस नोट में माओवादियों ने क्षेत्र के सांसद सुशील सिंह को अपने क्षेत्र में नहर नहीं लाने पर क्षेत्र में घुसने से प्रतिबंधित किया गया है, माओवादियों ने लिखा है कि नहर का काम पूरा होने तक सुशील सिंह यदि क्षेत्र ने घुसेंगे तो उन्हें पार्टी का विरोध झेलना पड़ेगा।
 
वहीं जदयू के पूर्व विधायक रणविजय कुमार को लेकर तो माओवादियों ने और भी सख्त चेतावनी दी है, लेटर के दूसरे भाग में माओवादियों ने रणविजय कुमार को हत्या की धमकी दी है, इस क्रम में माओवादियों ने पूर्व में बर्बरता से की गई हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि रणविजय का वही हाल किया जाएगा, हत्या की धमकी के अतिरिक्त नक्सलियों ने स्थानीय जदयू कार्यालय उड़ाने की भी धमकी दी है।
 
जानकारी है कि माओवादियों ने यह पर्चे गोह थाना क्षेत्र अंतर्गत डीहुरि एवं पेमा गांव में चिपकाए थे जबकि बंदेया थाना अंतर्गत यह पर्चे जैतीया एवं महरी गांव में चिपकाए गए थे, सूचना है कि पुलिस के पहुँचने से पहले सभी पर्चे उखाड़ लिए गए थे, वहीं माओवादियों द्वारा दी गई धमकी के विषय में बात करते हुए गोह के पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने कहा कि "मुझे नहीं पता कि माओवादीयों ने यह धमकी क्यों दी है पर मैं और मेरा परिवार हमेशा से माओवादियों की हिटलिस्ट में रहा है।"
 
बता दें कि माओवादियों द्वारा इससे पूर्व भी रणविजय कुमार के गांव बंदेया पर हमला हो चुका था तब दोनों ओर से हुई गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से भाग निकले थे, जिसके बाद इस क्षेत्र में माओवादियों के प्रभाव को देखते हुए ही बंदेया में थाना स्थापित किया था।
 
ज्ञात हो कि क्षेत्र में भय फैलाने की दृष्टि से माओवादी ऐसे पर्चे एवं धमकियां जारी करते रहते हैं, इस क्रम में अभी बिहार के भागलपुर में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर माओवादियों ने धमकी जारी की थी जिसके बाद कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था को और चाक चौबंद किया गया है।
 
गया में रीजनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण
 
वहीं माओवादियों से संबंधित एक अन्य महत्वपूर्ण विकास में एक दशक से अधिक समय से प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के सक्रिय सदस्य रहे नक्सली कमांडर अभ्यास भुइयां ने बिहार के गया में आत्मसमर्पण कर दिया है।
 
जानकारी के अनुसार बीते दिनों चलाए जा रहे अभियानों के दौरान ही सीआरपीएफ एवं अभ्यास का संपर्क स्थापित हुआ था जिसके बाद सुरक्षाबलों द्वारा मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित किए जाने के बाद अभ्यास ने गुरुवार को सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
 
अभ्यास ने आत्मसमर्पण के बाद सीआरपीएफ को छुपाए गए हथियार एवं गोलियों की भी जानकारी दी जिसके बाद उसकी निशानदेही पर कुल 920 जिंदा कारतूसों को बरामद किया गया है, बता दें कि अभ्यास के विरुद्ध झारखंड समेत बिहार के औरंगाबाद एवं गया में कुल 21 प्रकरण पंजीकृत हैं, जिसको लेकर सरकार की ओर से उस पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
 
ज्ञात हो कि झारखंड एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों के कारण माओवादियों पर निरंतर दबाव बना हुआ है परिणामस्वरूप बीते कुछ दिनों में ही कुख्यात नवीन यादव, अमन गंझू समेत कई माओवादियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा की राह चुनी है।