भारतीय विचारों की स्वीकार्यता का परिणाम है 'ऑस्कर पुरस्कार'

जिस भारत में महान नाट्यशास्त्र की रचना हुई हो। जिसे आधार बनाकर सम्पूर्ण विश्व में नाट्य कलाकारों से लेकर अभिनय से जुड़े लोगों का मार्गदर्शन होता हो। ऐसे भारत को ऑस्कर सम्मान मिलना आश्चर्य की बात नहीं अपितु यह तो शोध का विषय है कि अब तक भारत को इस सम्मान से दूर क्यों रखा गया था। जबकि भारतीय टैलेंट का सम्मान विश्व के हर एक कोने में होना स्वाभाविक है।

The Narrative World    14-Mar-2023   
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13 मार्च 2023 को विश्व सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित सम्मान ऑस्कर अवार्ड्स मे भारत ने मजबूती से अपनी उपस्थिती दर्ज कारवाई है। 95 ऑस्कर अवार्ड मे भारत को दो क्षेत्रों मे सम्मान प्राप्त हुआ है।


पहला है SS Rajamouli द्वारा निर्देशित RRR के गाने नाटू...नाटू... को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी मे ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वही दूसरी और तमिल भाषा मे कार्तिकी गोन्साल्वेस द्वारा बनाई गई शॉर्ट मूवी The Elephant Whisperes को बेस्ट शॉर्ट मूवी के लिए ऑस्कर से सम्मानित किया गया है।


जहाँ एक ओर SS Rajamouli द्वारा निर्देशित RRR एक कमर्शियल सिनेमा के आधार पर ऑस्कर के लिए नामित हुयी थी, वहीं दूसरी ओर कार्तिकी गोन्साल्वेस द्वारा बनाई गई शॉर्ट मूवी The Elephant Whisperes शॉर्ट फिल्म के तौर पर नामित किया गया था।


बात करते है The Elephant Whisperers शॉर्ट फिल्म की, तो इस फिल्म में भारतीय संस्कृति के साथ पर्यावरण और वन्यजीवों के सामंजस्य को बड़ी ही सुंदरता के साथ प्रस्तुत किया गया है।


वहीं RRR मे भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन को एक अलग स्वरूप मे दिखाया गया है। दोनों ही फिल्मे भारतीय विचारों को विश्व के सामने अपने मूल स्वरूप मे स्थापित करने का सफल प्रयास करती है।


भारतीय सिनेमा के लिए यह एक अविस्मरणीय पल है। भारतीय सिनेमा को विश्व से परिचित कराने का काम RRR ने किया है। RRR को ऑस्कर मिलने के साथ ही यह सिद्ध हो गया है कि भारतीय सिनेमा को अब उसके वास्तविक स्वरूप में विश्व में स्वीकार किया जा रहा है।


जिस भारत में महान नाट्यशास्त्र की रचना हुई हो। जिसे आधार बनाकर सम्पूर्ण विश्व में नाट्य कलाकारों से लेकर अभिनय से जुड़े लोगों का मार्गदर्शन होता हो।

ऐसे भारत को ऑस्कर सम्मान मिलना आश्चर्य की बात नहीं अपितु यह तो शोध का विषय है कि अब तक भारत को इस सम्मान से दूर क्यों रखा गया था। जबकि भारतीय टैलेंट का सम्मान विश्व के हर एक कोने में होना स्वाभाविक है।


बाहुबली फ़िल्म के बाद सम्पूर्ण भारत में फिल्मों को लेकर भाषा आधारित छद्म भेद स्वतः ही समाप्त हो गया और बाहुबली भारतीय सिनेमा की परिचायक बनकर विश्व के समस्त स्थापित हुई।


बाहुबली का निर्माण भी राजमौली ने ही किया था। उसी प्रकार से RRR भी विश्व में भारतीय सिनेमा को पुर्नस्थापित करने का काम कर रही है।


वर्तमान में भारतीय गुणवत्ता का लोहा सम्पूर्ण विश्व मान रहा है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें भारतीय प्रतिनिधित्व ना हो। जब भी Rajamouli से उनके फिल्म निर्माण से जुड़ी कल्पना की बात करते है, तो वह कहते है कि भारतीय इतिहास सत्य घटनाओं से भरा पड़ा है। जिसमें रामायण और महाभारत उसके मूल है। और यही मूल उनकी फिल्मों की कल्पना को पर्दे पर साकार करते है।


जब हम अपने शास्त्रीय इतिहास को सत्य रूप स्वीकार करते है। और तब यह स्वीकारिता ही हमें अपने 'स्व' के भाव का बोध कराती है। तब जाकर विश्व हमें आलिंगन के लिए स्वयं आगे बढ़ता है। यही कारण है कि RRR को ऑस्कर से सम्मानित किया गया है।


ऐसा नहीं है कि इससे पहले किसी भारतीय को यह सम्मान ना मिला हो। वर्ष 2009 में ए.आर. रहमान को भी स्लमडॉग मिलेनियर के 'जय हो' गाने के लिए ऑस्कर से सम्मानित किया जा चुका है। किंतु यह पहली बार है, जब मूल भारतीय फिल्म से जुड़े व्यक्ति को यह सम्मान मिला है।


विश्व सिनेमा में यह दिन भारत का दिन भी है। जो प्रत्येक भारतीय को सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित करता रहेगा।

 
लेखक 


सनी राजपूत
अधिवक्ता एवं कर सलाहकार