छत्तीसगढ़ के सुकमा में इनामी सहित 4 माओवादी गिरफ्तार वहीं बलरामपुर में 7 ने छोड़ी हिंसा की राह

प्रारंभिक पूछताछ में तीनो ही माओवादियों ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के सक्रिय सदस्य होने की बात स्वीकारी है

The Narrative World    14-Mar-2023   
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माओवाद (नक्सलवाद/कम्युनिस्ट आतंक) प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में रविवार को सुरक्षाबलों को वांछित सफलता मिली है, जानकारी के अनुसार जिले में सुरक्षाबलों द्वारा चलाये गए दो अलग अलग अभियानों में 4 माओवादियों को धर दबोचा गया है जिनमे से एक के ऊपर प्रशासन की ओर से एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।
 
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सुकमा जिले अंतर्गत, जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन एवं एसटीएफ की संयुक्त टीम टोन्डमरका एवं एलमागुंडा के जंगलो की ओर खोजी अभियान पर निकली थी जहां टोन्डमरका गांव के समीप तीन माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
 
प्रारंभिक पूछताछ में तीनो ही माओवादियों ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के सक्रिय सदस्य होने की बात स्वीकारी है, तीनो माओवादियों की पहचान बारसे देवा (35), पेड़ियम देवा (35) एवं सोढ़ी भीमा (24) के रूप में की गई है, जानकारी है कि इनमें से मिलिशिया प्लाटून कमांडर बारसे देवा पर सरकार की ओर से एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
 
जबकि शेष दोनों ही माओवादी संगठन में जन मिलिशिया सदस्य के रूप में कार्य कर रहे थे, पकड़े गए सभी माओवादी सुकमा जनपद के किस्टाराम थाना अंतर्गत साकलेर के निवासी हैं जो वर्ष 2014 में सुरक्षबलों पर हुए कसलपाड़ हमले में शामिल थे, बता दें कि इस हमले में कुल 14 जवान बलिदान हो गए थे।
 
वहीं जिले में ही चलाये गए एक अन्य अभियान में रविवार को ही चिंतागुफा थाना अंतर्गत पिड़मेल कैंप से सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस बल की टीम एरिया डोमिनेशन पर निकली थी जिसने पिड़मेल के जंगलो से घेराबंदी कर के प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के एक अन्य सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है, गिरफ्तार किए गए सदस्य की पहचान चिंतागुफा थाना निवासी 24 वर्षीय पोड़ियाम मुक्का उर्फ मुकेश के रूप में की गई है।
 
पोड़ियाम पर बीते वर्ष मार्च के महीने में सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की दृष्टि से आईडी बम प्लांट करने का गंभीर आरोप है जिसको लेकर उसके विरुद्ध चिंतागुफा थाने में अपराध भी पंजीकृत था, जानकारी है कि गिरफ्तारी के उपरांत पुलिस ने लंबित प्रकरण को लेकर उसे सोमवार को सुकमा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
 
बलरामपुर में 7 ने किया आत्मसमर्पण
 
वहीं राज्य में माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में कुख्यात माओवादी कमांडर कुंदन पाहन एवं 25 लाख के इनामी माओवादी विमल यादव के साथ सक्रिय रहे तीन महिला समेत कुल 7 माओवादियों ने बलरामपुर जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया है।
 
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से 6 की पहचान बलरामपुर जनपद के सामरी थाना क्षेत्र अंतर्गत पीपरढाबा निवासी नंदू कोरवा, लक्ष्मण नागेसिया, ग्राम पुंदाग निवासी सनी बिजिरिया, गुडवा कोरवा, आशा एवं सरस्वती उर्फ अमृता के रूप में की गई है जबकि एक अन्य माओवादी की पहचान झारखंड के माओवाद प्रभावित जिले लातेहार निवासी कांति कोरवा के रूप में की गई है।
 
जानकारी है कि यह सभी माओवादी प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओइस्ट के सक्रिय सदस्य रहे हैं जो हथियार चलाने से लेकर आईडी प्लांट करने में भी सक्षम हैं, वहीं इनमें से नंदू कोरवा एवं गुडवा कोरवा तो झारखंड में बम लगाने एवं आगजनी की कई घटनाओं में भी शामिल रहे हैं।
 
आत्मसमर्पण के दौरान माओवादियों ने बताया कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा खोले जा रहे नवीन कैंपो एवं विकास के कार्यों से ग्रामीणों में माओवाद की विचारधारा से मोहभंग हो गया है, वहीं आत्मसमर्पण की जानकारी देते हुए बलराम जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि " आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को फौरी तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान की गई है जबकि आने वाले दिनों में इन सब को शासन की पुनर्वास नीति के तहत 10-10 हजार की सहायता प्रदान की जाएगी।"
 
बता दें कि बीते एक वर्ष में छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में दर्जनों नवीन कैंपो को खोला गया है जिसके बाद से इन क्षेत्रों में माओवादियों के डर से संगठन में शामिल हुए ग्रामीण लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं, ज्ञात हो कि शनिवार को आत्मसमर्पण करने वाले ज्यादातर माओवादी पुंदाग क्षेत्र से हैं जहां बीते वर्ष सितंबर में ही सुरक्षाबलों द्वारा नवीन कैंप खोला गया था।