वैश्विक आतंकी संगठनों की सूची में 12 वें पायदान पर 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट)' जाने क्या है संगठन का उद्देश्य ?

लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ सूची साझा करना कथित समानता की क्रांति की डुगडुगी पीटने वाले कम्युनिस्ट आतंकी संगठन के लिए शर्मसार करने वाला है

The Narrative World    17-Mar-2023   
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वैश्विक आतंकी संगठनों की सूची जारी करने वाली ऑस्ट्रेलिया स्थित संस्था की नवीन रिपोर्ट में भारत में सक्रिय प्रतिबंधित माओवादी (नक्सली/कम्युनिस्ट आतंकी) संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) को एक बार फिर शर्मसार किया है, दरअसल ऑस्ट्रेलिया स्थित संस्था 'इंस्टिट्यूट फ़ॉर इकोनॉमिक एंड पीस' (IEP) द्वारा जारी की गई आतंकवाद संबंधित वार्षिक सूची में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) यानी भाकपा माओवादी को वैश्विक स्तर पर 12वां स्थान दिया है।
 
संस्था द्वारा जारी किए गए ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (जीटीआई) में इस्लामिक चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) को विश्व का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है, सूची में दिए गए विवरण के अनुसार इस्लामिक स्टेट ने वर्ष 2022 में कुल 410 आतंकी हमले किए हैं जिसमें कुल 1045 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि इन हमलों में कुल 644 लोग घायल हुए हैं। वहीं इस्लामिक स्टेट के बाद आतंकी संगठन अल शबाब को सूची में दूसरे पायदान पर रखा गया है जिसने वर्ष 2022 में कुल 315 हमलों में 784 की हत्या की है जबकि इसी दौरान इन हमलों में कुल 1016 लोग घायल हुए हैं।
 
वहीं इस सूची में 12वें स्थान पर काबिज कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के संदर्भ में बताया गया है कि बीते वर्ष में इस माओवादी संगठन ने कुल 61 आतंकी हमले किये हैं जिनमें कुल 39 लोग मारे गए हैं जबकि इन हमलों के दौरान कुल 30 लोग घायल हुए हैं, हालांकि बावजूद इसके कि संस्था द्वारा जारी किए गए आंकड़े भारत में इस आतंकी संगठन द्वारा फैलाए गए वास्तविक रक्तपात से कम ही दर्शाए गए हैं, अलकायदा, इस्लामिक स्टेट, एवं लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ सूची साझा करना ही कथित समानता की क्रांति की डुगडुगी पीटने वाले कम्युनिस्ट आतंकी संगठन के लिए शर्मसार करने वाला है
 
क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
 
वहीं संस्था द्वारा 20 शिर्ष आतंकी संगठनों की सूची सीपीआई माओइस्ट को 12 वें स्थान पर रखने के संदर्भ में यह बताया गया है कि इस कम्युनिस्ट आतंकी संगठन द्वारा बीते वर्ष कुल 61 आतंकी हमले किये गए हैं जिनमे कुल 39 लोगों की मृत्यु हुई है, हालांकि इस संदर्भ में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ो की बात करें तो वर्ष 2022 में संगठन द्वारा कुल 413 हमलों को अंजाम दिया गया है जिसमें सुरक्षाबलों सहित कुल 98 लोगों की मृत्यु हुई है।
 
इस संदर्भ में बीते मंगलवार को सदन में रखी गई एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंधित माओवादी संगठन द्वारा वर्ष 2021 में हुए 509 हमलों में कुल 147 लोगों की मृत्यु हुई थी, आंकड़ो के अनुसार संगठन का विस्तार एवं प्रभाव भारत मे तेजी से कम हुआ है और अपने शिखर काल यानी वर्ष 2010 के मुक़ाबले कम्युनिस्ट आतंकी हमलों में मारे जाने वाले नागरिकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है, बता दें कि वर्ष 2010 में माओवादी हिंसा में कुल 1005 लोग मारे गए थे।
 
कैसे काम करता है संगठन
 
बता दें कि चीनी तानाशाह माओ जेदोंग के विचारों से प्रभावित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) वर्ष 2004 में आंध्र प्रदेश में सक्रिय कम्युनिस्ट आतंकी संगठन पीपुल्स वॉर ग्रुप एवं बिहार झारखंड में सक्रिय माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) के विलय से अस्तित्व में आया जो बीते दो दशकों में लगभग 20000 से अधिक हत्याओं के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्त्तरदाई है।
 
संगठन की अपनी सैन्य इकाई है जो चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( पीएलए ) के तर्ज पर पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के रूप में जानी जाती है, वर्तमान में पीएलजीए बिहार, केरल, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल में आंशिक रूप से सक्रिय है जबकि झारखंड, ओड़िशा, महाराष्ट्र, आंध्रा, तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ में मजबूती से सक्रिय है।
 
अर्बन नक्सलियों के समूह एवं संगठन का लक्ष्य
 
वहीं सैन्य इकाई की सहायता के लिए देश भर में पार्टी के विभिन्न फ्रंटल समूह सक्रिय हैं जिनके सदस्य मानवाधिकार संगठनों, छात्र इकाइयों, जाति विशेष समुहों, पृथक पहचान खड़े करने वाले समुहों, किसान संगठनों, मजदूर संगठनों, पत्रकार समुहों के माध्यम से सैन्य इकाई को मजबूत करने में लगे हुए हैं, शहरी क्षेत्रों में सक्रिय पार्टी वर्करों को सामान्यतः अर्बन नक्सलियों के रूप में चिन्हित किया जाता रहा है।
 
वर्तमान में पार्टी के अर्बन नक्सली समूह के शीर्ष कैडरों में शामिल अधिकतर लोग वर्ष 2017 में पुणे के एल्गार परिषद माओवादी प्रकरण में नामजद है जिनके विरुद्ध राष्ट्रीय अन्वेषण ब्यूरो जांच कर रही है, अनुमान है कि देश भर में युवाओं एवं अन्य वर्गों को पार्टी से जोड़ने के लिए सैकड़ो फ्रंटल समूह सक्रिय हैं।
 
विश्व के शीर्ष आतंकी संगठनों की सूची में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) का लक्ष्य भारतीय गणराज्य से लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर यहां चीन के तर्ज पर कम्युनिस्ट तानाशाही स्थापित करने की है जिसके लिए पार्टी घोषित रूप से हिंसा एवं रक्तपात को सही ठहराते आई है।
 
सत्ता परिवर्तन के लिए पार्टी लोगों को उद्दवेलित कर हिंसा एवं अराजकता फैलाने में विश्वास रखती है, इसके लिए इस आतंकी संगठन ने देश विरोधी शक्तियों के साथ गठजोड़ भी किया है, उदाहरण के तौर पर बीते कुछ वर्षो में हुई सीएए-एनआरसी, किसान आंदोलन एवं अग्निवीर योजना के विरुद्ध हुए हिंसक प्रदर्शनों में संगठन की व्यापक संलिप्तता रही है।