छत्तीसगढ़ के कांकेर में माओवादियों का उत्पात, एक दर्जन गाड़ियों में की आगजनी, वहीं बीजापुर में हुई मुठभेड़ में एक महिला माओवादी ढ़ेर

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में माओवादियों द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को निशाना बनाया गया है

The Narrative World    21-Mar-2023   
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त्तीसगढ़ में माओवादियों ने एक बार फिर जमकर उत्पात मचाया है, जानकारी के अनुसार रविवार रात को प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सशस्त्र कैडरों ने राज्य के माओवाद प्रभावित नारायणपुर-कांकेर सीमा पर सड़क निर्माण में लगे लगभग एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया है।
 
आगजनी की यह घटना कोयलीबेड़ा पुलिस थाने अंतर्गत गोंदुल गांव की है जहां रविवार रात को लगभग दो दर्जन माओवादी सड़क निर्माण स्थल पर आ धमके और वहां खड़े आठ ट्रैक्टरों, दो बुलडोजरों एवं दो जेसीबी मशीन सहित पोकलेन मशीनों में आगजनी कर दी, जानकारी है कि निर्माणस्थल पर खड़े सभी ट्रेक्टर आस पास के ग्रामीणों के थे जिन्हें ठेकेदार द्वारा कार्य पर लगाया गया था।
 
वहीं पुलिस द्वारा इस घटना के संबंध में संबंधित ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण के लिए सुरक्षा की मांग ना करने की बात कही जा रही है, घटना के संदर्भ में पुलिस का कहना है कि यदि संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्य को लेकर सुरक्षा की मांग की जाती तो निर्माण स्थल पर सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए होते, जानकरी है कि घटना के बाद क्षेत्र में कॉम्बिंग अभियान चलाया गया है।
 
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में माओवादियों द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को निशाना बनाया गया है और बीते महीने भी माओवादियों द्वारा इसी प्रकार की एक अन्य घटना में सड़क निर्माण में लगे तीन वाहनों में आगजनी कर दी गई थी।
 
विकास कार्यों का विरोध
 
ज्ञात हो कि नारायणपुर-कांकेर जिले की सीमा का यह क्षेत्र अबूझमाड़ अंचल में आता है जहां स्वतंत्रता के इतने दशकों बाद भी सर्वे तक का कार्य नहीं हो पाया है, जानकरी है कि अति माओवाद प्रभावित माने जाने वाले इस क्षेत्र में माओवादियों की अच्छी खासी संख्या है जो इस क्षेत्र में विकास कार्यों का विरोध करते आये हैं।
 
दरअसल क्षेत्र में सड़क निर्माण एवं विकास के अन्य कार्यों से माओवादियों को सुदूर क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की पहुंच सुगम हो जाने का भय है जिसको लेकर माओवादी विकास कार्यों का निरंतर विरोध करते आये हैं, वहीं इन क्षेत्रों में प्रसाशन की योजनाओं के पहुँचने से माओवादियों को संगठन के लिए भर्तियां घटने एवं सामान्य जनमानस में जागरूकता आने का भी भय है जिसकी दृष्टि से माओवादी संगठन इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा किये जाने वाले विकास कार्यों का विरोध करता आया है।
 
बीजापुर में महिला माओवादी हुई ढ़ेर
 
वहीं राज्य में माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में सुरक्षाबलों ने एक महिला माओवादी को मार गिराया है, जानकारी है कि बीजापुर पुलिस को सूचना मिली थी कि गंगलूर थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) का कमांडर वेल्ला एवं गंगलूर एरिया कमेटी सदस्य दिनेश करचोली -तोड़का के जंगलो में छुपे हुए हैं जिसके बाद मंगलवार सुबह ही डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (डीआरजी), सीआरपीएफ एवं एसटीएफ की संयुक्त टीम को खोजी अभियान पर रवाना किया गया था।
 
जानकारी है कि टीम के संबंधित क्षेत्र में पहुंचने के बाद उनकी माओवादियों से मुठभेड़ हो गई जिसमें एक महिला माओवादी को मार गिराया गया है, सूचना के अनुसार मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से नक्सली वर्दी में एक महिला माओवादी के शव समेत 12 बोर की राइफल बरामद की है, पुलिस सूत्रों के अनुसार मारी गई महिला माओवादी की पहचान अब तक सुनिश्चित नहीं कि जा सकी है।