गृहमंत्री के दौरे से ठीक पहले सुकमा में 16 माओवादियों ने छोड़ी हिंसा की राह, पूना नार्कोम अभियान के तहत किया आत्मसमर्पण

वहीं केंद्रीय गृहमंत्री के बस्तर दौरे से ठीक पहले हुए इस आत्मसमर्पण को सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है

The Narrative World    24-Mar-2023   
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से ठीक पहले सुरक्षाबलों को माओवाद ( नक्सल/कम्युनिस्ट आतंक)विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है, जानकारी के अनुसार गृहमंत्री के बस्तर पहुंचने से पूर्व पड़ोसी सुकमा जिले में सुरक्षाबलों एवं प्रशासन के साझा प्रयासों से चलाए जा रहे पूना नार्कोम अभियान के तहत 16 माओवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा को अपना लिया है।
 
जानकारी के अनुसार यह सभी माओवादी प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के सक्रिय सदस्य हैं जो संगठन के विभिन्न फ्रंटल समुहों में सक्रिय थे, सूचना है कि इनमें से एक माओवादी कवासी पाले उर्फ जोगी पर 8 लाख का इनाम घोषित था जबकि आत्मसमर्पण करने वाले एक दूसरे माओवादी पदाम सोमा पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, वहीं शेष अन्य माओवादियों में से दो अन्य पर भी एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
 
सूचना है कि यह सभी माओवादी सुरक्षाबलों एवं प्रशासन के साझे प्रयासों से जिले के दुर्गम क्षेत्रों में किये जा रहे विकास कार्यों से प्रभावित थे जिसको लेकर उन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया, आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी सुकमा जिले के निवासी बताए जा रहे हैं।
 
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री के बस्तर दौरे से ठीक पहले हुए इस आत्मसमर्पण को सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है, बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री सीआरपीएफ के रेजिंग डे कार्यक्रम में शामिल होने आज शाम ही बस्तर पहुंचे है, ज्ञात हो कि यह पहली बार है जब माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले बस्तर में सीआरपीएफ अपना रेजिंग डे मना रही है जिसको लेकर कमजोर पड़ते माओवादी संगठन की बौखलाहट अपने चरम पर है।
 
बिहार के जमुई से भी हार्डकोर माओवादी गिरफ्तार
 
वहीं सुरक्षाबलों ने बिहार में माओवादी संगठन से जुड़े एक जोनल कमांडर को भी गिरफ्तार कर लिया है, यह गिरफ्तारी बिहार के माओवाद प्रभावित जमुई जिले से की गई है।
 
जानकारी के अनुसार जमुई पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के बिहार एवं झारखंड के सीमाई क्षेत्रों में सक्रिय बिहार-झारखंड सीमांत जोनल कमेटी का जोनल कमांडर सुनील मरांडी चरकापत्थर थाना अंतर्गत कहुवा गांव में बैठक कर रहा है।
 
जानकारी है कि उक्त सूचना के आधार पर जिला पुलिस एवं एसएसबी की एक संयुक्त टीम को कहुवा गांव की ओर रवाना किया गया था जिसने सुनील मरांडी को धर दबोचा है, जानकारी है कि टीम ने सुनील के पास से हथियारों एवं गोला बारूद की भी बरामदगी की है।
 
बता दें कि 24 वर्षीय माओवादी जोनल कमांडर सुनील के विरुद्ध पिता पुत्र के हत्या समेत कुल 10 मुकदमे पंजीकृत हैं जिसको लेकर सुरक्षाबलों द्वारा लंबे समय से उसे पकड़ने का प्रयास किया जा रहा था, सुनील चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत कथइवार गांव का निवासी है।
 
ज्ञात हो कि सुरक्षाबलों द्वारा बिहार एवं झारखंड राज्य में बीते वर्षों में लगातार चलाये गए अभियानों के परिणामस्वरूप दोनों ही राज्यों में कम्युनिस्ट आतंक पर लगाम लगाई गई है, इस क्रम में रणनीतिक रूप से की गई कार्यवाई के फलस्वरूप जहां एक ओर बिहार में माओवादी संगठन अंतिम सांसे गिनता दिखाई दे रहा है तो वहीं झारखंड में भी संगठन की स्थिति बेहद कमजोर हुई है, संभावना जताई जा रही है कि अगले एक दो वर्षो के भीतर ही यह दोनों ही राज्य माओवादी हिंसा के प्रभाव से पूर्णतया मुक्त करा लिए जाएंगे।
 
गढ़चिरौली में विस्फोटकों की बरामदगी
 
माओवादियों से संबंधित एक अन्य विकास में सुरक्षाबलों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में माओवादियों द्वारा छुपाया गया विस्फोटक बरामद किया है, यह बरामदगी बुधवार को की गई है।
 
इस संदर्भ में पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को नक्सल-रोधी अभियान पर निकले सुरक्षाबलों के एक विशेष दस्ते ने भमरागढ़ ब्लॉक अंतर्गत नेलगुंडा गांव से विस्फोटकों की बरामदगी की है। जानकारी है कि विशेष दस्ते ने यहां से दो प्रेशर कुकर बम, स्टील पाइप, समेत अन्य विस्फोटकों की बरामदगी की है।
 
इस संदर्भ में जानकारी साझा करते हुए गढ़चिरौली जिले के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने एक प्रेस रिलीस के माध्यम से जानकारी दी कि बुधवार को जिले के दो स्थानों से विस्फोटकों को बरामद किया गया था, सभी बरामद विस्फोटकों को घटनास्थल पर ही नष्ट कर दिया गया है, जिला पुलिस इस संबंध में अनुसंधान हेतु वैधानिक प्रक्रिया कर रही है।