ईसाई स्कूल में बच्चियों का यौन उत्पीड़न : ईसाई पादरी समेत प्रिंसिपल, सिस्टर और शिक्षक के विरुद्ध केस दर्ज

इस निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि यहां के ईसाई पादरी, शिक्षक और प्रिंसिपल छात्र-छात्राओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं, जिसमें ईसाई सिस्टर भी शामिल है।

The Narrative World    06-Mar-2023   
Total Views |

Representative Image
ईसाई मिशनरियों के केंद्र
, चर्च परिसर और मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे स्कूल यौन शोषण का एक बड़ा अड्डा बन चुके हैं।


रिलीजन के नाम मिशनरियों द्वारा उन सभी अनैतिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके बारे में मुख्यधारा में चर्चा भी नहीं हो रही है।


देश के विभिन्न ईसाई केंद्रों से यौन शोषण की घटनाएं सामने आ रहीं हैं, कभी यहां ननों के शोषण की बात आती है, तो कभी इनके आवासीय परिसरों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के शोषण की बात आती है।


इसके अलावा मिशनरी समूह द्वारा संचालित किए जा रहे विद्यालयों से भी यौन शोषण की खबरें आ रहीं हैं, जो समाज के लिए चिंताजनक है।


ताजा जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के डिंडोरी क्षेत्र से एक खबर सामने आई है, जहां एक मिशनरी स्कूल के भीतर नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण का विषय सामने आया है।


इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ईसाई मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं 3 अन्य आरोपी ईसाई फरार हैं, जिसमें एक पादरी, शिक्षक और वार्डन शामिल हैं।


मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला डिंडोरी जिले के अमरपुर विकासखंड के अंतर्गत स्थित जुनवानी गांव का है, जहां राज्य बाल संरक्षण आयोग के निरीक्षण के बाद यह खुलासा हुआ है।


आयोग ने बताया कि इस संस्थान (मिशनरी हायर सेकंडरी स्कूल) में चल रही संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थीं, जिसके बाद आयोग ने औचक निरीक्षण कर जांच करने का फैसला किया।


इस निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि यहां के ईसाई पादरी, शिक्षक और प्रिंसिपल छात्र-छात्राओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं, जिसमें ईसाई सिस्टर भी शामिल है।


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम में रहने वाली 8 बच्चियों ने शिक्षक और प्राचार्य पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।


यह भी जानकारी सामने आई है कि मिशनरियों द्वारा संचालित यह चिल्ड्रन होम भी अवैध है। पूरे मामले की तह पर जाने पर यह खुलासा हुआ कि स्कूल के प्रमुख व्यक्ति इस पूरे मामले में शामिल हैं।


बच्चियों ने आयोग को निरीक्षण के दौरान बताया कि प्रिंसिपल और शिक्षक उन्हें अकेले में बुलाकर उनके साथ 'अश्लील हरकतें' करते हैं।


बच्चियों ने यह भी बताया कि यदि जैसे-तैसे वो इन दरिंदों से बचकर निकल जाएं, तो ईसाई सिस्टर उनकी पिटाई करती है।


इस पूरे मामले को सुनने के बाद आयोग की टीम ने तत्काल बच्चों को लेकर थाने जाने का फैसला किया और शिकायत दर्ज कराई।


इस मामले को लेकर आयोग की प्रमुख धन्य कुमारी वैश्य का कहना है कि जब उनकी टीम ने बालिका छात्रावास की छात्राओं से बात करने की कोशिश की, तो बच्चियां काफी डरी हुई थीं।


लेकिन जैसे-जैसे बच्चियों ने अपनी बातें बताईं, उसके बाद सभी के होश उड़ गए। आयोग की प्रमुख ने बताया कि इस मामले में प्रिंसिपल, शिक्षक, वार्डन और पादरी सभी शामिल हैं।


इस दौरान आयोग की टीम ने बालक छात्रावास का भी निरीक्षण किया, जहां बालकों ने बताया कि उन्हें बीबी प्रिंसिपल के द्वारा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। छात्रों ने बताया कि खून निकलते तक उनकी पिटाई की जाती है।


आयोग के ही सदस्य ओमकार सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश में ऐसे और कई शिक्षण संस्थान हैं जहां ऐसे गंभीर मामले सामने आए हैं।


वहीं टीम के एक अन्य सदस्य अनुराग पांडेय का कहना है कि मिशनरी स्कूल से लगातार शिकायतें मिल रही थी। उन्होंने बताया कि ऐसी सूचनाएं आ रही थी कि यहां पढ़ने और रहने वाले छात्र-छात्राओं को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, साथ ही छात्राओं से छेड़खानी की जा रही है।


उन्होंने बताया कि इन शिकायतों के बाद ही जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी, शिक्षा अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी के साथ स्कूल के निरीक्षण करने का फैसला किया गया, जिसके बाद छात्राओं से बातचीत में इस पूरी घटना का खुलासा हुआ।


मामले की जानकारी लगते ही क्षेत्र के विधायक भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।


पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले


ईसाई मिशनरी संस्थाओं या मिशनरी से जुड़े लोगों के द्वारा यौन उत्पीड़न का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।


वर्ष 2022 में जनवरी महीने में तमिलनाडु के थिसयांविलाई नगर में स्थित एक विद्यालय के हेडमास्टर क्रिस्टोफर जेबकुमार पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगा था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।


वहीं तमिलनाडु के ही सेंट जॉर्ज एंग्लो इंडिया स्कूल को शिक्षा मंत्रालय ने नोटिस थमाया था। यहां के खेल विभाग के एक शिक्षक पर यौन शोषण का आरोप लगा था।

वर्ष 2020 में एक मामला कोयंबटूर से सामने आया था जहां एक ईसाई उपदेशक, जो शिक्षण संस्था से जुड़ा हुआ था, उसने हिन्दु युवती को अशलील मैसेज भेजे थे।


वहीं एक अन्य मामले में चेन्नई पुलिस ने 11 वर्षीय बच्ची का यौन शोषण करने के मामले में एक मिशन स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया था।