अब डीएमके नेता सांसद ए राजा ने कहा है - "सनातन धर्म H.I.V.-कोढ़ जैंसा।" इन बयानों के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा - ये I.N.D.I.A गठबंधन का हिंदूफोबिया दिखाता है। दरअसल सनातन धर्म के खिलाफ हेट स्पीच देने का सिलसिला नहीं थम रहा है। तमिलनाडु की सत्तारुढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के उदयनिधि स्टालिन के बाद DMK के ए राजा सनातन धर्म का अपमान करते हुए इसकी HIV से तुलना की है. ए राजा ने कहा- 'सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है. यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है.'
बीते हफ्ते शनिवार (2 सितंबर 2023) को डीएमके सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन जोकि तमिलनाडु सरकार में मंत्री है, उन्होंने सनातन को खत्म की बात कही थी। जिसके बाद पूरे देश में इस बयान की आलोचना की गई. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर इन बयानों की आलोचना की।
हिंदू धर्म का अपमान करके चुनाव जीतना चाहता है I.N.D.I. गठबंधन ?
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर के कहा, 'अब डीएमके सांसद ए राजा हिंदू धर्म को सामाजिक बुराई बता रहे हैं, ये उस धर्म के बारे में बोल रहे हैं जिस धर्म को इस देश की 80 प्रतिशत आबादी मानती है. यह कुछ और नहीं बल्कि एक धर्म के खिलाफ विशुद्ध हेट स्पीच है. कांग्रेस के I.N.D.I. गठबंधन का यही असली चरित्र है. उनका मानना है कि हिंदू धर्म और उसको मानने वालों का अपमान करके वह चुनाव जीत सकते हैं.'।
सनातन धर्म को डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना से तुलना करने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की आलोचना आज देशभर में हो रही है। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक में उनके एक बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं तक ने उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देशभर में कई जगहों पर एफआईआर भी दर्ज किए गए।
चेन्नई के कामराजार एरिना में शनिवार (2 सितंबर) को 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udaynidhi Stalin) ने भी शिरकत किया। खुद को पेरियार का समर्थक कहने वाले उदयनिधि स्टालिन ने इस सम्मेलन में एक ऐसा बयान दिया, जिससे दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक में हंगामा मच गया।
उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा, "सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।'
उदयनिधि स्टालिन के लिए भाजपा ने विपक्ष को लिया आड़े हाथों
भाजपा नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के जरिए विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. को ही घेरना शुरू कर दिया। अमित शाह ने राजस्थान के जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "दो दिन से आप (गठबंधन) इस देश की संस्कृति और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके (एक वित्त मंत्री का बेटा और एक मुख्यमंत्री का बेटा) कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करने कि लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "सनातन को कुचलने की हसरत वाले कितने ही खाक हो गये, हिंदुओं को मिटाने का ख्वाब पाले कितने ही राख हो गये।" उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, "सुनो, घमंडिया के घमंडियों तुम और तुम्हारे मित्र रहें या न रहें सनातन था, सनातन है, सनातन रहेगा। यह बार-बार प्रयास घमंडिया गुटों के नातओं ने किया है।"
धर्मगुरुओं ने की बयान की आलोचना
उदयनिधि के इस बयान पर चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने उनके (उदयनिधि) जैसे लाखों लोगों को देखा है और वह समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
रंगराजन ने सनातन धर्म के संदर्भ में कहा कि उसने इस देश में सबसे भयावह आक्रमणों को देखा है, उसने विनाश और विध्वंसक हमलों को देखा है। यहां तक की इसका पालन करने वालों पर भी अत्याचार हुए... इसके बावजूद यह देश में अभी भी जीवित है।
हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। आईएनडीआईए गठबंधन से जुड़े लोग पीएम मोदी से नहीं, 'सनातन धर्म' से लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य 'सनातन धर्म' को खत्म करना है।
कांग्रेस समेत समेत इन नेताओं ने किया बयान का समर्थन
एक तरफ जहां उदयनिधि स्टालिन के बयान की लोग कड़ी निंदा कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया और कहा,"कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है।" मैं... कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है।"
प्रियांक खरगे के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा," मैं समझता हूं कि कभी-कभी हम लोगों को प्रतीक मुहावरों के अंदर जाकर सोचना होगा। हिंदुस्तान का एक मिजाज रहा है, कई लोगों के सनातन में कई सारी विकृतियां हैं। क्या जाति व्यवस्था अच्छी चीज है। उन्होंने कबीर के एक दोहे का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश में कबीर ने कई दोहे कहे, क्या आप उन्हें फांसी पर चढ़ा देंगे।"
इसके बाद डीएमके नेता ए राजा ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी कर दी। ए राजा ने कहा,"सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।"
उदयनिधि के खिलाफ दर्ज हुए कई एफआईआर
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचे सियासी घमासान के बीच उनके खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज किए गए। दिल्ली, यूपी, कर्नाटक समेत कई राज्यों में सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश के रामपुर में तो उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ प्रियांक खरगे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।
धीरे-धीरे विपक्षी नेताओं ने भी सामने आई प्रतिक्रिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उदयनिधि स्टालिन के बयान पर कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा, "मैं खुद सनातन धर्म से आता हूं और मुझे लगता है कि किसी नेता को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।"
ममता बनर्जी ने भी बयान की निंदा नहीं की
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उदयनिधि को इस तरह के बयान से बचने की नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था, "मैं तमिलनाडु के लोगों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन उनसे मेरा विनम्र अनुरोध है कि हर धर्म की अपनी अलग-अलग भावनाएं होती हैं।" हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे किसी भी वर्ग को ठेस पहुंचे।
शिवसेना नेता संजय राउत बोले, "मैंने वह बयान सुना है। उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा। किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए... यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार है। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं...उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती।"
वहीं, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक गैर-लाभकारी हिंदू संगठन जन जागरण समिति ने सनातन धर्म के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए उदयनिधि स्टालिन को थप्पड़ मारने वाले को 10 लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा कर दी है। संगठन ने इसे लेकर विजयवाड़ा में कई जगहों पर पोस्टर भी लगाए हैं।
उदयनिधि स्टालिन को मंत्री पद से बर्खास्त करने की उठी मांग
बता दें कि तमिलनाडु के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल आरएन रवि से मुलाकात की और उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मामले दर्ज करने (माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप) में हस्तक्षेप करने और मंत्री की बर्खास्तगी के लिए एक ज्ञापन सौंपा है।
लेख
डॉ. आनंद सिंह राणा