बस्तर में माओवादियों का आतंक जारी : 3 जवान बलिदान, 4 माओवादियों के मारे जाने का दावा

कैंप को स्थापित करने के बाद सीआरपीएफ के जवान जोनगुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। मंगलवार को ही सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे हैं सर्च ऑपरेशन के दौरान ही माओवादियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

The Narrative World    31-Jan-2024   
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छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के घोर माओवाद से प्रभावित क्षेत्र बीजापुर
-सुकमा की सीमा में माओवादियों ने एक बार फिर अपनी आतंकी गतिविधि को अंजाम दिया है।


माओवादियों के द्वारा किए गए इस आतंकी हमले में सुरक्षा बल के तीन जवान बलिदान हो गए हैं। वहीं इस घटना में 15 जवान घायल हैं।


मिली जानकारी के अनुसार यह घटना सुकमा-बीजापुर सीमा पर टेकलगुडम के समीप हुई है। माओवादी आतंकी हमले में घायल जवानों को उपचार के लिए राजधानी रायपुर रेफर किया गया है।


बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक से मिली जानकारी के अनुसार जगरगुंडा थाना क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों को माओवाद से भयमुक्त करने और उनकी सहायता करने हेतु मंगलवार 30 जनवरी को ही क्षेत्र में सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया था।


कैंप को स्थापित करने के बाद सीआरपीएफ के जवान जोनगुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। मंगलवार को ही सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे हैं सर्च ऑपरेशन के दौरान ही माओवादियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।


माओवादियों के द्वारा अचानक की गई फायरिंग की चपेट में आकर तीन जवान बलिदान हो गए। वहीं दूसरी और सुरक्षाबलों के द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बाद बढ़ते दबाव को देखते हुए माओवादी जंगल एवं पहाड़ों की आड़ लेकर भाग निकले।


इस माओवादी आतंकी हमले में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के आरक्षक देवन सी, पवन कुमार और लाम्बधर सिन्हा बलिदान हुए हैं। बस्तर रेंज के पुलिस आईजी ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की है।


माओवादी आतंकियों के द्वारा किए गए इस हमले के बाद जब सुरक्षा बल के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तब माओवादी भाग निकलने में सफल हुए। लेकिन बस्तर आईजी ने यह दावा किया है कि सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में लगभग 4 माओवादी मारे गए हैं।


वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस माओवादी आतंकी हमले को लेकर स्पष्ट रूप से कहा है कि माओवाद के विरुद्ध हम अपनी लड़ाई दृढ़ता से जारी रखेंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनता को सुविधाएं पहुंचाने एवं क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की दृष्टि से नए कैंप स्थापित किया जा रहे हैं, जिससे माओवादी बौखलाए हुए हैं।


उन्होंने आगे कहा कि माओवादी जिन क्षेत्रों को अपना समझ रहे थे अब उन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी से वह पूरी तरह से तिलमिला चुके हैं और यही कारण है कि ऐसी कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं।


गौरतलब है कि 3 वर्ष पहले वर्ष 2021 में इसी क्षेत्र में माओवादियों ने एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें सुरक्षाबलों को काफी नुकसान पहुंचा था।


दंतेवाड़ा में टला बड़ा हमला


दूसरी ओर सुरक्षाबलों ने दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। सुरक्षाबल के जवानों ने जिले से दो आईईडी विस्फोटक बरामद किए हैं।


पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला पुलिस को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि जिले के अंदरूनी क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थान पर आईईडी विस्फोटक लगाए गए हैं।


इस सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने विस्फोटक की छानबीन की और क्रमशः 5 किलो एवं 3 किलो वजन के विस्फोटक उपकरणों का पता लगाकर उसे तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय कर दिया।


माओवादी आतंकी सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए इन विस्फोटकों को रणनीतिक रूप से छिपकर रखे हुए थे जिसे बमनिरोधक दस्ते द्वारा नष्ट कर दिया गया है।