पश्चिम बंगाल में एक छोटा सा गांव है जिसका नाम है संदेशखाली। यह गांव उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उप मंडल में स्थित है। यह एक गांव बीते कुछ दिनों से राष्ट्रीय मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बना हुआ है।
लेकिन जिस कारण से यह क्षेत्र चर्चा में है वह ना सिर्फ इस क्षेत्र की बल्कि राज्य और राज्य सरकार के लिए एक बड़ा धब्बा है, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता।
दरअसल इस क्षेत्र की महिलाओं ने क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां पर यौन उत्पीड़न समेत अनेक प्रकार के आरोप लगाए हैं। महिलाओं ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता के साथ-साथ उनकी पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर भी यह आरोप लगाए हैं।
इस पूरे मामले पर स्थानीय पीड़ित महिलाओं का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के द्वारा उनका यौन शोषण किया जा रहा है। महिलाओं के आरोप के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के नेता और उनके समर्थक क्षेत्र के भीतर घर-घर में जाकर सुंदर लड़कियों एवं महिलाओं को खोजते हैं और फिर उनके साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है।
इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इन लड़कियों एवं महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय कार्यालय का ही उपयोग किया जाता है। पीड़ित महिलाओं ने कहा कि उनके समर्थक और स्वयं शेख शाहजहां खुद क्षेत्र की लड़कियों और महिलाओं पर नजर रखते हैं और जो उन्हें पसंद आ जाती है, उनका अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म कर दिया जाता है।
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के नेता का इतना खौफ था कि कोई आवाज नहीं उठा सकता। दरअसल्या पूरा मामला तब सामने आया जब बीते 5 जनवरी को करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी की थी।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के इस्लामिक नेता ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर ईडी के अधिकारियों को अपने घर में घुसने से रोक दिया था, साथ ही जांच एजेंसी की टीम के साथ मारपीट भी की थी।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस का यह नेता ममता का बनर्जी का करीबी माना जाता है जो इस क्षेत्र से जिला परिषद का सदस्य भी है। जांच एजेंसी की जब कार्रवाई शुरू हुई, तब स्थानीय महिलाओं को यह लगा कि उन्हें भी शाहजहां शेख के आतंक से मुक्ति मिल सकती है।
इसके बाद बड़ी संख्या में स्थानी महिलाओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के इस इस्लामिक नेता ने झींगे की खेती के लिए जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया है। इसके अलावा इन महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की पार्टी के ये नेता उनको कई वर्षों से प्रताड़ित कर रहे हैं साथ ही उनका यौन उत्पीड़न भी कर रहे हैं।
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता भी शामिल हैं। इस मामले को लेकर जब स्थानीय महिलाओं का प्रदर्शन तेज हुआ तब राज्य की सरकार और पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए।
एक तरफ जहां क्षेत्र की महिलाएं मीडिया के कैमरे पर अपनी आपबीती और अपने साथ हुए उत्पीड़न की जानकारी दे रही थी वहीं दूसरी ओर प्रदेश की पुलिस ने किसी भी तरह के उत्पीड़न को ना करते हुए मामले को दबाने की कोशिश की। यही कारण है कि मीडिया एवं आम जनता का दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया। लेकिन मुख्य आरोपी शेख शाहजहां अभी भी फरार है।
इस पूरे मामले को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय ने भी राज्य की ममता बनर्जी की सरकार को फटकार लगाई है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि आरोपी शेख शाहजहां फरार नहीं रह सकता और ना ही सरकार उसे बचने का काम कर सकती है।
इसके अलावा कोर्ट ने नाराज की जताते हुए आरोपी को तत्काल सरेंडर करने का निर्देश दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रदेश की ममता बनर्जी की सरकार इस पूरे मामले को लेकर हलफ़नामा पेश करेगी और यह जानकारी देगी कि उन्होंने पीड़ितों के लिए अभी तक क्या-क्या किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एवं अन्य एजेंसियों ने भी जांच की है, जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पूरे मामले की बड़े स्तर पर जांच की जा सकती है।
सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि क्षेत्र में हुई हिंसक घटना में राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों के होने के भी सबूत प्राप्त हुए हैं जिनको सुनियोजित ढंग से हिंसा के लिए भेजा गया था। यही कारण है कि एनआईए भी इसकी जाँच कर सकती है।