अंतरिम बजट से विकसित भारत के सफर की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट सत्र के पहले दिन ही संसद भवन के परिसर में अपने संक्षिप्त उद्बोधन में जिस तरह " राम राम" कहकर सबका अभिवादन किया वह भी सरकार के आत्मविश्वास को उजागर कर रहा था इसलिए इस बजट में आगामी सरकार की चुनावी संभावनाओं को बलवती बनाने के लिए अंतरिम बजट को लोकलुभावन बजट के रूप में पेश करने की कोई मंशा परिलक्षित नहीं होती।

The Narrative World    06-Feb-2024
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रमण ने गत दिवस संसद में जो अंतरिम आम बजट प्रस्तुत किया है उसमें उन्होंने कोई ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की जिनसे लोग यह धारणा बना लें कि यह बजट आगामी लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को रिझाने की‌ मंशा से प्रेरित होकर तैयार किया गया है।


निश्चित रूप से यह अंतरिम बजट भाजपा नीत केंद्र सरकार के इस आत्म विश्वास को उजागर करता है कि उसे चुनावों में अपनी शानदार विजय सुनिश्चित करने के लिए बजट में भारी भरकम लोक लुभावन घोषणाएं करने की आवश्यकता नहीं है। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश की पावन नगरी अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में हाल में ही संपन्न रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के माध्यम से सरकार ने करोड़ों देशवासियों का जो अपार समर्थन अर्जित किया है उसने भी सरकार के आत्मविश्वास को द्विगुणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट सत्र के पहले दिन ही संसद भवन के परिसर में अपने संक्षिप्त उद्बोधन में जिस तरह ' राम राम' कहकर सबका अभिवादन किया वह भी सरकार के आत्मविश्वास को उजागर कर रहा था इसलिए इस बजट में आगामी सरकार की चुनावी संभावनाओं को बलवती बनाने के लिए अंतरिम बजट को लोकलुभावन बजट के रूप में पेश करने की कोई मंशा परिलक्षित नहीं होती।


सदन के अंदर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब अपना बजट भाषण पढ़ रहीं थीं तो अनेकों बार सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपनी मेज़ थपथपाकर अपनी खुशी जाहिर कि जो कि स्वाभाविक ही था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिम बजट को देश के भविष्य के निर्माण का बजट बताते हुए कहा है कि यह बजट समावेशी होने के साथ साथ नवोन्मेषी भी है।


यह बजट विकसित भारत के चार महत्वपूर्ण स्तंभों युवा , महिला, किसान और गरीब को सशक्त करेगा। अंतरिम बजट पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया की बात करें तो वास्तविकता यह है कि इस अंतरिम बजट में कमियां खोजने की उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी। दरअसल इस अंतरिम बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिसे विपक्ष आगामी लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार के विरुद्ध चुनावी मुद्दा बनाने में सफल हो सके। इसे भी आगामी चुनाव की दृष्टि से मोदी सरकार के लिए शुभ संकेत के रूप में देखना ग़लत नहीं होगा।

मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट में महिलाओं के आर्थिक सामाजिक उन्नयन के उद्देश्य से जो घोषणाएं की गई हैं उनमें सर्वप्रमुख यह है कि सरकार ने 83 लाख स्व सहायता समूहों से जुड़ी देश की 9 करोड़ महिलाओं में से तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। स्व सहायता समूहों को सरकार द्वारा दी जा रही सहायता के फलस्वरूप अभी तक एक करोड महिलाओं को लखपति दीदी बनने का गौरव प्राप्त हो चुका है।


वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि 30 करोड़ महिलाएं मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण लेकर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में हाथ बंटा रही हैं। इसी तरह सरकारी योजनाओं के तहत ऋण लेकर उच्च शिक्षा अर्जित करने वाली महिलाओं की संख्या में भी पिछले दस सालों में 28 प्रतिशत इजाफा हुआ है।


आंगनवाड़ी केन्द्रों के उन्नयन, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम हेतु 14 वर्ष तक की महिलाओं के निशुल्क टीकाकरण को प्रोत्साहन, मिशन इंद्रधनुष अंतर्गत घर बैठे टीकाकरण की जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में अंतरिम बजट में जो घोषणाएं की गई हैं उनके लिए निर्मला सीतारमण निश्चित रूप से साधुवाद की हकदार हैं।


अंतरिम बजट के अनुसार सरकार मध्यम वर्ग की आबादी के लिए हाउसिंग फार मिडिल क्लास योजना प्रारंभ करेगी जो मध्यम वर्ग के लोगों को मकान खरीदने अथवा मकान निर्माण का स्वप्न साकार करने में सहायक सिद्ध होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले पांच सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ आवास निर्माण के लक्ष्य की घोषणा इस अंतरिम बजट में सरकार ने की है।


केंद्रीय वित्त मंत्री ने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने वाले एक करोड़ परिवारों को प्रतिमाह तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने की जो घोषणा इस अंतरिम बजट में की है वह निश्चित रूप से सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।


संसद में अंतरिम बजट भाषण पढ़ते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि स्व. प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था, स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने उसे जय जवान जय किसान,जय विज्ञान के रूपइ में और लोकप्रिय बनाया और अब वर्तमान प्रधानमंत्री ने उसमें जय जय अनुसंधान जोड़ कर यह संदेश दिया है कि वह सरकार वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।


इसके अतिरिक्त भी केंद्रीय वित्त मंत्री के 57 मिनट के बजट भाषण में अनेक ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु थे जिन पर वे सारे देश के लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहीं लेकिन इस अंतरिम बजट इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है जिसके आधार पर विपक्षी दल इसे चुनावी बजट ठहराने में सफल हो सकें। यही बात विपक्ष को निराश कर रही है।


लेख


कृष्णमोहन झा

राजनीतिक विश्लेषक