अभी तक सामने आई रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में 60 से अधिक नागरिक मारे गए हैं, वहीं 150 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। जिहादी आतंकियों ने इस हमले को मॉस्को के क्रॉकस सिटी हॉल में अंजाम दिया है, जिसके बाद रूस का पूरा क्षेत्र हाई अलर्ट पर है।
रूस के विदेश मंत्री ने इस हमले को लेकर स्पष्ट रूप से इसे आतंकी हमला करार दिया है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले इस्लामिक आतंकी संगठन का कहना है कि हमलावर इस घटना को अंजाम देने के बाद सुरक्षित रूप से बचकर भाग निकले हैं। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यालय से सामने आई जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति ने सभी विभागों को इस मामले से सम्बंधित आदेश दिए हैं।
इस इस्लामिक आतंकी घटना को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर दुख जताया है। मोदी ने कहा है कि इस दुख की घड़ी में भारत रूस की सरकार और उसके लोगों के साथ खड़ा है।
हमले को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार इस हमले को आतंकियों ने जिस जगह पर अंजाम दिया है वो मॉस्को का उत्तरी-पश्चिमी हिस्से है। जिस समय यह हमला हुआ उस दौरान यहां के सिटी हॉल में एक रूसी रॉक ग्रुप का कंसर्ट आयोजित होना था। इस आयोजन के पहले ही चार आतंकियों ने बंदूक से गोली चलाना शुरू कर दिया।
आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसके बाद पूरे हॉल में भगदड़ मच गई। आतंकी हमले के समय हॉल में 6000 लोग मौजूद थे। घटना के समय मौजूद कुछ लोगों ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों से बातचीत में बताया कि हमलवारों ने जब गोलीबारी शुरू की, तब रॉक ग्रुप स्टेज पर नहीं पहुंचा था।
आतंकियों ने इस दौरान बिल्डिंग पर आग लगाई और लोगों को गोली मारना जारी रखा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमलावर दर्शकों के बैठने की जगह के पीछे से गोलीबारी कर रहे थे, वहीं एक हमलवार हॉल के सेंटर में स्थित दरवाजे से फायरिंग कर रहा था।
वहीं दूसरी ओर इस्लामिक आतंकी संगठन द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भी अमेरिका की बातें संदेहास्पद दिखाई दे रहीं हैं। एक तरफ अमेरिका का कहना है कि हमले के लिए इस्लामिक स्टेट के दावे पर भरोसा नहीं करने की कोई वजह नहीं है, और अमेरिका यह भी कह रहा है कि उसके द्वारा रूसी अधिकारियों को यह सूचना दी गई थी कि रूस में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सकता है।
जिस प्रकार से रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने खुलकर यूक्रेन के पक्ष में साथ दिया है, वहीं यूक्रेन को भारी मात्रा में फंडिंग भी की है, इससे अमेरिका की सभी गतिविधियां संदिग्ध दिखाई दे रही है।
रूस में हमला होते ही जिस तरह से इस्लामिक आतंकियों ने हमले की जिम्मेदारी ली है, वो भी संदेहास्पद लग रही है। कुल मिलाकर वैश्विक मीडिया का एक हिस्सा और रूस की एजेंसियां इस एंगल से भी जांच करने का प्रयास कर रही है कि कहीं इस हमले के तार रुस-यूक्रेन युद्ध से तो नहीं जुड़े हैं, और यदि इसका संबंध कहीं से भी यूक्रेन से निकलता है, तो यह तय है कि आने वाले समय में रूस के द्वारा यूक्रेन को लगभग नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।