होली में नक्सलियों का आतंक, बीजापुर में की 3 ग्रामीणों की हत्या; एक जवान को मारी गोली

होली के दो दिनों में माओवादियों ने जिस तरह से डीआरजी जवान से लेकर ग्रामीणों पर हमला किया है, वह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि माओवादी अब अपने खात्मे के भय से बौखला चुके हैं, और इसी का नतीजा है कि वो अब किसी भी प्रकार से अपना डर बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

The Narrative World    26-Mar-2024   
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बस्तर के धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में माओवादी आतंकियों ने होली के अवसर पर भी अपनी गतिविधियों को जारी रखा है। माओवादियों ने होली के दो दिनों में जिले में दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है
, जिसमें एक तरफ सुरक्षाबल के एक जवान पर गोली चलाई गई, वहीं दूसरी ओर तीन ग्रामीणों की नृशंसता से हत्या की गई है।


माओवादियों के द्वारा किए गए इन वारदातों के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है, जिसके बाद होली के अवसर पर भी लोग अपने घरों में भयभीत नजर आए। सबसे पहले माओवादियों ने होलिका दहन के दिन अर्थात 24 मार्च की रात को एक पुलिस आरक्षक पर गोली चलाई, जिसके बाद जवान को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया।


नक्सलियों ने इस घटना को थाने से केवल आधे किलोमीटर में स्थित बस्ती क्षेत्र में अंजाम दिया है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अटल आवास में आरक्षक दीपक दुर्गम का निवास था, जो अपने घर से बाहर निकल कर बाहर जा रहा था। इसी बीच सड़क पर पहले से घात लगाए बैठे माओवादियों ने उसे करीब आते देख, उसपर गोली चला दी।

 

Representative Imageचित्र - आरक्षक दीपक दुर्गम 


माओवादियों की गोली आरक्षक के पीठ पर लगी, जिससे वह मौके पर ही गिर पड़ा। नक्सलियों को लगा कि आरक्षक की मौत हो चुकी है, और वो सभी मौके से फरार हो गए।


वहीं दूसरी ओर गोली की आवाज़ सुनकर बस्ती के अन्य लोग एवं आरक्षक के परिजन मौके पर पहुँचे और तत्काल दीपक दुर्गम को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऐसी जानकारी मिली है कि माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम ने इस हमले को अंजाम दिया है, जिसके बाद पुलिस भी इस मामले की जांच में लग गई है।


“उपरोक्त घटना के दूसरे दिन माओवादी आतंकियों ने एक और बड़ी घटना को बीजापुर जिले में अंजाम दिया है। होली के ही दिन माओवादियों ने 3 ग्रामीणों की हत्या कर दी है। जिले के बासागुड़ा क्षेत्र में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। ”


अभी तक मिली सूचना के अनुसार क्षेत्र में नदी के पार स्थित बस्ती में यह हत्या हुई है, जिसके बाद इसके तार नक्सलियों से जुड़े दिखाई दे रहे हैं। हमलावरों ने कुल्हाड़ी से वार कर इन ग्रामीणों की हत्या की है। मृतक ग्रामीणों की पहचान चंद्रिया मोडियाम, अशोक भंडारी और कारम रमेश के रूप में हुई है।


घटना को लेकर सामने आई जानकारी के अनुसार हमलावरों ने तीनों पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिसके चलते दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। कारम रमेश इस हमले में घायल हुए था, जिसने भी बासागुड़ा स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में दो ग्रामीण हीरापुर और एक पोलमपल्ली के रहने वाले हैं।

 

Representative Image चित्र - नक्सलियों द्वारा मारे गए ग्रामीण


तीनों ग्रामीणों पर हुए हमले एवं पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए जिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि मौके से किसी प्रकार का कोई नक्सली पर्चा या अन्य सामान बरामद नहीं हुआ है, लेकिन यह माना जा रहा है कि इतनी नृशंसता से माओवादी ही ऐसी घटना को अंजाम दे सकते हैं।


दरअसल जिले में सुरक्षाबलों के द्वारा स्थापित किए गए कैम्पों के आने से माओवादी बैकफुट पर जा चुके हैं, उनके प्रभावित क्षेत्रों में भी कमी आई है, ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि माओवादियों ने तिलमिलाहट इस घटना को अंजाम दिया है।


एक तरफ जहां होली के शुभ अवसर पर समाज उत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी ओर हिंदुओं से नफरत करने वाला कम्युनिस्ट आतंकी समूह हिन्दु नागरिकों को निशाना बना रहा है।


होली के दो दिनों में माओवादियों ने जिस तरह से डीआरजी जवान से लेकर ग्रामीणों पर हमला किया है, वह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि माओवादी अब अपने खात्मे के भय से बौखला चुके हैं, और इसी का नतीजा है कि वो अब किसी भी प्रकार से अपना डर बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।


लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बस्तर में भी मतदान होना है, ऐसे में सुरक्षाकर्मियों के लिए भी यह चुनौती है कि वो इन क्षेत्रों में शांति बनाए रखें, लेकिन नक्सली इसी षड्यंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि वो लोकतंत्र के इस महापर्व के दौरान भी अपनी आतंकी गतिविधियों को जारी रख सकें।

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