बस्तर : माओवादियों ने की भाजपा से जुड़े जनजातीय नेता की हत्या, एक वर्ष में 7 जनजाति नेताओं को बनाया निशाना

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार (6 मार्च, 2024) को माओवादियों ने जनजाति नेता कैलाश नाग का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद नक्सली उसे उठाकर अपने साथ जंगल के भीतर ले गए।

The Narrative World    07-Mar-2024   
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छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद भी माओवादियों के गढ़ कहे जाने वाले बस्तर में भाजपा नेता नक्सलियों के निशाने पर निरंतर बने हुए हैं। एक तरफ जहां बीते वर्ष माओवादियों ने
7 भाजपा नेताओं की हत्या की थी, जिसमें से 3 नेताओं की हत्या केवल फरवरी माह के 7 दिनों के भीतर ही हुई थी।


हालांकि सरकार बदलने के बाद यह आशंका थी ही कि माओवादी भाजपा नेताओं को और अधिक ताकत से निशाना बनाने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन जिस प्रकार से माओवादियों ने अपनी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है, उससे ना सिर्फ भाजपा में बल्कि आम जनता में भी आक्रोश है।


दरअसल माओवादी आतंकियों ने बीजापुर जिले में एक भाजपा के जनजाति नेता की हत्या की है। मृतक की पहचान कैलाश नाग के रूप में हुई है, जो भाजपा के व्यापार प्रकोष्ठ इकाई के मंडल उपाध्यक्ष थे। नक्सलियों ने इस हत्या की घटना को जिले के कोटमेटा क्षेत्र में अंजाम दिया है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार (6 मार्च, 2024) को माओवादियों ने जनजाति नेता कैलाश नाग का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद नक्सली उसे उठाकर अपने साथ जंगल के भीतर ले गए।


इस दौरान माओवादियों ने कोटमेटा क्षेत्र में वन विभाग के निर्माण कार्य को लेकर कैलाश नाग से पूछताछ की। पूछताछ के बाद माओवादियों ने अपनी नपुंसकता दिखाते हुए कैलाश नाग की नृशंसता से हत्या कर दी।


इस पूरे मामले को लेकर यह जानकारी भी सामने आई है कि माओवादी आतंकियों ने पहले ही कैलाश नाग को मारने की धमकी दी हुई थी। पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर अभी जांच की जा रही है, जांच पूरी होने के बाद ही कुछ स्पष्ट संकेत सामने आ पाएंगे।


वहीं जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव का कहना है कि माओवादियों इस घटना को तब अंजाम दिया है, जब कोटमेटा के भीतर एक नये तालाब का निर्माण कार्य चल रहा था। माओवादियों ने इस निर्माण कार्य में लगे एक जेसीबी को भी आग के हवाले किया था। उन्होंने कहा है कि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है, और वैधानिक कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।


दरअसल बीजापुर में हुई यह आतंकी घटना इस सप्ताह की दूसरी घटना है, जिसमें माओवादियों ने किसी भाजपा नेता की हत्या की है। बीते शुक्रवार (1 मार्च, 2024) को नक्सली आतंकियों ने भाजपा नेता तिरुपति कटला की हत्या कर दी थी।


नक्सलियों ने भाजपा नेता को तब निशाना बनाया था, जब वो एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। माओवादियों ने उनकी गर्दन पर वार कर उनकी हत्या की थी।


6 दिनों के भीतर नक्सलियों ने जिस तरह से भाजपा नेताओं को निशाना बनाया है, उससे यह भी स्पष्ट है कि आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले माओवादी क्षेत्र के भाजपा नेताओं का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं।


“गौरतलब है कि माओवादियों ने बीते एक वर्ष में कुल 9 भाजपा नेताओं की हत्या की है, जिनमें से 7 नेता जनजातीय समाज से आते हैं। यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसे समझा जाना आवश्यक है।”


माओवादी बस्तर समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में, जहां उनका प्रभाव है वहां, स्थानीय जनजातीय समाज को दबाव एवं अपने प्रभाव से शासन-प्रशासन के विरुद्ध खड़ा कर देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में स्थानीय जनजाति समाज के पास नक्सलियों की बात मानने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता है।


वहीं दूसरी ओर एक तथ्य यह भी है कि अंदरूनी क्षेत्र के जनजाति समाज के लोगों में नक्सलवाद या माओवाद के प्रति जागरूकता बेहद सीमित है। यही कारण है कि स्थानीय जनजाति समाज को बहला फुसलाकर माओवादी उन्हें अपने पाले में कर लेते हैं।


लेकिन बीते कुछ वर्षों में जिस तरह से केंद्र सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति एवं जनजाति क्षेत्र में प्राथमिकता से विकास करने की योजना क्रियान्वित हुई है उससे इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जागरूकता आई है। इसके कारण जनजाति समाज का एक बड़ा वर्ग अब नक्सलवाद से छुटकारा चाहता है।


इस जनजागरण में भाजपा के इन नेताओं का भी बड़ा हाथ है जो स्थानीय स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। ऐसे में नक्सलियों के लिए यह सभी भाजपा नेता उनके दुश्मन बनके निकले हैं जो स्थानीय जनजातीय को नक्सलवाद की सच्चाई बता रहे हैं।


यह भी एक मुख्य कारण है जिसकी वजह से नक्सली इन जनजातीय नेताओं को अपना निशाना बना रहे हैं। एक तरफ नक्सली जनजाति समाज के हितों के लिए लड़ने का दावा करते हैं दूसरी ओर जनजाति समाज के ही नेताओं को निशाना बनाकर उनकी हत्या कर रहे हैं। यही इनकी वास्तविकता है।