दो अर्बन नक्सलियों की गिरफ्तारी से उजागर होगा शहरी माओवाद का नेक्सस

एटीएस के अनुसार माओवादी आतंकी संगठन से इनका सीधा संबंध है, और ये दोनों पति-पत्नी नक्सली संगठन के लिए कार्य कर रहे थे। गिरफ्तार शहरी माओवादी कृपाशंकर सिंह प्रयागराज में वकील के रूप रह रहा था, वहीं उसकी पत्नी कोर्ट के बाहर टाइपिस्ट के रूप में काम कर रही थी।

The Narrative World    09-Mar-2024   
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तीन दिन पूर्व जिस तरह से एक कथित शहरी माओवादी अर्थात अर्बन नक्सली जीएन साईबाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है
, उसके बाद से अर्बन नक्सल विषय पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो चुकी है।


लेकिन इस बार होने वाली यह चर्चा केवल उन तथाकथित बुद्धिजीवियों और भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि एटीएस ने उत्तरप्रदेश में एक अर्बन नक्सली दंपति को गिरफ्तार किया है।


इस गिरफ्तारी के बाद अर्बन नक्सलियों का एक बड़ा नेक्सस उजागर होने की संभावना देखी जा रही है। आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा प्रयागराज से कृपाशंकर सिंह और उसकी पत्नी बिन्दा सोना उर्फ मंजू उर्फ सुमन को गिरफ्तार किया गया है।


एटीएस के अनुसार माओवादी आतंकी संगठन से इनका सीधा संबंध है, और ये दोनों पति-पत्नी नक्सली संगठन के लिए कार्य कर रहे थे। गिरफ्तार शहरी माओवादी कृपाशंकर सिंह प्रयागराज में वकील के रूप रह रहा था, वहीं उसकी पत्नी कोर्ट के बाहर टाइपिस्ट के रूप में काम कर रही थी।


सिर्फ इतना ही नहीं, कृपाशंकर सिंह स्थानीय छात्रों को माओवादी विचारधारा से जोड़ने के लिए कभी प्रोफेसर बनकर उनसे मिलता था, तो कभी उनसे अधिवक्ता बनकर मिलता था। इसके अलावा प्रयागराज के जिस धूमनगंज में वो अपनी सभी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था, वहां भी उसने अपना नाम बदल लिया था।


एटीएस को कोर्ट से कृपाशंकर और उसकी पत्नी के लिए सात दिनों की रिमांड मिली है, जिसके बाद एटीएस लगातार पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार एटीएस यह जानकारी निकालने में जुटी है कि कृपाशंकर के संपर्क किनसे-किनसे हैं, वहीं किन लोगों से उसने संपर्क किया और कौन-कौन उसके घर में आकर ठहरा था।


“एटीएस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि प्रयागराज में जहां कृपा शंकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था वहां कोई अन्य अर्बन नक्सली भी मौजूद है क्या। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार से सटे सीमावर्ती जिलों में जिस तरह से माओवादी गतिविधियां हाल फिलहाल में देखी गई है, उस मामले को लेकर भी कृपाशंकर से पूछताछ की जा रही है।”

 


जाँच एजेंसी को कृपाशंकर की गिरफ्तारी के बाद कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्राप्त हुए हैं लेकिन उन्हें अभी तक कृपाशंकर का लैपटॉप बरामद नहीं हुआ है। एटीएस की टीम दोनों अर्बन नक्सली पति पत्नी को लखनऊ ले जाकर पूछताछ कर रही है।


अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार दोनों शहरी माओवादियों पर देश के कई राज्यों में हुए माओवादी आतंकी घटनाओं के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है। एटीएस में दोनों के विरुद्ध 5 जुलाई 2019 को मुकदमा दर्ज किया था।


सामने आई जानकारी के अनुसार दोनों शहरी नक्सली भारत के प्रतिबंधित माओवादी आतंकी संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रमुख आतंकी सदस्य हैं।


दरअसल जब 2019 में एटीएस ने माओवाद विरोधी अभियान के दौरान मनीष श्रीवास्तव और अमिता श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था, तब उनके पास से मिले मोबाइल एवं उपकरणों से कृपाशंकर की गतिविधियों के बारे में पता चला था। इसके बाद से ही एटीएस कृपाशंकर और उसकी पत्नी की तलाश कर रही थी।


कृपाशंकर को लेकर यह जानकारी भी आई है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भी उसका कनेक्शन है। रायपुर में वह बिनायक सेन से जुड़ा हुआ था और उसके एनजीओ में कार्य कर रहा था।


दरअसल यह वही बिनायक सेन है जिसपर माओवादियों से संबंध होने के आरोप लगे और इसके चलते उसे जेल में डाला गया था। बिनायक सेन पर यह भी आरोप लगे थे कि वह माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ है।


बिनायक सेन से मिलने के बाद ही कृपाशंकर और उसकी पत्नी दोनों माओवादी आतंकी संगठन से जुड़े और शहरी क्षेत्रों में माओवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने में जुट गए।


हालांकि अब एटीएस द्वारा गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी निकाली जा रही है कि इन दोनों के तार कहाँ-कहाँ तक जुड़े हुए हैं। दोनों की गिरफ्तारी के बाद अब अर्बन नक्सल का पूरा नेटवर्क रडार पर आ चुका है।


यूपी से लेकर अब बिहार तक नेटवर्क को खंगाला जा रहा है, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां देखने को मिल सकती हैं।

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