Love Jihad: 'हैप्पी पंजाबी' से लेकर कांग्रेस पार्षद तक, कन्वर्जन की साजिशों ने खोली गहरी परतें

इंदौर में Love Jihad के दो मामलों ने कन्वर्जन की साजिश को उजागर किया, जहां आरोपी ने फर्जी पहचान और राजनीति के सहारे अपनी करतूतें छिपाईं।

The Narrative World    12-Nov-2025
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मध्य प्रदेश में जबरन कन्वर्जन और लव जिहाद के मामलों ने एक बार फिर समाज और राजनीति दोनों में तूफान खड़ा कर दिया है। हाल ही में इंदौर में सामने आए दो मामलों ने यह साफ कर दिया है कि यह सिर्फ सामाजिक अपराध नहीं, बल्कि संगठित साजिश बन चुका है।
 
‘हैप्पी पंजाबी’ निकला इरफान अली
 
इंदौर में राजस्थान की एक हिंदू युवती के साथ धोखे और कन्वर्जन का मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी ने अपनी पहचान छिपाकर खुद को “हैप्पी पंजाबी” बताया। पुलिस के अनुसार, असली नाम इरफान अली है, जिसने शादी का झांसा देकर युवती से बार-बार दुष्कर्म किया, उसका वीडियो बनाया और इस्लाम कबूल करने का दबाव डाला।
 
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पीड़िता ने बताया कि विरोध करने पर इरफान ने उसे सिगरेट से दागा और देवास में जबरन गर्भपात करवाया। वह युवती को रोजा रखने, कलमा पढ़ने और बुर्का पहनने के लिए मजबूर करता था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसे देवास से जिलाबदर भी किया जा चुका था।
 
कांग्रेस पार्षद पर कन्वर्जन की फंडिंग का आरोप
 
इसी बीच इंदौर नगर निगम के निलंबित कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी पर भी हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन की साजिश में शामिल होने का गंभीर आरोप लगा है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, कादरी ने दो मुस्लिम युवकों को तीन लाख रुपए देकर उन्हें यह जिम्मेदारी दी कि वे हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फँसाकर धर्म परिवर्तन कराएं।
 
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दोनों आरोपी पहले से बलात्कार और अन्य अपराधों में जेल में बंद थे। उनकी गवाही के आधार पर पुलिस ने कादरी पर साजिश और जबरन कन्वर्जन का मामला दर्ज किया। नगर निगम ने दो-तिहाई बहुमत से कादरी की सदस्यता समाप्त कर दी, जबकि इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि उनके खिलाफ 23 आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं।
 
कादरी की पत्नी जुलेखा का कहना है कि यह राजनीतिक साजिश है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि सार्वजनिक हित में उनका पद पर बने रहना अनुचित था।
 
राजनीति में बढ़ती चुप्पी पर उठे सवाल
 
इन दोनों मामलों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कन्वर्जन जैसी साजिशों में राजनीतिक चेहरे सामने आने लगें, तो इसे केवल अपराध नहीं कहा जा सकता। BJP ने इसे “कानून की जीत” बताया, वहीं कांग्रेस इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” कह रही है।
 
 
लेकिन सच्चाई यही है कि जब किसी जनप्रतिनिधि या प्रभावशाली व्यक्ति पर कन्वर्जन जैसे गंभीर आरोप लगते हैं, तब यह सिर्फ धर्म का नहीं, बल्कि नैतिकता और कानून के प्रति ईमानदारी का भी सवाल बन जाता है।
 
लव जिहाद अब सामाजिक नहीं, राजनीतिक चुनौती भी
 
इंदौर के ताजा मामलों ने यह साबित कर दिया है कि लव जिहाद कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है जिसमें कन्वर्जन को सुनियोजित रूप से अंजाम दिया जा रहा है। जब अपराधी “हैप्पी पंजाबी” जैसे झूठे नामों से पहचान छिपाकर लड़कियों का शोषण करें और राजनीतिक लोग फंडिंग करें, तो यह न केवल समाज बल्कि शासन और राजनीति की नींव को भी हिला देता है।
 
रिपोर्ट
 
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मोक्षी जैन
उपसंपादक, द नैरेटिव