सुरक्षाबलों ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मारेडुमिली में मुठभेड़ के दौरान 7 नक्सलियों को मार गिराया। जवानों ने यह कार्रवाई हिडमा के खात्मे के अगले ही दिन की और बस्तर तथा आंध्र की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को आगे बढ़ाया।
ADG इंटेलिजेंस महेश चंद्र लड्डा ने प्रेस वार्ता में बताया कि बलों ने इलाके में लगातार तलाशी की कार्रवाई जारी रखी और ताजा भिड़ंत में 7 माओवादी ढेर हुए। उन्होंने बताया कि मृतकों में 3 महिलाएं शामिल हैं। टीमें उनकी पहचान कर रही हैं। अधिकारियों ने एक नक्सली की पहचान मेटूरू जोगा उर्फ शंकर के रूप में की। वह श्रीकाकुलम का निवासी था और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर क्षेत्र में ACM के तौर पर काम करता था। वह तकनीकी काम, हथियार बनाने और संचार व्यवस्था संभालता था।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सुरक्षाबलों ने मारेडुमिली के जंगल में शीर्ष नक्सली कमांडर हिडमा को उसकी पत्नी राजे सहित 6 साथियों के साथ मार गिराया। बस्तर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इसे नक्सल हिंसा के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा कि यह कार्रवाई नक्सल समस्या के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक मोड़ साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल अब सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों की अंतिम बची ताकत को तोड़ रहे हैं और कमजोर नेतृत्व अब बिखर रहा है।
बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पट्टिलिंगम ने कहा कि हिडमा ने दो दशकों तक खूनी हमलों से दहशत पैदा की। उसने झीरम घाटी हमला और कई बड़े घात लगाकर हमले करवाए। उसने सरकार और परिवार की अपील को नजरअंदाज किया और हिंसा का रास्ता पकड़े रखा। अधिकारी ने कहा कि हिडमा का अंत बाकी बचे माओवादियों के लिए चेतावनी बनकर खड़ा है और उन्हें अब हथियार छोड़कर समाज में लौटना चाहिए।
सुरक्षाबल अब पूरे दंडकारण्य क्षेत्र में दबाव बढ़ा रहे हैं और अभियान को तेज कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिडमा और शंकर जैसे खतरनाक माओवादी गिरने के बाद संगठन की पुरानी संरचना टूट रही है और स्थानीय गांव अब राहत महसूस कर रहे हैं।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र