Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षा बलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच घंटों चली मुठभेड़, जवानों ने बीजापुर में तीन माओवादियों को ढेर किया।

The Narrative World    05-Nov-2025
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Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ तरलगुड़ा थाना क्षेत्र के अन्नारम और मरिमल्ला के घने जंगलों में हुई।
 
सुरक्षा बलों ने सुबह सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सूत्रों के अनुसार, जंगल में पहले से छिपे नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाला और पलटवार किया। कई घंटे चली फायरिंग के दौरान जंगल में गोलियों की आवाज गूंजती रही। जवानों ने मौके पर नक्सलियों के कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए।
 
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद क्षेत्र से हथियार और नक्सली सामग्री बरामद की है। अधिकारियों ने बताया कि जंगल का इलाका बेहद दुर्गम और पहाड़ी है, जिससे ऑपरेशन में दिक्कतें आईं। इसके बावजूद जवानों ने बहादुरी से मोर्चा संभाला और इलाके को चारों ओर से घेर लिया।
 
फायरिंग अभी भी रुक-रुककर जारी है। जवान क्षेत्र में सर्च अभियान चला रहे हैं ताकि घायल या भागे हुए नक्सलियों को पकड़ सकें। बीजापुर और तेलंगाना पुलिस दोनों राज्यों की सीमाओं पर नक्सली गतिविधियों पर निगरानी बनाए हुए हैं।
 
केंद्र सरकार ने 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर संयुक्त अभियान चला रहे हैं। पिछले एक वर्ष में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों पर लगातार दबाव बढ़ाया है।
राज्य सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इसके अलावा ‘नियाड नेल्ला नर योजना’ के तहत भी पूर्व नक्सलियों को रोजगार और आर्थिक सहायता दी जा रही है ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें।
 
बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में पिछले एक साल में दर्जनों नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कई टॉप कमांडर या तो मारे गए हैं या पुलिस की गिरफ्त में हैं। सुरक्षाबलों ने बताया कि अब नक्सलियों का नेटवर्क तेजी से कमजोर हो रहा है और उनकी गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण किया जा रहा है।
 
अधिकारियों ने कहा कि अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक क्षेत्र पूरी तरह नक्सल मुक्त नहीं हो जाता। जवानों का मनोबल ऊंचा है और सरकार नक्सलवाद के खात्मे के अपने वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ है।
 
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र