40 केसों वाले उम्मीदवार को मिला लालू का आशीर्वाद, क्या RJD का ‘जेल प्रेम’ फिर लौट आया है?

क्या रितलाल जैसे आरोपियों को आगे बढ़ाकर RJD बिहार की राजनीति को फिर अपराध और जाति की गली में धकेल रही है?

The Narrative World    07-Nov-2025
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3 नवंबर 2025 को RJD के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार के दानापुर विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी के उम्मीदवार रितलाल राय उर्फ रितलाल यादव के लिए रोड शो किया। दिलचस्प बात यह है कि रितलाल यादव इस समय भागलपुर जेल में बंद हैं। लालू यादव ने जमानत पर बाहर आने के बाद यह रोड शो दानापुर के दीघा से शुरू कर खगौल तक 15 किलोमीटर तक निकाला। उनके साथ बेटी मीसा भारती और रितलाल की बेटी भी मौजूद थीं, जो अपने पिता के लिए मतदाताओं से वोट मांग रही थीं।
 
रितलाल यादव पर 40 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या, फिरौती, दंगा और धमकी जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। 2005 में भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या के मामले में भी रितलाल आरोपी हैं। वे इस समय एक बिल्डर से 50 लाख की रंगदारी मांगने और धमकी देने के केस में जेल में हैं। पुलिस ने अप्रैल 2025 में उनकी 11 ठिकानों पर छापेमारी में लाखों रुपये नकद, ब्लैंक चेक, पुरानी स्टांप पेपर और हथियार बरामद किए थे।
 
लालू यादव का रोड शो तब हुआ जब पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर को रितलाल की चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी रिहाई की याचिका खारिज कर दी थी। RJD सुप्रीमो का यह कदम राजनीतिक तौर पर रणनीतिक माना जा रहा है। दानापुर विधानसभा सीट मीसा भारती के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में आती है। माना जा रहा है कि रितलाल की जीत मीसा भारती के राजनीतिक भविष्य को मजबूत करेगी।
 
दानापुर में यादव मतदाता करीब 22 प्रतिशत हैं जबकि 20 प्रतिशत सवर्ण, 15 प्रतिशत दलित, 20 से 25 प्रतिशत ईबीसी और 6 से 8 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यादव वोट बैंक भाजपा के रामकृपाल यादव और RJD के रितलाल यादव के बीच बंटा हुआ है। ऐसे में लालू यादव का यह रोड शो यादव वोटों को एकजुट करने की कोशिश माना जा रहा है।
 
 
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रितलाल की पत्नी रिंकू देवी, जो पटना में सरकारी स्कूल की हेडमास्टर हैं, उन पर भी पति के लिए चुनाव प्रचार करने के आरोप लगे हैं। सरकारी नौकरी में रहते हुए प्रचार करना नियमों का उल्लंघन है। जुलाई 2025 में उन पर एक निर्माण कंपनी में साझेदारी करने का भी आरोप लगा था।
 
दानापुर के बाहुबली नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले रितलाल यादव ने 2000 के दशक में लालू के “तेल पिलावन, लाठी घुमावन” दौर में अपना दबदबा बनाया। 2010 में उन्होंने जेल से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जबकि 2020 में RJD के टिकट पर जीत हासिल की थी।
 
रितलाल यादव ने अपने हलफनामे में 13 करोड़ की संपत्ति और 11 आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। वह 12वीं पास हैं और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, आर्म्स एक्ट और संगठित अपराध से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज हैं।
 
लालू परिवार की यह रणनीति बताती है कि RJD की राजनीति आज भी अपराध, जातिवाद और बाहुबल के सहारे टिकी हुई है। शाहाबुद्दीन, तस्लीमुद्दीन और राजबल्लभ यादव की तरह अब रितलाल यादव भी उसी “बाहुबली परंपरा” का नया चेहरा बन चुके हैं।
 
लेख
शोमेन चंद्र