गरियाबंद में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता, कमांडर सुनील समेत 7 नक्सलियों ने हथियार डाले

सुरक्षा बलों की मुहिम से गरियाबंद में नक्सलियों का असर घटा, कमांडर सुनील समेत 7 ने आत्मसमर्पण किया।

    08-Nov-2025
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के बाद नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा (डीजीएन) डिवीजन कमेटी के उदंती एरिया कमांडर सुनील समेत 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। नक्सलियों ने समर्पण के दौरान एक एसएलआर, तीन इंसास और एक सिंगल शॉट राइफल समेत कुल 5 हथियार पुलिस को सौंपे।
 
सरेंडर करने वालों में कमांडर सुनील के साथ सचिव एरिना और कमेटी मेंबर लुद्रों, विद्या, नंदिनी, मलेश और कांती शामिल हैं। इन सभी पर कुल 37 लाख रुपये का इनाम था। सुनील और एरिना पर सबसे ज्यादा 8-8 लाख रुपये का इनाम था। अधिकारियों ने बताया कि इस सरेंडर के बाद बाकी नक्सली भी हथियार डालने की तैयारी में हैं।
 
पिछले एक साल में डीजीएन डिवीजन कमेटी के कुल 37 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं फोर्स ने जनवरी 2025 से अब तक 28 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिराया है। पिछले एक साल में नक्सल संगठन के कई बड़े चेहरे खत्म हो चुके हैं। इनमें सीसी मेंबर चलपति, मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्णन और डीवीसी मेंबर सत्यम गावड़े शामिल हैं। सत्यम की मौत के बाद उसकी पत्नी ने भी समर्पण कर दिया था। इसके बाद नक्सली संगठन ने सुनील को उदंती एरिया का कमांडर बना दिया था।
 
 
सूत्रों के मुताबिक अब गरियाबंद जिले में सोनाबेड़ा और गोबरा एरिया कमेटी के करीब 20 से 25 नक्सली ही सक्रिय हैं। इन दोनों एरिया कमेटियों की जिम्मेदारी डीवीसीएम मेंबर अंजू, बलदेव और ज्योति संभाल रहे हैं। सुनील ने सरेंडर से पहले इनसे संपर्क कर उन्हें भी समर्पण के लिए राजी करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाने के कारण उसने अपनी पूरी टीम के साथ हथियार डाल दिए।
 
 
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति के असर से अब गरियाबंद में नक्सली नेटवर्क कमजोर पड़ चुका है। अधिकारी मानते हैं कि यह सरेंडर अभियान नक्सल विरोधी मोर्चे पर बड़ी सफलता साबित हुआ है और अब इलाके में शांति बहाल करने की दिशा में यह कदम निर्णायक साबित होगा।
 
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र