बच्चों से बुज़ुर्गों तक पर गोलियां, सिडनी हमला इस्लामिक कट्टरता की अमानवीय सोच का आईना

16 मौतें और दर्जनों घायल इस सच की गवाही हैं कि इस्लामिक आतंकवाद किसी उम्र, समुदाय या इंसानियत की सीमाएं नहीं मानता।

    15-Dec-2025
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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में 14 दिसंबर 2025 की शाम बॉन्डी बीच पर इस्लामी आतंकवाद ने अपनी क्रूर और नफरती मानसिकता फिर उजागर कर दी। यह हमला केवल एक आतंकी वारदात नहीं था, बल्कि यहूदी समुदाय के खिलाफ सोची-समझी एंटीसेमिटिक हिंसा थी। हनुका जैसे पवित्र और आनंद के पर्व के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने निर्दोष लोगों पर गोलियां बरसाईं और पूरे विश्व को झकझोर दिया।
 
शाम करीब 6:45 बजे आर्चर पार्क में हनुका उत्सव चल रहा था। सैकड़ों लोग वहां एकत्र थे। बच्चे खेल रहे थे, परिवार मोमबत्तियां जला रहे थे और माहौल पूरी तरह उत्सवपूर्ण था। तभी काले कपड़ों में आए दो हमलावरों ने ऊपर बने ब्रिज से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज से अफरातफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, कई लोग जमीन पर गिर पड़े। इस बर्बर हमले में आतंकियों ने किसी को नहीं बख्शा।
 
 
इस हमले में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में एक 10 साल की बच्ची भी शामिल है। 40 लोग घायल हुए, जिनकी उम्र 10 से 87 साल के बीच है। मृतकों में बॉन्डी के चाबाड समुदाय से जुड़े रब्बी एली श्लेंजर, यूक्रेन से आए होलोकॉस्ट सर्वाइवर एलेक्स क्लेटमैन और एक इजरायली नागरिक शामिल हैं। चार बच्चे गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुंचे। यह आंकड़े इस्लामी आतंकवाद की अमानवीय सोच को साफ दिखाते हैं।
 
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हमलावरों की पहचान साजिद अकरम और उसके बेटे नावेद अकरम के रूप में हुई। पुलिस ने बताया कि दोनों पिता-पुत्र थे और इस्लामिक कट्टर विचारधारा से प्रेरित थे। साजिद के पास वैध गन लाइसेंस था और उसके नाम पर छह हथियार दर्ज थे। आतंकियों ने इन्हीं हथियारों से निर्दोष लोगों पर हमला किया। पुलिस ने साजिद को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि नावेद घायल हालत में अस्पताल में भर्ती है और पुलिस की निगरानी में है। जांच एजेंसियों ने स्पष्ट किया कि इस हमले में कोई तीसरा आरोपी शामिल नहीं था।
 
एक आम नागरिक ने साहस दिखाते हुए एक हमलावर से बंदूक छीन ली, जिससे कई जानें बचीं। पुलिस ने मौके से दो विस्फोटक डिवाइस भी बरामद किए और उन्हें सुरक्षित निष्क्रिय किया। यह घटना दिखाती है कि इस्लामी आतंकवादी केवल गोलीबारी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि बड़े नरसंहार की योजना बनाते हैं।
 
 
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस हमले को शुद्ध बुराई बताया और कहा कि आतंकियों ने यहूदी समुदाय को सीधे निशाना बनाया। न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने गन लाइसेंस कानूनों में सख्ती का संकेत दिया। किंग चार्ल्स ने भी शोक जताया और आम नागरिकों व पुलिस की बहादुरी की सराहना की।
 
बॉन्डी बीच पर बिखरे सैंडल, शॉपिंग बैग और बच्चों की चीजें इस्लामी आतंकवाद की क्रूरता की गवाही दे रही हैं। यह हमला फिर याद दिलाता है कि इस्लामिक आतंकवाद किसी धर्म, देश या इंसानियत का सम्मान नहीं करता। दुनिया को अब इस नफरती विचारधारा के खिलाफ बिना किसी संकोच के एकजुट होकर कठोर कार्रवाई करनी ही होगी।
 
लेख
शोमेन चंद्र