छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अभियान 21 दिनों तक लगातार चलाया गया। यह अभियान राज्य की तेलंगाना सीमा से लगे अत्यंत दुर्गम और घने जंगलों में केंद्रित था, जहां लंबे समय से नक्सलियों की सक्रियता बनी हुई थी। इस अभूतपूर्व ऑपरेशन को लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर जानकारी साझा की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अनुसार, इस अभियान में अब तक कुल 31 नक्सली मारे गए हैं। इनमें सभी पर कुल मिलाकर ₹1.72 करोड़ का इनाम घोषित था। इस अभियान के दौरान नक्सलियों के साथ 21 बार सीधी मुठभेड़ हुई। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए नक्सलियों के 214 बंकर और गुप्त ठिकानों को ध्वस्त किया।
सुरक्षा बलों को भौगोलिक और मौसम संबंधी कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा। दिन में जहाँ तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, वहीं रात में तापमान में गिरावट के चलते ठंड का अनुभव हुआ। इसके परिणामस्वरूप कई जवान डिहाइड्रेशन की स्थिति में आ गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार हेतु बेस कैंप भेजा गया। इसके बावजूद जवानों ने अदम्य साहस और रणनीतिक सूझबूझ से अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
अभियान में भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार और विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसमें 35 आधुनिक रायफलें और 450 से अधिक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज़ (IEDs) शामिल हैं। बरामद हथियारों में BGL सेल, इंसास रायफल, SLR, मज़ल लोडिंग रायफल, 315 बोर, 303 रायफलें, सिंगल शॉट बंदूकें, डेटोनेटर, वायर और भारी मात्रा में कारतूस सम्मिलित हैं।
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के द्वारा पहाड़ियों में जमा किया गया लगभग 12,000 किलोग्राम राशन भी बरामद किया, जिसे वे दो वर्षों तक छिपाकर रखे हुए थे। यह दर्शाता है कि नक्सली लंबे समय तक पहाड़ी क्षेत्रों में टिके रहने की तैयारी कर चुके थे, लेकिन सुरक्षा बलों की व्यापक रणनीति और योजनाबद्ध कार्यवाही ने उनके मंसूबों को असफल कर दिया।
इस अभियान में कुल 18 जवान घायल हुए हैं, जिन्हें आवश्यक चिकित्सकीय सहायता दी गई है। वहीं दूसरी ओर, बरामद साजो-सामान और नष्ट किए गए बंकर यह दर्शाते हैं कि यह अभियान नक्सलियों की बुनियादी संरचना को ध्वस्त करने में सफल रहा है।
यह अभियान न केवल रणनीतिक दृष्टि से सफल रहा, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापना की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं। इससे स्थानीय जनता का विश्वास भी बढ़ा है, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायित्व और विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण संकेतक है।