रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को नवा रायपुर में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के अस्थायी परिसर और आई-हब रायपुर का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए अपराध न्याय प्रणाली को वैज्ञानिक और आधुनिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
अमित शाह ने कहा कि नवा रायपुर में एनएफएसयू के स्थायी परिसर और केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब की स्थापना का कार्य शुरू हो गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 268 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अस्थायी परिसर में बीएससी, एमएससी फॉरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फॉरेंसिक और मनोविज्ञान जैसे पाठ्यक्रम सत्र 2025-26 से शुरू होंगे। पहले बैच में करीब 180 छात्र दाखिला लेंगे।
उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे मध्य भारत में आधुनिक अपराध जांच प्रणाली की नींव रखेगा। अब राजधानी या दिल्ली जाकर फॉरेंसिक जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फॉरेंसिक जैसी तकनीकें नवा रायपुर में ही उपलब्ध होंगी।
आई-हब को लेकर उन्होंने बताया कि यह संस्थान युवाओं को स्टार्टअप कल्चर से जोड़ेगा और उन्हें तकनीकी, फंडिंग और मार्केटिंग जैसी प्रोफेशनल सेवाएं देगा। उन्होंने युवाओं से खुद उद्योगपति बनने और राज्य के औद्योगिक विकास में भाग लेने की अपील की।
शाह ने कहा कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान को पहली बार वर्षा ऋतु में भी जारी रखा गया है।
नक्सलियों से उन्होंने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की और कहा कि अब समय बदल गया है। छत्तीसगढ़ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
अमित शाह ने बताया कि देशभर में एनएफएसयू के 16 परिसर बन चुके हैं और 10 और प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नए आपराधिक कानूनों का मकसद है तीन साल के भीतर न्याय देना और फॉरेंसिक साक्ष्यों पर आधारित प्रणाली लागू करना। अब सात साल से ज्यादा की सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य कर दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनएफएसयू विश्व का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जो फॉरेंसिक साइंस, साइबर सुरक्षा और व्यवहार विज्ञान पर केंद्रित है। रायपुर का यह परिसर राज्य को राष्ट्रीय शैक्षणिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए 40 एकड़ भूमि दी है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह संस्थान शोध, प्रशिक्षण और उपकरण निर्माण का केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि एनएफएसयू की स्थापना उन गिने-चुने राज्यों में हुई है जहां फॉरेंसिक सिस्टम को आधुनिक बनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ को इस पर गर्व है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य को 24 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं जिससे 33 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट बनाई जाएंगी। हर जिले में घटनास्थल पर तत्काल जांच की सुविधा होगी।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।