बीजापुर में भाजपा नेता की माओवादियों ने की हत्या, परिवार के सामने ही कुल्हाड़ियों से काटा, पर्चा भी छोड़ा

05 Feb 2023 18:32:02

nilkanth
छत्तीसगढ़ में माओवादियों द्वारा निर्दोष ग्रामीणों एवं जन प्रतिनिधियों को निशाना बनाए जाने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है इस क्रम में प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के सशस्त्र कैडरों ने नक्सल प्रभावित बीजापुर में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बर्बरता से हत्या कर दी है।
 
मृतक नेता की पहचान बीजापुर के उसूर मंडल में भाजपा अध्यक्ष नीलकंठ केक्कम के रूप में की गई है, जानकारी है कि माओवादियों ने इस जघन्य अपराध को तब अंजाम दिया है जब नीलकंठ आवापल्ली थाना क्षेत्र अंतर्गत अपने पैतृक गांव पैक्रम में अपने संबंधी की तैयारियों में जुटे थे।
 
सूचना के अनुसार माओवादियों की स्माल एक्शन टीम (सैट) ने नीलकंठ को घेरकर उन पर कुल्हाड़ियों से वार किया जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई, नक्सलियों ने इस घटना को नीलकंठ के परिवार के सामने ही अंजाम दिया है।
 
जानकारी है कि माओवादियों ने इस हत्या के उपरांत घटनास्थल पर एक हस्तलिखित पर्चा भी छोड़ा है जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) की मद्देड एरिया कमेटी ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
 
रिपोर्ट लिखे जाने तक पुलिस घटनास्थल पर छानबीन कर रही थी, हालाँकि पुलिस की ओर से इस जघन्य हत्या को लेकर अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है, इस संदर्भ में आईजी बस्तर सुंदरराज पी की ओर से बताया गया है कि घटनास्थल पर पुलिस की टीम को रवाना किया गया है, पुलिस की प्रारंभिक जांच के उपरांत ही इसपर औपचारिक जानकारी दी जाएगी।
 
बता दें कि यह पहला अवसर नहीं है जब नक्सलियों ने इस क्षेत्र में किसी भाजपा नेता को अपना निशाना बनाया है और इससे पूर्व बीजापुर के भोपालपट्टनम में भी एक अन्य भाजपा नेता की हत्या कर दी गई थी।
 
 
निर्दोष नागरिक भी हैं निशाने पर
 
बता दें कि बीते कुछ महीनों में नक्सलियों द्वारा किसी जनप्रतिनिधि अथवा निर्दोष नागरिक को कायराना ढंग से निशाना बनाने की दर्जनों घटनाएं अब तक सामने आ चुकी हैं, इस वर्ष की ही बात करें तो यह माओवादियों द्वारा की गई ऐसी तीसरी हत्या है जिसमें किसी सिविलियन को निशाना बनाया गया है।
 
ज्ञात हो कि बीते वर्ष में भी दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर एवं मोहला मानपुर के क्षेत्रों में माओवादियों ने 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी, मरने वालों में से ज्यादातर सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले किसान एवं मजदूर थे जिन्हें माओवादियों द्वारा पुलिस मुखबिर बताकर बर्बरता से उनकी हत्या कर दी गई थी। इस क्रम में कइयों को तो उनके परिजनों के सामने ही तड़पा कर मारा गया था, जबकि कइयों को अपहृत कर उनकी हत्या कर दी गई थी।
 
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