हिब्ज-उत-तहरीर (HuT) के आतंकवादी रायसेन के जंगल में करते थे कैंप, लेते थे फायरिंग की ट्रेनिंग

सभी गिरफ्तार गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। उक्त प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के दक्ष प्रशिक्षक द्वारा कैंप में शामिल सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती थी गोपनीय रूप से दर्श (धार्मिक सभा) आयोजित कर भड़काऊ तकरीरें दी जाकर जेहादी साहित्य का वितरण किया जाता था।

The Narrative World    17-May-2023
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भारत में इस्‍लामिक आतंकी किस तरह से जिहाद के रास्‍ते पर चलकर गैर मुसलमान को टार्गेट करने में लगे हैं, इसके एक के बाद एक कई मामले सामने आ चुके हैं। विदेशी फडिंग, मदरसों का सहयोग, कुरान की आयतों का अपनी सुविधानुसार इस्‍तमाल, भड़काऊ भाषण से रुपया इकट्ठा करना और आनेवाले वक्‍त में भारत को इस्‍लामिक देश बना देने का इनका स्‍वप्‍न है।


कहा जाए कि यदि इन चरमपंथियों के आपसी गठजोड़ और मंसूबे अब तक बार-बार सामने आने के बाद भी सफल नहीं हो पाए हैं तो इसका श्रेय देश की गुप्‍तचर संस्‍थाओं की सजगता, सक्रियता, एनआईए और राज्‍यों की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) को जाता है सोच सकते हैं कि ये सभी सतर्क, मुस्‍तैद न हों तो देश का ये क्‍या हाल करेंगे !


ताजा मामले में एक बार फिर मध्‍य प्रदेश के 'एंटी टेररिज्म स्क्वॉड' के हाथों बड़ी सफलता लगी है। एटीएस की ये कार्रवाई उन तमाम सेक्‍युलर वादी लोगों के मुंह पर भी एक तमाचा है जो हाल ही में इस्‍लामिक आतंक एवं लव जिहाद को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्‍म ''द केरल स्‍टोरी'' का विरोध करने में लगे हैं और इसे झूठा करार दे रहे हैं।


सोचने वाली बात है कि ये सभी खतरनाक मानसिकता रखनेवाले गिरफ्तार आरोपित चरमपंथी जिम ट्रेनर, कम्प्यूटर टेक्नीशियन, दर्जी, ऑटो ड्राइवर आदि के रूप में आमजन के मध्य रहकर अपने कार्य कार्य को अंजाद दे रहे थे, जिसमें कि एक तो भोपाल के कोहेफिजा में 'एडुफोरम ट्यूटोरियल्स' नाम से अपना कोचिंग सेंटर चला रहा था। (शिक्षा के माध्‍यम से इस्‍लामिक जिहाद फैलाने का प्रयास) एक एनजीओ से जुड़ा हुआ नाम सामने आया है।


पकड़े गए आतंकियों का स्‍वप्‍न भारत में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना है

 

मध्‍य प्रदेश में इस्‍लामिक चरमपंथी-आतंकी कैसे-कैसे हथियारों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जहां मुसलमान जनसंख्‍या अधिक है, उन क्षेत्रों को कैसे ये आतंकी सरलता से अपना हथियार बना लेते हैं इसके एक के बाद एक खुलासे इन दिनों राज्‍य में हो रहे हैं।


फिर एक बार एटीएस चीफ आदर्श कटियार और उनकी टीम ने प्रदेश में चल रहे आतंकवादियों के उस मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जोकि गैर मुसलमानों के लिए इतना सख्‍त है कि भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है।


दुनिया के 60 देशों में अपना नेटवर्क स्‍थापित कर देनेवाले इस इस्‍लामिक चरमपंथी आतंकी संगठन हिज्ब उत् तहरीर (HuT) का ख्‍वाब भारत में गजवा--हिंद करना है।


गजवा--हिंद के लिए काम कर रहे थे सभी आतंकी


यहां समझ लीजिए, गजवा का अर्थ होता है- इस्लाम को फैलाने के लिए की जाने वाली जंग। इस युद्ध में शामिल इस्लामिक लड़ाकों को 'गाजी' कहा जाता है। इस तरह मोटे तौर पर गजवा--हिंद का अर्थ हुआ भारत में युद्ध के जरिए इस्लामिक राज्य की स्थापना करना।


मध्‍य प्रदेश में भी इस विचार के सवप्‍न को साकार करने के लिए इस्‍लामिक चरमपंथी-आतंकियों ने बड़ी-बड़ी योजनाएं बना रखी थीं, लेकिन मध्‍य प्रदेश एटीएस ने पिछले 24 घण्‍टों में अनेक स्‍थानों पर छापामारी कर राज्‍य में गुपचुप तरीके से पनप रहे हिज्ब उत् तहरीर (HuT) संगठन के 16 संदिग्‍ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है।

 

ये राज्‍य के जंगलों का इस्‍तेमाल रायफल चलाने के प्रशिक्षण के लिए कर रहे थे। इसके पास से मिले देशविरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरवादी साहित्य और अन्य जब्त की गई तमाम सामग्री इनके आतंक के रास्‍ते पर चलने का पुख्‍ता प्रमाण दे रहे हैं।


आरोपितों को 19 मई तक के लिए रिमांड पर भेजा


मध्‍य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा का इस संबंध में कहना है ''भोपाल से गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथी संगठन हिब्ज-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े 10 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। हैदराबाद से गिरफ्तार 5 अन्य सदस्यों को भोपाल लाया जा रहा है।''


उन्होंने बताया कि पांच जो लोग हैदराबाद (तेलंगाना) से गिरफ्तार किए गए, उन्हें भी पुलिस पार्टी भोपाल ला रही है। इन सभी की फडिंग की गंभीरता से जांच की जा रही है। आरोपितों को 19 मई तक के लिए रिमांड पर भेजा गया है।


गृहमंत्री ने बताया कैसे लेते थे ये आतंकी जंगलों में रायफल का प्रशिक्षण


डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा बताते हैं कि 'ये लोग मध्‍य प्रदेश में जिला रायसेन के जंगलों में कैंप करके गोलीबारी का प्रशिक्षण लेते थे। ये सब बातें जांच के दायरे में आ गई हैं। राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के 11 सदस्‍यों को मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था।'


एटीएस की गिरफ्त में आए आरोपित भोपाल से सटे रायसेन के जंगलों में गोपनीय रूप से क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप में निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। जंगलों के बीच स्थित प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के संक्रिय सदस्य कैंप में शामिल सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे।


कार्यवाई को देखा जा रहा सीएम शिवराज के निर्देश के रूप में


आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों की बैठक कर उन्‍हें सख्‍त निर्देश दिए थे कि प्रदेश में कट्टरता नहीं सही जाएगी। उन्‍होंने इस बैठक में साफ शब्‍दों में कहा था ''राज्‍य में अवैध रूप से चल रहे उन मदरसों और संस्थानों का रिव्यू किया जाएगा, जहां कट्‌टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है।


मध्य प्रदेश में कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'' इसलिए राज्‍य में इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश में कट्टरवादी, अतिवादी व आतंकी संगठनों के खिलाफ लगातार सख्त मुहिम चलाए जाने के रूप में देखा जा रहा है।


आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) के खिलाफ देश में अब तक की है सबसे बड़ी कार्रवाई


मध्य प्रदेश एटीएस ने भोपाल के शाहजहांनाबाद, ऐशबाग, लालघाटी और पिपलानी क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब उत् तहरीर से जुड़े कई सदस्यों को पकड़ने में सफलता प्राप्‍त की है, जोकि देश की अब तक की इस आतंकी संगठन को लेकर सबसे बड़ी कार्रवाई भी है।


राजधानी भोपाल से दस तो राज्‍य के छिंदवाड़ा जिले से एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से पांच सदस्यों को अभिरक्षा में लिया गया है। मप्र पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967) एवं अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है।


भोपाल से गिरफ्तार किए गए संगठन के सदस्यों में यासिर खान 29 वर्ष निवासी शाहजनाबाद भोपाल (जिम ट्रेनर), सैयद सामी रिजवी 32 वर्ष निवासी मेलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, भोपाल (कोचिंग टीचर), शाहरूख निवासी जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल (दर्जी), मिस्बाह उल हक 29 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (मजदूरी), शाहिद निवासी जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (ऑटो ड्राइवर), सैयद दानिश अली, निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (सॉफ्टवेयर इंजीनियर), मेहराज अली 25 वर्ष निवासी मसूद भाई का मकान, ऐशबाग, भोपाल (कम्प्यूटर टेक्नीशियन), खालिद हुसैन 40 वर्ष निवासी बारेला गांव लालघाटी भोपाल, (टीचर और व्यवसायी), वसीम खान निवासी उमराव दूल्हा, ऐशबाग, भोपाल, मोहम्मद आलम 35 वर्ष निवासी नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा, भोपाल और करीम निवासी छिंदवाड़ा (प्रायवेट नौकरी) करनेवाले हैं जोकि आमजन के मध्य कार्य करते हुए संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।


ऐसे करते थे प्रशिक्षण, भर्ती और तैयारी


सभी गिरफ्तार गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। उक्त प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के दक्ष प्रशिक्षक द्वारा कैंप में शामिल सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती थी गोपनीय रूप से दर्श (धार्मिक सभा) आयोजित कर भड़काऊ तकरीरें दी जाकर जेहादी साहित्य का वितरण किया जाता था।


आरोपियों द्वारा ऐसे नवयुवकों की पहचान की जा रही थी, जो उग्र स्वभाव के हों और उन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक ना हो। सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे 'रॉकेट चैट', 'श्रीमा' एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे 'आईएसआईएस द्वारा भी किया जाता है।


यह थी आतंकी संगठन की योजना


संगठन की योजना ज्यादा से ज्यादा नवयुवकों को अपने संगठन से जोड़ने और उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध जेहाद के लिए तैयार करना है। सदस्यों को संगठन के लिए चंदा एवं संसाधन एकत्रित करने के लिए कहा जाता था। इनकी बड़े शहरों एवं भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बड़ी घटना को अंजाम देकर लोगों में भय पैदा करने की मंशा थी।


इसके लिए संगठन के सदस्यों द्वारा भारत के बड़े शहरों को चिन्हित किया गया था। वे विभिन्न स्थानों पर ड्रोन से टारगेट और क्षेत्र की रेकी करते थे। रेकी के पश्चात क्षेत्र का नक्शा तैयार कर घटना घटित करने की योजना तैयार कर रहे थे।


हिज्ब उत् तहरीर संगठन पर लगा है 16 देशों में प्रतिबंध


हिज्ब उत् तहरीर अथवा तहरीक--खिलाफत संगठन का नेटवर्क 60 से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस संगठन पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह संगठन भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है।


इसके लिए संगठन ने मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपना कैडर तैयार करना प्रारंभ कर दिया था। संगठन से जुड़े सदस्यों का उदेश्य नवयुवकों को भारत की वर्तमान शासन प्रणाली इस्लाम विरोधी बताकर संगठन से जोड़ना था। संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर और हिंसक कार्रवाई कर खिलाफत कायम करना चाहते थे।


सीएम शिवराज ने फिर दोहराया- मंसूबों को हम कभी पूरा नहीं होने देंगे


मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बुधवार एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा है, ''अशांति फैलाने वाले अराजक तत्वों के मंसूबों को हम कभी पूरा नहीं होने देंगे।


देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े 11 सदस्यों को मध्यप्रदेश में गिरफ्तार किया गया है। तलाशी में उनके पास से देश-विरोधी, जेहादी व विस्फोटक बनाने का साहित्य बरामद हुआ है। ''


उल्‍लेखनीय है कि इसके पूर्व जमात--मुजाहिद्दीन बांग्लादेश ( JMB) और पीएफआई जैसे संगठनों पर भी मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है।


मार्च 2022 में एटीएस द्वारा जमात--मुजाहिद्दीन बांग्लादेश मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। इस दौरान तीन बांग्लादेशी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था।


एमपी एटीएस की कार्रवाई के आधार पर देश के अन्य राज्यों में भी कार्रवाई की गई थी। सितंबर 2022 में मप्र पुलिस ने प्रतिबंधितसंगठन पीएफआई (PFI) के 22 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी। यह कार्रवाई लगातार जारी हैं।


लेख

डॉ. मयंक चतुर्वेदी