लव जिहाद की भेंट चढ़ती हिंदू लड़कियां

लड़कपन से गुजरने वाली हिंदू लड़कियां जो कि अपने रीति रीवाजों और परम्पराओं से अनभिज्ञ हैं। वही ऐसे छद्म वेशीयों के षडयंत्र का शिकार पहलें और सरलता हो रही हैं। पिछले कुछ महीनों में लव जिहाद में हत्या और अन्य अपराध के जो भी मामलें आए हैं। उनमें से अधिकांश लड़कियां सेक्यूलर विचार को मानने वाली थी। फिर भी हमारें बीच का सैक्यूलर वर्ग लव जिहाद जैसे षडयंत्र को मानने से इंकार करता आ रहा हैं।

The Narrative World    06-Jun-2023
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देश उस समय सन्न रह गया जब ऐका एक 28 मई 2023 को दिल्ली में हुई एक लड़की की हत्या का सीसीटीवी विडियों तेजी से वाइरल हो गया। विडियों में साफ तौर पर दिखाई दिख रहा था कि किस प्रकार से एक लड़के के द्वारा पहले चाकूओं के वार से, और फिर भी मन नहीं भरा तो बड़े पत्थर से एक लड़की की हत्या की गयी।


घटना के बाद जानकारी सामने आने पर पता चला कि हत्या करने वाला लड़का मुस्लिम हैं और लड़की हिंदू हैं। और पूरा मामला लव जिहाद के रूप में सामने आ रहा हैं।


यदि 28 मई से लेकर उसके बाद के दो तीन दिन की रिपोर्ट निकाली जाए तो हम पाएंगे कि दिल्ली की घटना के बाद से लगातार 21 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।


जिसमें लव जिहाद के चलते हिंदू लड़कियों की हत्या मुस्लिम युवकों के द्वारा की गयी हैं। इसमें तो 01 जून 2023 का एक मामला वही बालासोर का भी हैं, जहां 02 जून, शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई हैं। लव जिहाद के चलते हिंदू लड़कियों के उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही हैं। या यह कहें कि ऐसे मामले अब लगातार सामने आ रहें हैं।


'द केरला स्टोरी' में आतंकवाद के लिए बताएं गए लव जिहाद के स्वरूप से एक कदम आगे बढ़ते हुए अधिक आधुनिक तरीके से वर्तमान में लव जिहाद की गतिविधियों को पूरा किया जा रहा हैं। वर्तमान में मुस्लिम युवकों के द्वारा नाम बदलने के साथ हिंदू रीति रिवाज और परम्पराओं का छद्म स्वरूप धारण करते हुए लव जिहाद को षडयंत्र के रूप में अंजाम दिया जा रहा हैं।


लड़कपन से गुजरने वाली हिंदू लड़कियां जो कि अपने रीति रीवाजों और परम्पराओं से अनभिज्ञ हैं। वही ऐसे छद्म वेशीयों के षडयंत्र का शिकार पहलें और सरलता हो रही हैं। पिछले कुछ महीनों में लव जिहाद में हत्या और अन्य अपराध के जो भी मामलें आए हैं। उनमें से अधिकांश लड़कियां सेक्यूलर विचार को मानने वाली थी। फिर भी हमारें बीच का सैक्यूलर वर्ग लव जिहाद जैसे षडयंत्र को मानने से इंकार करता आ रहा हैं।


लव जिहाद के विषय पर जब भी बात होती हैं, तो भारत में एक ऐसा वर्ग हैं, जो सिरें से लव जिहाद के रूप में चल रहें जिहादी षडयंत्र को नकारने का काम करता रहा हैं, और उस वर्ग का यह प्रयास निरंतर जारी हैं।


इसके आधार पर हम एक पल के लिए यह मान भी सकते हैं कि लव जिहाद जैसा कोई षडयंत्र नहीं हैं। क्योंकि वास्तव में लव जिहाद शब्द का पहली बार प्रयोग केरल में एक क्रिश्चियन बिशप के द्वारा किया गया था।


जिसको उस समय न्यायालय में भी कहा गया कि मुस्लिम लड़को के द्वारा क्रिश्चियन लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर उनका धर्मांतरण किया जा रहा हैं। किंतु वास्तव में गैर इस्लामीक लड़कियों को झूठ के आधार पर षडयंत्र पूर्वक अपने वश में करना और उनका यौन उत्पीड़न करना विशुद्ध रूप से 'जिहाद' ही है।


यह सभी कुछ कट्टर इस्लामिक जिहाद का शहरी स्वरूप हैं। जिसमें हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने के बाद उनका हर प्रकार से उपयोग किया जाता हैं और उपयोगिता समाप्त होने के बाद मारकर फेंक दिया जाता हैं।


लव जिहाद रूपी 'जिहाद' के विषय में हिंदू परिवारों में खुलकर विचार विमर्श की आवश्यकता हैं। क्योंकि 'जिहाद' के तहत ही हिंदू लड़को को भी ड्रग्स के जाल में लगातार फंसाया जा रहा हैं।


तो वही हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा हैं। समाज के ऐसे परिवारों को चिंहित करना अति आवश्यक हैं। जों इनका शिकार आसानी बन सकते हैं।


समाज को सार्वजनिक चर्चा में लव जिहाद को शामिल करना अतिआवश्यक हैं। क्योंकि यह एक पूरी पीढ़ी के लिए चिंता के साथ ही चिंतन का भी विषय हैं।


लेखक

सनी राजपूत
अधिवक्ता और कर सलाहकार