सामान्यतः भारत में चुनाव एक बड़ा उत्सव होता है, परंतु प्रथम चरण के मतदान प्रतिशत के आंकड़े अन्यथा कह रहे हैं। इस वर्ष मतदान प्रतिशत में भारी कमी देखने को मिली है।
विशेषज्ञ इसके कई अनुमान लगा रहे हैं, तथा सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही इसे अपने मुताबिक बता रहे हैं। परंतु गिरता मतदान प्रतिशत सभी के लिए एक चिंता का विषय है। देश के हृदय में बसा मध्य प्रदेश भी चुनाव के अगले चरणों की ओर अग्रसर है, ऐसे में आईए जानते है की मध्य प्रदेश की जनता का क्या रुझान है। मध्य प्रदेश की संरचना को तीन क्षेत्रों में समझा जा सकता है महाकौशल क्षेत्र, मध्य क्षेत्र तथा मालवा क्षेत्र।
महाकौशल क्षेत्र, मध्य प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र है जो नर्मदा नदी के ऊपरी और पूर्वी भाग में स्थित है। यह क्षेत्र गोंदी, परधान, भारिया और अन्य जनजातियों के लोगों से गहरी रूपरेखा बनाता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से, यह क्षेत्र चुनावों में महत्वपूर्ण रहता है। इस क्षेत्र में जातिवाद, विकास और पर्यावरणीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होती है।
2019 चुनाव में महाकौशल क्षेत्र ने ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश में जीवित रखा था, यहां की छिंदवाड़ा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ ने चुनाव जीतकर प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक सीट और विपक्ष की कुर्सी बचाई थी।
परंतु यह चुनाव पिछले चुनाव से बहुत अलग है, जहां भाजपा देश भर में 400 से ज्यादा सीटें लाने का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस और इंडि गंठबंधन इस चुनाव को अपने आखिरी मौके की तरह देख रही है। दोनों ही ओर से जमकर कोशिश की जा रही है, परंतु अंत में फैसला तो जनता के ही हाथों में है।
मध्य और मालवा क्षेत्र की बात करें तो पिछले चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस या अन्य किसी प्रतिद्वंद्वी को कोई भी मौका नहीं दिया था। इस क्षेत्र में जहां भाजपा अपने प्रदर्शन से निश्चित नजर आती है, वहीं कांग्रेस को इन क्षेत्रों में अभी मेहनत करने की आवश्यकता है।
मालवा क्षेत्र की बात करें तो यह मध्य प्रदेश का पश्चिमी भाग है जो एक ज्वालामुखी उत्पन्नता की पठार पर स्थित है। इस क्षेत्र की जनसंख्या विविधता से भरपूर है, जहां लोकसभा क्षेत्रों के आंकड़े राजनीतिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण साबित होते हैं।
मालवा क्षेत्र में शामिल जिले हैं जैसे कि इंदौर, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, देवास, झाबुआ, अलीराजपुर, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच तेजी से बदलती राजनीतिक परिवर्तनों की घटना देखने को मिलती है। यहां की जनता मुख्य रूप से कृषि, व्यापार और उद्योग से जुड़ी है।
जहां एक ओर भाजपा एवं अन्य पार्टियां अपने संकल्प पत्रों, एवं प्रचार के द्वारा जनता को रूझाने में लगी है, वहीं अब पूरा दारोमदार जनता के हाथों में है जहां उन्हें अपने लिए उचित सरकार चुननी है।
जनता भाजपा की देशव्यापी नीतियों जैसे धारा 370 का हटना, श्री राम मंदिर भव्य प्रतिष्ठा, तीन तलाक, विश्व स्तर पर भारत का परचम आदि से प्रसन्न दिखाई देती है, परंतु कई मुद्दे जैसे कि अन्य पार्टियों से भाजपा में आ रहे नेता जनता के बीच चिंता का विषय भी है। ऐसे में अब जिम्मेदारी पक्ष-विपक्ष दोनों की है कि वे कितनी सजगता से अपनी बात जनता के बीच रख पाते हैं।
मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्र विविधता से परिपूर्ण है, यहां के तीनों क्षेत्रों को मिलाकर 29 लोकसभा सीटों के इस चुनावी यज्ञ की पूर्णाहुति 13 मई को दी जाएगी और इसका फल 4 जून को प्रकट होगा। आपसे निवेदन है कि प्रथम चरण के गिरते मतदान प्रतिशत के विपरीत आने वाले चरणों में जमकर मतदान कर अपने मत का सदुपयोग करें तथा देश सेवा में भागीदारी बने।
लेख
चयन सांघवी
यंगइंकर
झाबुआ, मध्यप्रदेश