छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के नेशनल पार्क इलाके में सुरक्षाबलों ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इनमें 3 महिला नक्सली शामिल हैं। जवानों ने मौके से इंसास राइफल, स्टेनगन, 303 राइफल, विस्फोटक और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की।
बीजापुर DRG, दंतेवाड़ा DRG और स्पेशल टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ को अंजाम दिया। बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि सुरक्षाबलों की तेजी और सूझबूझ से नक्सलियों को करारा झटका लगा है।
बस्तर रेंज IG सुंदरराज पी. ने कहा कि यह सफलता निर्णायक है। उन्होंने बताया कि माओवादी संगठन अब नेतृत्वविहीन, दिशाहीन और मनोबलहीन स्थिति में है। वह अपने कुछ बचे ठिकानों में छिपकर किसी तरह टिके हुए हैं, लेकिन अब उनका अंत नजदीक है।
इसी दौरान छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के तारलागुड़ा इलाके में भी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। सर्चिंग के दौरान जवानों ने एक घायल नक्सली को पकड़ लिया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और इलाज भी जारी है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जो नक्सली सरेंडर करेंगे, सरकार उन्हें सुरक्षित वापसी और पुनर्वास का अवसर देगी। लेकिन जो हथियार उठाएंगे, उन्हें सुरक्षाबल उसी भाषा में जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार शांति चाहती है, पर नक्सल हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस बीच नक्सली कमांडर हिड़मा की मां माड़वी पुंजी और बारसे देवा की मां बारसे सिंगे ने अपने बेटों से आत्मसमर्पण की अपील की। हिड़मा की मां ने भावुक होकर कहा, “कहां पर हो बेटा, आ जाओ। गांव में ही कमाई करके खाएंगे, जनता के साथ जीएंगे।” वहीं बारसे देवा की मां ने कहा, “घर आ जा बेटा। यहीं रहकर मेहनत करेंगे, अब जंगल में मत भटको।”
हिड़मा इस वक्त माओवादी संगठन की सेंट्रल ऑर्गनाइजिंग कमेटी (COC) में शामिल है और बटालियन नंबर-1 का प्रमुख है।
छह दिन पहले भी बीजापुर जिले में पुलिस ने तेलंगाना बॉर्डर के जंगलों में तीन नक्सलियों को मार गिराया था। लगातार हो रही कार्रवाई ने नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर कर दिया है और अब वे सुरक्षा बलों के सामने टिक नहीं पा रहे हैं।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र