छत्तीसगढ़ के सुकमा में रविवार सुबह सुरक्षा बलों ने भेज्जी और चिंतागुफा की सीमा पर चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादी गतिविधि पकड़ी और तुमालपाड़ के जंगल में सीधे लड़ाई शुरू कर दी। जवानों ने 2 महिला समेत 3 नक्सलियों को मौके पर ही ढेर कर दिया। पुलिस ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में जनमिलिशिया कमांडर और स्नाइपर स्पेशलिस्ट माड़वी देवा शामिल है। सभी के सिर पर 5 लाख का इनाम था और सुरक्षा बलों ने वहां से 303 राइफल, BGL लॉन्चर और अन्य हथियार भी जब्त किए।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि जवानों को 16 नवंबर की रात नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी। यह इनपुट मिलते ही DRG की टीम ने इलाके में सर्च शुरू किया। सुबह होते ही नक्सलियों ने जंगल में छिपकर अचानक हमला किया लेकिन जवानों ने जवाबी फायरिंग में उन्हें तुरंत काबू कर लिया। दोनों तरफ से कई घंटों तक रुक रुक कर गोलीबारी चली और आखिर में तीनों नक्सली जमीन पर गिर पड़े।
आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बस्तर में माओवाद अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। संगठन कमजोर हो चुका है और माओवादी कैडर डर के माहौल में इधर उधर भाग रहे हैं। उन्होंने बताया कि साल 2025 में बस्तर रेंज में अब तक 233 माओवादी मारे जा चुके हैं और यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि नक्सलियों की हार तय हो चुकी है। मुठभेड़ के बाद DRG, बस्तर फाइटर्स और CRPF की टीमें आसपास के इलाकों में लगातार सर्च कर रही हैं ताकि कोई माओवादी भाग न सके।
मारे गए नक्सलियों की पहचान में माड़वी देवा के साथ पोड़ियम गंगी और सोड़ी गंगी के नाम सामने आए हैं। तीनों कोंटा और किस्टाराम इलाके में सक्रिय थे और लंबे समय से ग्रामीणों को धमकाने, जबरन वसूली करने और हमले की साजिश रचने में शामिल थे।
चार दिन पहले भी सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में बड़ा हमला किया था। 11 नवंबर को हुए ऑपरेशन में 3 महिला समेत 6 नक्सली मारे गए थे। इनमें मद्देड़ एरिया कमेटी का इंचार्ज बुच्चन्ना और शीर्ष नक्सली लीडर पापाराव की पत्नी उर्मिला शामिल थी। इस कार्रवाई में कुल 27 लाख के इनामी नक्सलियों का खात्मा हुआ था।
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से तीन एरिया कमेटी खाली हो चुकी हैं। भैरमगढ़ के इंचार्ज कमलू और गंगालूर के इंचार्ज दिनेश मोढियम पहले ही सरेंडर कर चुके हैं। अब मद्देड़ कमेटी का इंचार्ज बुच्चन्ना भी मारा गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब बीजापुर में सिर्फ 1 या 2 एरिया ही बचे हैं जहां नक्सली छिपे हुए हैं।
नक्सली संगठन भी अंदर से टूट चुका है। पुलिस के अनुसार संगठन के 54 टॉप नक्सलियों में से अब केवल 10 ही बचे हैं। बीजापुर एसपी डॉ जितेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस सीधे नक्सली लीडरों को निशाना बना रही है ताकि माओवादी नेटवर्क पूरी तरह खत्म हो जाए। उन्होंने साफ कहा कि अब माओवादियों के पास या तो सरेंडर करने का रास्ता है या फिर मारे जाने का जोखिम।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र