सुरक्षाबलों ने बुधवार को छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मारेडुमिली के घने जंगलों में मुठभेड़ के दौरान 7 नक्सलियों को मार गिराया। जवानों ने यह कार्रवाई हिडमा के खात्मे के अगले ही दिन की और संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को और तेज किया। एजेंसियों को नक्सल महासचिव देवजी की मौजूदगी के इनपुट मिले थे, इसलिए बल तुरंत इलाके में पहुंचे और माओवादियों को घेरकर जवाबी कार्रवाई की।
ADG इंटेलिजेंस महेश चंद्र लड्डा ने बताया कि मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली भी मारे गए हैं। टीमें शव और हथियार बरामद कर चुकी हैं। अधिकारी ने बताया कि चार नक्सलियों की पहचान हो गई है। इनमें जोगाराव, चेल्लुरी नारायण राव जो स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर था, आजाद जो स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर था और ज्योति जो डिविजनल कमेटी मेंबर थी, शामिल हैं। तीन अन्य की पहचान जारी है।
अधिकारी ने बताया कि देवजी के मारे जाने की खबर भी सामने आई है। वह पोलित ब्यूरो मेंबर था, 2025 में महासचिव बना था और डेढ़ करोड़ का इनामी था। वह तेलंगाना के करीमनगर का रहने वाला था और दक्षिण भारत में नक्सल गतिविधियों को फैलाने की कोशिश करता था। उसने गोवा से लेकर केरल तक गुरिल्ला जोन खड़ा करने की योजना बनाई और लालगढ़ आंदोलन में भी सक्रिय रहा। दंतेवाड़ा और रानीबोदली जैसे बड़े हमलों के पीछे भी उसी का दिमाग था।
सुरक्षाबलों ने बताया कि वे उसी इलाके में फिर से माओवादियों से भिड़े जहां एक दिन पहले हिडमा अपनी पत्नी और छह साथियों के साथ मारा गया था। टीमें अब जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं और माओवादी नेटवर्क को तोड़ने में लगातार सफलता मिल रही है।
इसी दौरान डोंगरगढ़ के बोरतलाव क्षेत्र में भी मुठभेड़ हुई। वहां गोली लगने से एमपी पुलिस का एक जवान शहीद हो गया। घायल एएसआई आशीष शर्मा को अस्पताल लाया गया, लेकिन वह बच नहीं सके। तीन राज्यों की पुलिस उस इलाके में संयुक्त अभियान चला रही है।
सुरक्षाबल अब पूरे दंडकारण्य क्षेत्र में दबाव बढ़ा रहे हैं। देवजी, हिडमा और शंकर जैसे खतरनाक माओवादी खत्म होने के बाद संगठन की पुरानी संरचना बिखर रही है और स्थानीय गांव राहत महसूस कर रहे हैं।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र