छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रार्थना सभा की आड़ में कन्वर्जन की कोशिश सामने आई, पुलिस ने मौके पर 30 लोगों के हाथ में बाइबिल पाए और बिना अनुमति आयोजन करने पर तीन लोगों पर FIR दर्ज की।
बिलासपुर के पचपेड़ी क्षेत्र के ग्राम चिल्हाटी में यह मामला सामने आया। गांव की निवासी अनिता नायक ने बुधवार को अपने घर पर प्रार्थना सभा रखी। बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और युवतियां यहां पहुंचीं। ग्रामीणों ने बताया कि आयोजक लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसा रहे थे। इस जानकारी के बाद गांव में नाराजगी फैल गई और लोगों ने जिम्मेदारों को रोके बिना नहीं छोड़ा।
बजरंग दल के नारायण पटेल और स्थानीय कार्यकर्ता यहां पहुंचे और उन्होंने मौके पर विरोध दर्ज किया। भीड़ बढ़ने के कारण माहौल तनावपूर्ण हुआ। सूचना मिलते ही पचपेड़ी थाने की पुलिस टीम भी वहां पहुंची। पुलिस ने आयोजन की अनुमति मांगी तो आयोजकों ने कोई कागज नहीं दिखाया। पूछताछ में यह भी पता चला कि पास्टर को बाहर से बुलाया गया था और वह सभा में लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस टीम ने अनिता नायक के साथ दो अन्य लोगों को पकड़ा। इनकी पहचान अम्बद देवदास और जे प्रभाकर राव के रूप में हुई। तीनों पर बीएनएस की धारा 299 और 3(5) के तहत मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने बताया कि यह लोग बिना अनुमति सभा चला रहे थे और ग्रामीणों ने इनके उकसाने वाले व्यवहार की शिकायत की थी। पुलिस ने सभी तथ्यों की जांच कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
गांव के लोगों ने बताया कि आयोजकों ने सभा के बाद भोजन की तैयारी भी कर रखी थी। ग्रामीणों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भोजन और अन्य लाभ का लालच देकर इकट्ठा किया गया। ग्रामीणों ने इसे सीधे तौर पर कन्वर्जन की साजिश बताया। गांव में ऐसी गतिविधियों को लेकर लोगों में गुस्सा है और वे इसे रोकने की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि कुछ लोग प्रार्थना सभा जैसे धार्मिक कार्यक्रमों की आड़ में कमजोर तबके को निशाना बनाते हैं। वे लालच देकर धर्म बदलने की कोशिश करते हैं जो समाज में अविश्वास पैदा करता है। ऐसी घटनाएं लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं और सामाजिक एकता को तोड़ती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह की गतिविधियां दोबारा न हों।
कन्वर्जन के नाम पर लालच देना कानून का उल्लंघन है और समाज को बांटने वाला कदम है। बिलासपुर की यह घटना राज्य में धार्मिक संतुलन पर सवाल खड़ा करती है। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और ग्रामीण भी सतर्क होकर ऐसे प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।
लेख
शोमेन चंद्र