भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से जाना जा रहा है, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की रक्षा नीति और रणनीतिक निर्णय कितने प्रभावी रहे हैं। विशेष रूप से, राफेल लड़ाकू विमानों और S-400 'सुदर्शन चक्र' एयर डिफेंस सिस्टम की भूमिका ने इस संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस संघर्ष की शुरुआत 22 अप्रैल को हुई, जब कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। भारत ने इस हमले का दोष पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों पर मढ़ा और जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
भारत के राफेल लड़ाकू विमानों ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन विमानों ने स्कैल्प मिसाइलों के माध्यम से पाकिस्तान के भीतर लगभग 100 किलोमीटर अंदर स्थित बहावलपुर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बिना सीमा पार किए।
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारत के 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारत के S-400 'सुदर्शन चक्र' एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया । इस प्रणाली ने पाकिस्तान के 50 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया, जिससे भारतीय सैन्य ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
इस संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया कि भारत के साथ पूर्ण युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है । हालांकि, भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों और रणनीतिक संयम के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित रखा है।
राफेल और S-400 की खरीद के समय भारत को कई आंतरिक और बाहरी दबावों का सामना करना पड़ा था। अमेरिका ने रूस से S-400 खरीदने पर भारत को प्रतिबंधों की धमकी दी थी , जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल सौदे को 'घोटाला' करार दिया था । इसके बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दबावों का सामना करते हुए देश की रक्षा क्षमताओं को प्राथमिकता दी।
इस संघर्ष ने यह साबित कर दिया है कि भारत की रक्षा नीति और रणनीतिक निर्णय सही दिशा में थे। राफेल और S-400 जैसे अत्याधुनिक हथियारों की तैनाती ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक बढ़त दिलाई है। यह संघर्ष भारत की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक दृढ़ता का प्रमाण है।
इस प्रकार, 'ऑपरेशन सिंदूर' ने न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित किया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि सही निर्णय और रणनीतिक दृढ़ता से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़